Tuesday, November 27, 2018

शिक्षक केवल डिग्रियाँ लेने से ही नही बना जाता हर इंसान के अंदर कुछ न कुछ प्रतिभा होती है वही उसका शिक्षक बनने की ओर रास्ता खोलता है। कृपया इस साधारण व्यक्ति से डिजिटलीय प्लेटफॉर्म का बेहतरीन उपयोग से आप भी अपनी प्रतिभा को देश विदेश के लोगों तक पहुँचा सकते हो। बस इसके लिए सीखना जरुरी है। इस अद्भुत वीडियो में वैंसे तो बाँसुरी बजाना सिखाया जा रहा मगर ध्यान देने योग्य बात कुछ ओर है। एक ऐंसा व्यक्ति यूट्यूब चैनल पर सीखा रहा है जिसके बारे में हम सोच भी नही सकते हैं। आप भी अपनी प्रतिभा को यूट्यूब के द्वारा निखार सकते हैं।

https://youtu.be/c0YhcD0jmQ0


Sunday, November 18, 2018

ऋतु रिश्ते या रूप सभालूँ
या सूरज की ये धूप सभालूँ
बचपन रूठा छूटे खेल-खिलौने
किसको अब मैं साथी बनालूँ।

अब तो हवा से डर लगता है
पानी जहर सा यहाँ बिकता है
खाने में अब क्या क्या खाएँ
आदमी, आदमी कहाँ दिखता है।

रोज सबेरे मन घबराये
छोड़ धरातल चढ़ता जाये
जितना खींचूँ पलपल अपना
उतना दलदल बढ़ता जाये। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Friday, November 9, 2018

डिजिटल मार्केटिंग क्या है

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या इंटरनेट के द्वारा की जाने वाली मार्केटिंग को डिजिटल मार्केटिंग कहा जाता हैl व्यापार का लाभ उठाने के लिए बहुत से डिजिटल चैनलों, ब्लोगों, वेबसाईटों, पोर्टलों, सर्च इंजनो, सोशियल मीडियाओं एवं ई-मेल आदि का जब मार्केटिंग के लिए उपयोग होता है तो यह डिजिटल मार्केटिंग कहलाता है संभावित ग्राहकों तक इंटरनेट से बहुत आसानी से पहुंचा जाता है आज के समय इंटरनेट की अत्यधिक सुलभता है यही सबसे बड़ा कारण है कि डिजिटल मार्केटिंग सटीक और कम खर्चीले तौर पर बड़ी तेजी से परम्परागत तरीके की मार्केटिंग को धीरे धीरे पछाड़ रही हैl आज हर कंपनी, बाजार, स्कूल, व्यापार, सभी के लिए ऑन लाईन मार्केटिंग एक लाभदायक प्लेटफ़ॉर्म बन कर उभर रही हैl अधिक जानकारी के लिए  यहाँ  क्लिक  करें।




Friday, November 2, 2018

तीसोगु न रयाँ

ईं धरती मा आइकी तीसोगु न रयाँ!
नौबत नि आँयीं चैन्दि तुम कना छयाँ,
चली अपरि खुट्टीयोंन् बाटू नापदी रयाँ,
ईं धरती मा आइकी तीसोगु न रयाँ!!

हिल्गैकी चल्याँ ठोकरु तैं ध्यान रख्याँ रे,
मिठास मा न डूब्याँ, न ई आम पक्याँ रे
तुमरा कंधोंमा नाचणा,अपरा यूँका थक्याँ छन रे,
यूँकी बाथुमा किलै लग्याँ पूछा यूँ तैं ई कखा छन रे।
तुम भी उथी जाणदा आखर जथा यूँ तै पता छन रे,
चल नि सक्दा बड़ी नि सक्दा इत इनी डाळी इनी लता छन रे।

ईं धरती मा आइकी तीसोगु न रयाँ!
नौबत नि आँयीं चैन्दि तुम कना छयाँ,
चली अपरि खुट्टीयोंन् बाटू नापदी रयाँ,
ईं धरती मा आइकी तीसोगु न रयाँ!! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'













Thursday, November 1, 2018

वेल्डिंग सर्टिफिकेशन ट्रैनिंग प्रोग्राम

अक्सर हमारे गाँवों में जो बच्चे अपने पारिवारिक प्रस्थितिययों के कारण अपनी शिक्षा को बीच में ही छोड़ कर जॉब तलाशते हैं उन युवाओं के लिए वेल्डिंग सर्टिफिकेट ट्रैनिंग प्रोग्राम बहुत उपयोगी प्रोग्राम है। इस प्रोग्राम को करने के बाद व्यक्ति टेक्निकल हो जाता है और आराम से बडे से बडे  फेब्रिकेशन प्लांटों के साथ साथ अंर्तराष्ट्रीय कंपनियों में अच्छा मौका मिल जाता है। संपूर्ण देश मे इस तरह के प्रशिक्षण प्राप्त 5 से 8 प्रतिशत लोग ही होते है। अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।






Monday, October 29, 2018

प्याज केवल सब्जी नही है।

प्याज का जादू: ऐसा करें तो हो जाएंगे पथरी के टुकड़े- टुकड़े

हमारे भारत में खाने को मसालेदार और स्वादिष्ट बनाने के लिए अनेक तरह के मसालों के साथ ही प्याज, लहसुन, अदरक, हरीमिर्च और धनिया आदि डालकर खाने को जायकेदार बनाया जाता है। स्वाद बढ़ाने वाली इन चीजों में कई ऐसे रासायनिक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिये वरदान से कम नहीं। क्योंकि ये वस्तुएं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को इतना अधिक बढ़ा देती हैं कि उस पर बीमारियां का असर होता ही नहीं। कहते हैं प्याज का तड़का खाने का स्वाद कई गुना बढ़ा देता है।

लेकिन प्याज सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता यह बहुत अधिक गुणकारी भी है। आइए आज हम आपको बताते हैं प्याज के कुछ ऐसे प्रयोग जिन्हें अपनाकर आप भी कई गंभीर समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।प्याज को काटकर सूंघने से भी सिर का दर्द ठीक होता है।  जो खाली पेट रोज सुबह प्याज खाते हैं उन्हें किसी प्रकार की पाचन समस्यायें नहीं होती और दिनभर ताजगी महसूस करते हैं। मासिक धर्म की अनियमितता या दर्द में प्याज के रस के साथ शहद लेने से काफी लाभ मिलता है। इसमें प्याज का रस 3-4 चम्मच तथा शहद की मात्रा एक चम्मच होनी चाहिए।  गर्मियों में प्याज रोज खाना चाहिए। यह आपको लू लगने से बचाएगा। प्याज का रस और सरसों का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है।

प्याज के 3-4 चम्मच रस में घी मिलाकर पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है। प्याज के रस में चीनी मिलाकर शर्बत बनाएं और पथरी से पीडि़त व्यक्ति को पिलाएं। इसे प्रात: खाली पेट ही पिएं। मूत्राशय की पथरी छोटे-छोटे कणों के रूप में बाहर निकल जाएगी। लेकिन ध्यान रहे, एक बार में इसका बहुत अधिक सेवन न करें। बवासीर में प्याज के 4-5 चम्मच रस में मिश्री और पानी मिलाकर नियमित रूप से कुछ दिन तक सेवन करने से खून आना बंद हो जाता है। घाव में नीम के पत्ते का रस और प्याज का रस समान मात्रा में मिलाकर लगाने से शीघ्र ही घाव भर जाता है। प्याज के रस में दही, तुलसी का रस तथा नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं। इससे बालों का गिरना बंद हो जाता है और रूसी की समस्या से भी निजात मिलती है।


Sunday, October 28, 2018

स्वरोजगार विना इन्वेस्टमेंट के कैंसे शुरू करें।

आज के समय में शिक्षा के आधुनिकीकरण और तकनीकी विस्तार से कारण अधिकांशतः युवा स्वविलम्बन की ओर मुखातिर हो रहे हैं। मगर सबसे बड़ी समस्या आती है ट्रैनिंग और वित्त की। दूसरा अपने पसंद और बाजार के उन स्वरूपों की जो समय या स्वरूप के अनुसार भी कुछ आगे तक ले जाने की क्षमता रखते हों।  ऐंसे कुछ चुनिंदा या यूँ कहें कुछ सदाबहार उद्यम हैं जिन से अपना कैरियर आगे बढ़ाया जा सकता है। यहाँ पर अनुभव की ज्यादा जरूरत नही पड़ती है और न ही आपको पूँजी लगाने की जरूरत महसूस होती है।
जैंसे इन्सुरेंस, प्रॉपर्टीज कन्सर्टटेंट, कन्टेंट राईटिंग, डिजाईनिंग, कैरियर काउंसलर, फाइनेंशियल एडवाईजर, गवर्मेंट स्किम इंफोर्मर्स, गवर्मेंट टेंडरिंग और डॉक्यूमेंटेशन, मार्केटिंग कन्सर्टटेंट, फोटो ग्राफी, ग्राफिक डिजाईनिंग, बुक राईटिंग, वेब पेज एडिटिंग, टूर कन्सर्टटेंट, ऑनलाइन सेलिंग, फेसबुक पेज मैनेजिंग, ट्यूशन सेंटर, टी काउंटर और फूड काउंटर आदि इस तरह बहुत से कार्य हैं जिन्हें हम सीधे तौर पर बिना पूँजी या थोड़ा बहुत पूँजी के साथ  घर से ही शुरू कर सकते हैं।





पपीते के फायदे

सस्ता और हर सीजन में मिलने वाला फल पपीता सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसे खाने से पेट संबंधी तकलीफें दूर होती हैं, वहीं बालों और स्किन को भी खूबसूरत बनाता है। इसके और भी कई लाभ हैं।

जिन लोगों को किडनी की तकलीफ होती है, उन्हें रोज पपीता खाना फायदेमंद माना जाता है।
दांत संबंधी तकलीफें भी पपीता खाने से दूर होती हैं। दांत हिलने, दांतों से खून आने और ऎसी परेशानियों में राहत मिलती है।
पपीता खाने से आंखों की रोशनी भी अच्छी बनी रहती है।
अगर पेट में कीड़े हों, तो कच्चे पपीते का जूस फायदा करता है। इसे दिन में दो बार पीने से कीड़े खत्म होने लगेंगे।
खाली पेट पपीता खाने से बवासीर की शिकायत दूर होती है।
सेंधा नमक, जीरा पाउडर और नीबू के साथ खाने पर कब्ज दूर होती है।
महिलाओं के लिए पपीते का रस बहुत लाभकारी होता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान पपीता बहुत हानिकारक होता है, क्योंकि इसकी तासीर बहुत गर्म होती है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छी नहीं होती।

पपीते की पत्तियां भी रामबाण की तरह काम करता है, यह कैंसर को दूर करने में बहुत सहायक होती हैं।
पपीता वजन कम करने में भी काम आता है।
पपीते को मैश करके फेस पर लगाने से स्किन ग्लोइंग और मुलायम हो जाती है और रिंकल्स भी खत्म हो जाते हैं। इससे त्वचा जवां लगने लगती है।


Saturday, October 27, 2018

सपनों को कैंसे साकार करें

सपनों का पीछा तब तक करते रहें, जब तक आपकी मंजिल नही मिल जाती।  जॉब हो चाहे व्यवसाय इन दोनों के लिए के हम सभी लगातार संघर्ष करते हुये आ रहे हैं, किसी को जॉब चाहिए और किसी का सपना व्यवसाय का होता है परन्तु जैंसे जैंसे हम अपने शिक्षण संस्थानों से निकल कर इस प्रत्यक्ष बिंदु पर पंहुचते हैं सब कुछ भूल से जाते हैं जॉब और व्यवसाय क्या, कैंसे से ज्यादा महत्वपूर्ण यह हो जाता है कि बस किसी भी तरीके से जॉब मिल जाये, और जॉब भी उसी फील्ड में खोजते हैं जिस फील्ड की किताबें पढ़ कर निकले या जिस तरह के सर्टिफिकेट हमनें अपने शिक्षण संस्थओं से एकत्रित किये। यह एक सत्य है, नब्बे प्रतिशत लोग यही सब करते हैं और अपने जॉब या व्यवसाय के आस पास ही जीवन भर चक्र लगाते रहते हैं। आज का माहौल कुछ बदल सा गया है। हर ओर रास्ते बड़े सुन्दर दिखते हैं लेकिन हम जैंसे ही उन रास्तों की रफ्तार के मध्य खड़े होने की कोशिशें करते हैं तो चारों ओर सफल और असफल लोगों को खोजना शुरू कर देते हैं और इन दोनों पहलुओं को अपनी सीढ़ी बना लेते हैं अब रफ्तार भी उसी गति से बढ़ती है जिस गति से हम सोचते हैं। यह भी सत्य है कि सकारात्मकता की जगह नकारात्मकता अधिक प्रभावी होती है और हमनें कदम पर आगाह करती है असफल होने के लिए जिस वजह से हम अपना शतप्रतिशत नही दे पाते हैं। यह भी याद रहे, इसका दोष अब हम खुद की किस्मत को देते हैं।  जबकि किस्मत नाम की चिड़िया कभी होती ही नही है जिसने भी इस चिड़िया की खोज की है उसका उद्देश्य भी इस चिड़िया के नाम पर अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने का रहा होगा। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं विश्व में कितने बड़े बड़े ज्ञानी, वैज्ञानिक, समाजशास्त्री, न जाने कौन कौन कितने महान हुये यदि किस्मत की बात होती तो आज इंसान चांद के साथ साथ अन्य ग्रहों की यात्राएँ नही करता। बल्कि घर मे सो कर अपनी किस्मत को ही खोज रहा होता। छोड़ दीजिए किस्मत को दोष देना और अपने कदम जॉब या व्यवसाय की ओर आगे बढाईये। यदि कुछ अलग करना है तो दुनियॉ को मत दिखिये खुद के कदमों को देखना शुरू कीजिए। अपने एक एक कदम को जैंसे जैंसे आगे आगे बढ़ाते चलोगे उसकी एक एक हलचल लिखना शुरू कीजिए। यहीं से आपकी कहानी शुरू होगी और लोग आपको जानने लगेंगे। आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लगातार सीढ़ियों पर ध्यान रखें हर सीढ़ी आपको रोकती रहेगी।  पथ पर नकारात्मकता ज्यादा प्रभावी होती है हमें यह ज्यादा प्रभावित भी करती है और अधिकांश लोग यही पर अपने सपनों को छोड़ कर लौटने लगते हैं या किस्मत का हवाला मान कर अपनी गति रोक देते हैं जबकि सच्चाई ये हैं हमें इस स्थिति में अत्यधिक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना होता है। सफलता का यही छोर हम में से अधिकांश नही पकड़ पाते हैं। आज जॉब भी हैं, व्यवसाय भी हैं, लोगो के पास दुनियॉ भर के आईडिया भी हैं, संसाधन भी हैं सफलता के आँकड़े हैं और आसफलता के परििणाम भी हैं बस जिसकी कमी है वह धैर्य हैै। 


Friday, October 26, 2018

गिलोय

गिलोय के रस के अनेक लाभ हैं, जैसे―वायु विकार (गैस) में कमी, गठिया व जोड़ के दर्द से राहत, बुखार (Anemia), मोटापा, शरीर में टूटन-जकड़न, अभूख (appetite loss), थकान, कमजोरी, सोरायसिस (psoriasis) आदि सम्बंधी तकलीफों में लाभ हुआ है। इनके लिए इसे आप भी आजमा सकते हैं।

गिलोय, वानस्पतिक नाम Tinospora cordifolia एक बहुवर्षीय लता है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे अमृता, गुरुच या गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी आदि। गिलोय इतनी गुणकारी है कि इसका नाम अमृता रखा गया है। गिलोय की पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसके तनों में स्टार्च की भी अच्छी मात्रा होती है।

आयुर्वेद के अनुसार यह बुखार की महान औषधि के रूप में मानी गई है। इसके अतिरिक्त यह निम्नलिखित बीमारियों में बहुत लाभ पहुँचाती है―

खून की कमी दूर करें
गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर में खून की कमी को दूर करता है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी या शहद में मिलाकर सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।

मोटापा कम करें
गिलोय मोटापा कम करने में भी मदद करता है। मोटापा कम करने के लिए गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ लें। या गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आँवला मिला कर काढ़ा बनाकर इसमें शिलाजीत मिलाकर पकाएं और सेवन करें। इसका नियमित सेवन से मोटापा कम हो जाता है।

बुखार में फायदेमंद
गिलोय एक रसायन है जो रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोगनाशक, शोधनाशक और लीवर टॉनिक भी है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर लेने से बार-बार होने वाला बुखार ठीक हो जाता है। या गिलोय के रस में पीपल का चूर्ण और शहद को मिलाकर लेने से तेज बुखार तथा खांसी ठीक हो जाती है।

पेट के रोग में लाभकारी
गिलोय के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट से सम्बंधित सभी रोग ठीक हो जाते हैं। इसके साथ ही आप गिलोय और शतावर को साथ पीस कर एक गिलास पानी में मिलाकर पकाएं। जब उबाल कर काढ़ा आधा रह जाये तो इस काढ़े को सुबह-शाम पीयें।

गैस दूर करे
गैस, जोड़ों का दर्द, शरीर का टूटना, असमय बुढ़ापा, वात के असंतुलित होने का लक्षण है। गिलोय का एक चम्मच चूर्ण घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है।

गठिया
गिलोय का चूर्ण शहद के साथ खाने से कफ और सोंठ के साथ आमवात से सम्बंधित बीमारियां (गठिया) रोग ठीक होता है।

हृदय-रोग के लिए लाभकारी
गिलोय एक रसायन है, यह रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोगनाशक, शोधनाशक और लीवर टॉनक भी है। यह पीलिया और जीर्ण ज्वर का नाश करती है अग्नि को तीव्र करती है, वातरक्त और आमवात के लिए तो यह महा विनाशक है।

पीलिया के मरीजों के लिए गिलोय लेना बहुत ही फायदेमंद है। कुछ लोग इसे चूर्ण के रूप में लेते हैं तो कुछ इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर पीते हैं। आप गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं। इससे पीलिया में फायदा होता है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है।

गिलोय और किडनी की समस्या―
गिलोय का रस मूत्रल है। यह वृक्कों (गुर्दो―Kidney) की प्रक्रिया तेज करके अधिक मूत्र निकालता है। गिलोय हमारे लीवर तथा किडनी में पाए जाने वाले रासायनिक विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। वात की खराबी से पैदा होने वाले मूत्र सम्बंधी रोग गिलोय के रस से दूर होते हैं।

गिलोय रस के नुकसान―वैसे तो गिलोय का रस बहुत ही फायदेमंद है लेकिन इसको ज्यादा मात्रा में लेने से आपको ये नुकसान भी हो सकते हैं―
➤जिन व्यक्तियों को गिलोय की बेल से एलर्जी है उनको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
➤गिलोय का इस्तेमाल ज्यादा करने से आपको उल्टी या दस्त की समस्या हो सकती है।
➤यदि आप मधुमेह (diabetes) की औषधि ले रहे हैं तो बिना डॉक्टर से पूछे गिलोय का सेवन नहीं चाहिये।
➤गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी गिलोय का इस्तेमाल वर्जित है।
➤गिलोय को सर्जरी से पहले या ऑपरेशन के बाद सेवन नहीं करना चाहिए क्‍योंकि यह ब्‍लड शुगर को प्रभावित करता है, और इसके कारण सर्जरी के घाव सूखने में समस्‍या हो सकती है।

ब्‍लड शुगर का स्‍तर कम होने पर―
गिलोय के सेवन से ब्‍लड शुगर कम होता है। यह कब्ज और निम्न रक्त शर्करा (low blood sugar) की समस्या भी कर सकता है। इसलिए यदि ब्‍लड शुगर पहले से ही कम है तो गिलोय का सेवन बिलकुल भी न करें। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो ब्‍लड शुगर कम करते वक्‍त सावधानी बरतें। डायबिटीज में चिकित्‍सक की सलाह के बिना इसका सेवन न करें।

क्या छोटे बच्चों को गिलोय देना ठीक होगा?
बहुत छोटे बच्चों या फिर नवजात को गिलोय देना खतरनाक भी हो सकता है। अलबत्ता पांच साल की उम्र से बड़े बच्चों को गिलोय देने में कोई बुराई नहीं है। छोटे बच्चों को एक दिन में 250 मिलीग्राम से अधिक गिलोय बिल्कुल भी न दें।

पेट की समस्‍या होने पर―
अगर आपको पेट की समस्‍या है तो गिलोय का प्रयोग बिल्कुल न करें, क्‍योंकि इसके कारण अपच की शिकायत हो सकती है। अपच की समस्‍या होने पर इसका किसी भी तरह से (कैप्‍सूल या रस आदि) प्रयोग न करें। इसके कारण पेट में दर्द और मरोड़ की शिकायत भी हो सकती है।

स्व-प्रतिरक्षण शक्ति (Autoimmune) बीमारी का खतरा―
शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता (Immunity) का सुचारु होना बहुत जरूरी है, लेकिन यदि यह शक्ति बहुत अधिक सक्रिय हो जाये तो भी खतरनाक है क्‍योंकि इस स्थिति में ऑटोइम्‍यून बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। यानी गिलोय के अधिक सेवन से ल्‍यूपस, मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस आदि जैसी बीमारियां हो सकती हैं। अगर आपको ये बीमारियां हैं तो गिलोय का सेवन बिलकुल न करें।

गर्भावस्‍था के दौरान―
गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि इसके कारण इस दौरान शरीर पर नकारात्‍मक असर पड़ता है।

विशेष―डॉक्टर से पूछे बिना गिलोय या किसी अन्य औषधि का सेवन नहीं करना चाहिये। @
संग्रहकर्ता - श्याम सिंह रावत जी



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Thursday, October 25, 2018

स्टेनलेस स्टील डोर Stainless steel doors

घर मे प्रवेश करते ही यदि सुन्दर दरवाजे के दीदार हो जायें तो कहना ही क्या! यही से सकारात्मक ऊर्जा का एहसास मिलना शुरू हो जाता है। यह एक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तथ्य भी है। फिर भी यदि हम इन सभी बातों को दरकिनार कर दे तो भी  स्टेनलेस स्टील डोर (Stainless steel door )का अपने आप मे आजकल बहुत ज्यादा महत्व बन चुका है। घर का आकर्षण तो बना ही रहता है लेकिन सबसे बड़ी खूबी इसकी घर की सुरक्षा है। साधारण दरवाजों को कोई भी आसानी से खोल या तोड़ देते हैं मगर यदि तकनीकी द्वारा निर्मित स्टेनलेस स्टील डोर ( Stainless steel door) का आप उपयोग करते हैं तो 100%घर मे चोरी होने से बच जाती है। स्टेनलेस स्टील डोर काफी मजबूत होता है और जब इसका निर्माण इसके उपयोग में होने वाली तकनीकी से किया जाता है तब यह और अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं।

Kunwar Bros & Co.
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Sunday, October 21, 2018

CIMSME Updates


PSB LOAN IN 59 MINUTES The Finance Ministry, Government of India has launched a web portal www.psbloansin59minutes.com for in-principle approval of MSME loans upto 1 crore within 59 minutes. Under the initiative, loans are processed without human interface till sanction/disbursement stage. The process will be algorithm based to read & analyse data from different data sources and provide an output of the summary of credit and valuation etc. of the applicant. The loan will be disbursed in 7-8 working days after the in-principle approval. The in-principle approval of loans through the website will not require any physical documents. Udyamimitra initiative of SIDBI SIDBI has launched many digital initiatives in the MSME space in the recent past such as sidbi.in, smallb.in, sidbistartupmitra.in, standupmitra.in. Recently SIDBI has launched another interactive portal www.udyamimitra.in for MSMEs. The portal is envisioned as a virtual marketplace providing end to end solutions under the MSME space including but going beyond credit services. The portal also provides handholding support to the MSME entrepreneurs in all respects. The portal seeks to provide across the board services which an MSME requires at the setting-up as well as growth stage. This is applicable to MUDRA loans (upto 10 lakhs) and loans under Stand-Up India Scheme for SC/ST and Women (10 lakh to 100 lakh) as well as other MSME loans. Key Highlights of the portals are :- Market place offering wider access- One application is available for all participating banks Online application – Access enabled for applying any time & from anywhere Facility for tracking your proposal- responsiveness is assured For more information visit www.udyamimitra.in

Monday, October 1, 2018

जानिए अपनी कलम की ताकत

अपनी लेखनी से अपना स्वरोजगार (Self Employment) शुरू कीजिए। है न सभी को हैरान करने वाली बात! बस ब्लॉगिंग ( Blogging ) और एफिलेट (Affiliate) के गुर सीखिये। कौन नही चाहता है कि उसका लेखन, उसकी कविताएँ, उसकी कहानी उसका लिखा कन्टेंट (Content)  उसके लिए स्वरोजगार (Employment) का माध्यम बने। आप किसके लिए लिखते हैं और क्यों लिखते हैं क्या आपके लेखन से आपको मेहनताना मिलता है ? कब से लिख रहे हैं आप ? क्या आपकी कलम द्वारा निकली पंक्तियों को केवल फेसबुक लाईक चाहिए ? क्या सिर्फ और सिर्फ आपके लेख पर वाह वाह लिख देने भर से आपको अपने लेखन का मेहनताना मिल जाता है। कितना समय देते हैं आप अपने लेखन को ? क्या लोकल मंच या गोष्टियों तक ही आपके लेखन की वाह वाह होती रहेगी या आप अपने लेखन प्रति गम्भीर हैं। क्या कभी किसी मंच संचालक या गोष्ठी संचालक ने आपको आपके लेखन की ताकत बताई है ? क्या आप अपने शौक के लिए लिखते हो ?

मित्रों समय बदल चुका है आप भी खुद को अपडेट कीजिए, यदि आप अपनी कलम की दोस्ती को बरकरार रखना चाहते हैं तो आपको समय के साथ सीखने और समझने की जरूरत है। आप फेसबुक पर या अन्य लोगों से सुन रहे होंगे या सुना होगा ब्लॉग, ब्लॉग केवल कविताओं या लेखों का ही प्लेटफॉर्म नही है बल्कि ब्लॉग (blog) आपके लिए रोटी जुटाने का भी काम कर सकता है बशर्ते आपको इसके लिए टेक्निक अध्ययन करना पड़ेगा। अक्सर हिंदी भाषी या हिंदी जानने वाले अधिकतर इन रास्तों से अनभिज्ञ होते हैं या विषय बस्तु अंग्रेजी में होने से अधिकांश हिंदी लेखक अपना रास्ता बदल देते हैं जबकि उन्हें इस बात का ज्ञान नही होता कि आज हर अंग्रेजी ब्लॉगर (blogger) हिंदी की ओर बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। हाँ एक बात साफ है यहाँ भी अन्य प्रोफाईलों जैंसा ही है हर तीसरे व्यक्ति अपनी रोटी नही पा सकता मगर यह भी सत्य है कि हर व्यक्ति यदि प्रयत्न करें तो अन्य नौकरियों और व्यवसाहियों जैंसा धन अर्जित कर सकता है और कुछ blogger कर भी रहे हैं। यह सिर्फ और सिर्फ अपने लेखन की ताकत को पहिचाने से हो सकता है। 

Sunday, September 30, 2018

बढो आगे बढो

बढो आगे बढो
रूको मत चलते चलो
पहिचानो उस सामर्थ्य को
जो हृदय और मस्तिष्क पर
चहलकदमी कर रही है ।

उतार दो उसे पथ पर
चढ़ने मत दो उसे रथ पर
स्वप्न संसार मे दौड़ने से
बोलो भला क्या मिलेगा । रचना - सर्वाधिकार, सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'


Friday, September 28, 2018

विकास

भाषणों के शोर तले
कुचला गया बार बार
नव विकशित शिशु
जनमानस का प्यार!
अफवाओं के जाल में
नव भारत का विस्तार
उँगलियों पर रखते थे
खुद उँगलियों पर सरकार!
दिया तुम्हें अपना समझकर
यह अलौकिक अधिकार
गला घोट कर प्रतीक्षा करते
ये कैंसी नीति तेरी सरकार!
तुम भी आँख बंद कर
उसी पटल पर जी रहे थे
रक्त बहता रहा जन-जन का
तुम स्वाद लेकर पी रहे थे!
अब हुआ क्या जनाब जवाब दो
आँखों के आँसू नही मांगे हमनें
हर बार विपक्ष उठता था उँगली
इस बार मिलकर उठा दी सबने!  @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

#राजनीति
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#साहित्यकार
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#प्रधान
#उद्यमी
#विकास
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Thursday, September 27, 2018

भगदड़


यूँ ही उलझो और उलझाते रहो, हर दमन चमन की नीतियों को क्षणिक नही बौराए उनसे कभी जो मसल रहे अपनी रीतियों को। क्यों किसके लिए आज बौखलाये खुद को कुचने की साजिश रचते हो कर रहे हो निरंतर पूजन आकाओं का अपनों के बढ़ते शहीदों का तंज कसते हो। @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Wednesday, September 26, 2018

चेतन मन

उड़ने दो मन की चेतना को,
अवसाद घुल जायेंगे सारे
घुटन भरे पथ पर कब तक
यूँ पल-पल जलते रहोगे प्यारे! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, September 25, 2018

शब्दों की आवाज

शब्दों की
आवाज
छू लेती है
तन मन को!
कभी
चलती है
लेकर हमें
अजनबी सफर को!
शब्दों की
आवाज
छू लेती है
तन मन को!
शब्दों की आवाज
तोड़ कर
सन्नाटे को
घुल जाती है
मधुर स्मृतियों सी
महकती तन मन में! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'






Thursday, September 13, 2018

उत्तराखंड

जुकुडी मा बीणाणी बात
कुमर सी या चुब्णी च,
क्यामाँगी होलू यू अलग उत्तराखंड
सोची रग रग दुःखणी च।

कैन जाणी यण हौण
अपरा घरकु फिकू लौण
देखा आज ये ताता दूधन्
घंटुली डामि छन! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Sunday, September 9, 2018


  • आप लोग यदि भारतीय स्टेनलेस स्टील विजिटर चेयर मैन्युफैक्चरर्स सप्लायर्स  (Stainless Steel Visitor Chair, Stainless Steel Platform Bench, Stainless Steel Airport Waiting Visitor Chsir, Railway Waiting Room Visitor Chsir Manufacturer and Supplier) ढूंढ रहे हैं तो आपकी तलाश यहाँ पर आ कर पूर्ण हो जायेगी। कुँवर ब्रोस कंपनी ने स्टेनलेस स्टील बेंच के लगभग पाँच- छ मॉडल तकनीकी आधार पर तैयार किये। बाजार में उपलब्ध इम्पोर्टेट बेंचों से बिल्कुल अलग हैं रेगुलर यूज, लंबे समय तक उत्पाद की सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त, मेंटिनेंस फ्री, जंग फ्री, पेंटिंग से आजादी, उत्पाद की फिनिशिंग की डल होने की संभावना से आजादी आदि बहुत सी तकनीकी पर काम किया गया है। यदि आप भी टेंडरिंग करते हैं या सप्लाई करते हैं तो आप उत्तम क्वालिटी की मैन्युफैक्चरिंग के लिए संपर्क कर सकते हैं। 


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Saturday, September 8, 2018

संदीप रावत का कविता-पाठ

कविता लेखन और कविता मंचन दोनों अलग अलग विधाएं हैं दोनों का स्वरूप अलौकिक है। सीमित अक्षरों से नव शब्द का सृजन और उस शब्द को स्वरमय मधुर परिकाष्ठा पर लाना कितनी कठिनाईयों का परिणाम हो सकता है इसका अनुमान किसी विशेष वयक्तित्व के धनी व्यक्ति को ही होता है। आज आप ऐंसे ही मधुर स्वर और अलौकिक शब्दों के जादूगर की एक अद्भुत अभिव्यक्ति से परिचित होने जा रहे हैं। माँ सरस्वती जिनकी स्वर लहरी में वास कर ले उनकी आवाज और उनके शब्दों को भला कौन अनदेखा कर सकता है। आज आप खुद सुनिये उनकी एक करुणामय मधुर वंदना।



Friday, September 7, 2018

हारमोनियम बजाना सीखिये

गीत संगीत और वाद्य यंत्र अक्सर हम सभी को कभी न कभी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हर व्यक्ति अपनी उम्र में वाद्य यंत्रों को बजाना सीखिना चाहता है, मगर साधन उपलब्ध न होने की वजह से यह सभी का सपना रहा जाता है खुश किस्मत होते हैं वो लोग जिन्हें अपनी रुचि के अनुरूप सीखने का मौका मिलता है। मगर यह भी सच है ज्यूँ ज्यूँ उम्र बढ़ती है हमारे शौक और इरादे बदलने लगते हैं। और हम अपने हृदय की उस ईच्छा को ह्रदय में ही दफन कर देते हैं जब जब हम आगे बढ़ते हैं और जैंसे जैंसे उन सभी का हमारे से सामना होता है हम मायूस हो जाते हैं। सोचते हैं काश हम भी....  इच्छानुसार हम हर वो वाद्या यंत्र उस समय बहुत जल्दी सीख सकते हैं जब यह ईच्छा हमारे मन मे हिलौरे लेने लगती है। अब हम वो सब पा सकते हैं जो हमें सीखना है डिजिटिलाइजेशन के इस युग मे अब सीखिये हर वाद्य यंत्र को जो आपका सपना था आज भी सीखना उतना ही सरल है जितना तब था जब आप की पहली ईच्छा मन मे उत्त्पन्न हुई थी। बस जरूरत है खुद को समझने की ओर अपने आप को समय के साथ दृढ़ संकल्प में बंधने की। ये आप अपने बच्चों को भी सीखा सकते हैं आईये आज इस कड़ी में यहाँ  सीखते हैं हारमोनियम बजाना।

Wednesday, September 5, 2018

यूट्यूब का (Yout You) हम लोग खिलौने की तरह उपयोग कर रहे हैं, अपननी इच्छा अनुसार हम सब इस (Youtube) पर वीडियो सर्च करते हैं और देखते हैं। कुछ लोग एजुकेशनल (Educational)  कुछ मोटिवेशनल (Motivational) कुछ मनोरंजन ( Entertainment) से सम्बंधित वीडियो या फिल्में देखेते है यो कुछ इन सब से सीखते हैं मगर बहुत कम लोगों को मालूम है कि यूट्यूब पर अकाउंट बना कर अपना चैनल क्रेट करने के बाद यूट्यूब चैनल पर काम करने से अच्छा रोजगार भी प्राप्त किया जाता है। साधारणतः यूट्यूब भी रोजगार सृजन के लिए एक अच्छा माध्यम है। यूट्यूब चैनल से कैंसे रोजगार शुरू किया जाता है जाने के लिए यहाँ  क्लिक करें।



Sunday, September 2, 2018

गणित ( Mathematics)

गणित हमारे जीवन का सबसे उपयोगी विषय है जन्म से लेकर मृत्यु तक हम गणित के फेर में ही फंसे होते हैं। जीवन की हर संतुष्टि के परिणाम पीछे भी गणित का ही योगदान होता है। आज बात करते हैं गणित के अंकों की। गिनती से लेकर गणित का रुझान मन को विचलित कर देता है मगर यह तब हमें अत्यधिक परेशान करता है जब (Table) पहाड़े हमारी जिंदगी में आने शुरू होते हैं, गणित के टेबल के इस डर से बहुत से विद्यार्थी घबरा जाते हैं कुछ बच्चे तो सदैव इस विषय से बचना भी चाहते हैं मगर शिक्षा की कोई भी सीढ़ी बिना इसे छुये बिना आगे नही बढ़ती है तो आईये आज सीखते हैं कि 9 से 99 तक की टेबल कैंसे चुटकी में हल कर सकते हैं कुछ साधारण सी बातों को हमें सदैव ध्यान में रखना है। यदि आप भी इस चमत्कार को अपनी लाईफ में अपना कर आगे बढ़ना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक कीजिए।


लेखन में हैं असीमित संभावनाएं
आज बात करते हैं लेखन की। सामान्यतः हम में से अधिकांश लोग कहीं न कहीं कुछ न कुछ लिखते आ रहे हैं चाहे वो सोशियल मीडिया प्लेटफॉर्म ही क्यों न हो, मगर इस लेखन से कितनो को रोटी कमाने का रास्ता मिलता है सायद 1 या दो प्रतिशत लोगो को। जी हां लेखन रोजगार का एक सशक्त माध्यम है लेकिन हम इसको समझ नही पाते हैं। अधिकांश लोग आजकल फेसबुक या अन्य प्लेटफॉर्मों पर कविता, गीत, गद्य आदि लिख रहे हैं और कुछ लोग तो पुस्तकों को भी प्रकाशित करवा रहे हैं फिर हम में से बहुत कम लोग लेखन की उपयोगोता समझते हैं। सायद हम इसलिए भी नही समझ पाते हैं क्योंकि जिस परिवेश में हमारी शिक्षा दीक्षा हुई है वहाँ पर कभी भी लेखन के महत्व को समझाया ही नही गया और न ही लेखन से रोजगार के स्रोतों के बारे में जानकारियाँ दी गयी हैं। लेकिन आज के समय को यदि हम लोग समझ पायें तो यह निष्कर्ष निकलता है कि बिना लेखन के हर क्षेत्र वीरान है, लेखन के बिना आज बाजार नही उभर सकता, लेखन के बिना इंसान एक कदम आगे नही बढ़ सकता, लेखन ही एक मात्र रास्ता है आज जो संपूर्ण विश्व को एकाग्र करता है। आज यदि हम लेखन के महत्व को समझने में सफल होते हैं तो हमें न तो रोजगार की चिंता रहेगी और नही स्वरोजगार शुरू करने में कोई परेशानी महसूस होगी। समझ लीजिए बिना लेखन के दुनियॉ में कुछ भी न तो खरीदा जा रहा है और न ही बेचा जा रहा है। आज के समय मे यदि आप अपना कैरियर लेखन को लेकर आगे बढ़ाना चाहते हैं या स्वरोजगार की ओर लेखन को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं तो यह राह सबसे सरल राह है लेकिन आपको स्वयं इस रास्ते की गहन जानकारियाँ सीखनी पड़ेंगी। स्वतंत्र आर्टिकल लेखक, ब्लॉग लेखक, विशेष क्षत्रों पर लेख, विज्ञापनों के लिए लेख, फिल्मों के लिए गीत, डाइलॉग, थीम आदि, प्रकाशनों के लिए पुस्तकें, कविताएँ, कहानियाँ, यह रास्ते लेखन के क्षेत्र को बहुत ऊंचाईयों तक लेकर जाते हैं। बस जरूरत है इन रास्तों पर कैंसे आगे बढ़ा जा सकता है यह सीखने की। यह एक मात्र ऐंसा क्षेत्र है जिस की ज्यादा जानकारियाँ हमें मालूम नही होती, आज किस किस को लेखक की जरूरत पड़ रही है यह समझने की जरूरत है। किसी भी बस्तु को बेचने मे आज सेल्समेन से ज्यादा एक लेखक जी जरूरत महसूस होती जा रही है। कंपनी हो चाहे प्रकाशन, फिल्म हो चाहे विज्ञापन, सोशियल मीडिया हो चाहे प्रोफेशनल मीडिया, नेता हो चाहे अभिनेता, मोटिवेटर हो चाहे कोई कार्यक्रम हो हर जगह लेख और लेखक की उपयोगिता मुख्य रूप से होती है,कोई वेबसाईट और कोई पुस्तक बिना लेखक के कभी भी परिपूर्ण नही हो सकती, हां हर कोई लेखक नही बन सकता यह सभी को मालूम है मगर ये भी सभी जानते हैं कि यदि लेखन की कुछ तकनीकी सिख ली जाय तो हर कोई लेखन कर सकता है। तो आईये अपने कदम लेखन की ओर आगे बढ़ाएं।

Friday, August 31, 2018


इंशान क्या सोचे अब उसने तो चलना है जहाँ वीन बजाये चले सपेरा वहाँ साँप निकलना है! दौलत की पोटलियों पर साँप चढ़े है रेंग रेंग कर सबने देखा मगरूर सपेरा उंगली उठाये ढेर ढेर पर आशा लगाये बैठे हम तुम सच दफन हो रहा घेर घेर पर झोली में उसकी अब तो बड़े सपोलों का भंडार है अब तरकीब ही खोज रहा नही तो बंठाधार है। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

इंशान क्या सोचे अब उसने तो चलना है जहाँ वीन बजाये चले सपेरा वहाँ साँप निकलना है! दौलत की पोटलियों पर साँप चढ़े है रेंग रेंग कर सबने देखा मगरूर सपेरा उंगली उठाये ढेर ढेर पर आशा लगाये बैठे हम तुम सच दफन हो रहा घेर घेर पर झोली में उसकी अब तो बड़े सपोलों का भंडार है अब तरकीब ही खोज रहा नही तो बंठाधार है। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Monday, August 27, 2018


कौन नही चाहता कि वह एक अध्यापक बने, एक अच्छा वक्ता बने, एक अच्छा ट्रेनर बने, एक बेहतरीन फैकल्टी बने। इस सब के लिए आपके पास अच्छी स्कूलिंग, अच्छी एजुकेशन, उत्तम शैक्षिक रिकार्ड आदि न जाने क्या क्या होना चाहिए। मगर ये भी सच है अच्छे ट्रेनर या अच्छे मोटिवेशनल होने के लिए जरूरी नही आपके पास अच्छा एजुकेशन ट्रेक रिकॉर्ड हो। आपके पास अपनी कार्यप्रणाली की अच्छी समझ, लोगों के मार्गदर्शन की क्षमता, कुछ अलग करने का विचार, जीवन के चैलेंज को स्वीकार ने की क्षमता होनी चाहिए। आपके अंदर जोखिम को मात देनी की ताकत को पैदा करने वाला विचार विद्यमान होना चाहिए। आईये आज इसी कड़ी में मिलते है एक छोटे 12 साल के थॉमस सुरेज से। आशा ही नही पूरी उम्मीद है आप भी अपने विचारों को गति देने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।

Thursday, August 23, 2018

बसग्याळ हो और अपने पहाड़ी जंगली फल घिंगारु की याद न आये संभव ही नही है।
"घिंघारू"__हिमालयी क्षेत्र में पायी जानेवाली वनस्पति कहते है कि ईश्वर की बनायी हर रचना का अपना महत्व है और ऐसा ही कुछ हिमालयी क्षेत्र में पायी जानेवाली वनस्पतियों के सन्दर्भ में भी सत्य प्रतीत होता है। इन वनस्पतियों की झाडियों में कुछ ऐसे फल पाए जाते हैं जिन्हें सुन्दरता के साथ-साथ पक्षी भी खाना पसंद करते हैं.. आप सेब के गुणों से तो परिचित ही होंगे लेकिन आज हम आपका परिचय हिमालयी क्षेत्र में पाए जानेवाले छोटे-सेब से कराते हैं ,जी हाँ बिलकुल सेब से मिलते जुलते ही इसके फल 6-8 mm के आकार के होते है। पर्वतीय क्षेत्र में "घिंघारू" के नाम से जाना जाता है! Rosaceae कुल की इस वनस्पति का लेटिन नाम Pyrancatha crenulata है जिसे "हिमालयन-फायर-थोर्न" के नाम से भी जाना जाता है। इसके छोटे-छोटे फल बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं, जिसे आप सुन्दर झाड़ियों में लगे हुए देख सकते हैं I इसे व्हाईट-थोर्न के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ओरनामेंटल झाड़ीदार लेकिन बडी उपयोगी वनस्पति है। आइये इसके कुछ गुणों से आपका परिचय कराते हैं :- -इसकी पत्तियों से पहाडी हर्बल चाय बनायी जाती है! - इसके फलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर दही के साथ खूनी दस्त का उपचार किया जाता है! -इस वनस्पति से प्राप्त मजबूत लकड़ियों का इस्तेमाल लाठी या हॉकी स्टिक बनाने में किया जाता है! -फलों में पर्याप्त मात्रा में शर्करा पायी जाती है जो शरीर को तत्काल ऊर्जा प्रदान करती है! -इस वनस्पति का प्रयोग दातून के रूप में भी किया जाता है जिससे दांत दर्द में भी लाभ मिलता है! -इसके फलों से निकाले गए जूस में रक्त-वर्धक प्रभाव पाया जाता है जिसका लाभ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में काफी आवश्यक माना गया है! -इसे प्रायः ओर्नामेंटल पौधे के रूप में साज -सजा के लिए 'बोनसाई' के रूप में प्रयोग करने का प्रचलन रहा है ! -इस कुल की अधिकाँश वनस्पतियों के बीजों एवं पत्तों में एक जहरीला द्रव्य 'हायड्रोजन-सायनायड' पाया जाता है जिस कारण इनका स्वाद कडुआ होता है एवं इससमें एक विशेष प्रकार की खुशबू पायी जाती है। अल्प मात्रा में पाए जाने के कारण यह हानिरहित होता है तथा श्वास-प्रश्वास की क्रिया को उद्दीपित करने के साथ ही पाचन क्रिया को भी ठीक करता है। -घिंघारू के बीजों एवं पत्तियों में पाए जानेवाले जहरीले रसायन "हायड्रोजन सायनायड" के कैंसररोधी प्रभाव भी देखे गए हैं लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन श्वासावरोध उत्पन्न कर सकता है।

Wednesday, August 22, 2018


तुम क्या हो बिना जाने ये
क्या समझ बैठे हो खुद को
एक दीप क्या जला आगे
खुदा समझ बैठे हो खुद को।
उंगलियों की ताकत का ये नजारा
तमाशा है समझा दीजिए खुद को
यहाँ कौन ठहरा है भला मैदान में
आसान है समझना बता दो बुत को! © - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, August 21, 2018

यदि संघर्ष ही करना है तो अपनी जिग्यांसाओं के झुरमुटों में अपने हृदय की आशाओं को टटोलते हुये आगे बढ़ो। निश्चित ही कोई नया रास्ता मिलेगा आने वाली पीढ़ी के लिए। @ राजेन्द्र सिंह कुँवर फरियादी'

Sunday, August 19, 2018

जीवन एक कैरियर अनमोल कैरियर है

हर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को आगे बढ़ाना चाहता है हम लोग जिंदगी को कॉपी पेस्ट की जिंदगी नही बनाना चाहते हैं मगर इसके लिए खुद कितना संकल्प ले के हम खड़े हैं। यदि अपनी इच्छा के अनुरूप हम कार्य कर के आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। कर्म का कोई विकल्प नही होता और कर्म जब इच्छा के अनुरूप हो तो कभी भी उलझने खड़ी नही होती हर ओर रास्ते बनते चले जाते हैं। बस हिम्मत डगमगा न पाये। हर किसी की जिंदगी से प्रेरणा जरूर लें मगर कार्य क्षेत्र अपनी इच्छा के अनुरूप ही चुने क्योंकि मजबूरी से चुना हुआ रास्ता सदैव थकान देता है। अपना कैरियर कभी भी दूसरों की सफलताओं को देख कर न चुने। मन को दृढ़ कर के अपना रास्ता तब तक तलाशते रहें जब तक धरती पर लहराते वृक्षों से हम जीवन रक्षक वायु ग्रहण कर रहे हैं। अब ये आप पर निर्भर करता है कि जिंदगी सीखते हुये जीना चाहते हो या जीते हुये सीख कर जिंदगी जीना चाहते हो। अपने कैरियर को पहिचान ने के लिए यहाँ पर  क्लिक करें। 
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Friday, August 17, 2018

ह्ववे जालू रे ह्ववे जालू रे
ह्ववे जालू!
तुम ज्योत जगा विकासकी
उजालु ह्ववे जालू!

पुंगड़ा बांजा राखा
पैंसा वाला सैर भाग
नेतौं का फैथर सेणी खाणी
भूल्या न!

मन्ख्यों तै मन्ख्यों की जुकुड़ी मा
मसेटू जन छाँ तुम गमजौणा
नेतौं का खातिर दिन रात
मुछाळी सी छा जुकुड़ी सुलगौंणा!

ह्ववे जालू रे ह्ववे जालू रे
ह्ववे जालू!
तुम ज्योत जगा विकासकी
उजालु ह्ववे जालू! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

#विकास
' आदरणीय अटल विहारी वाजपेयी जी की पवित्र आत्मा को कोटि कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि!!!

"मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं।" विशुद्ध कवि ह्रदय, प्रबुद्ध राजनैतिक विचारक, काल के कपाल पर लिखने-मिटाने' वाली यह आवाज आज हमेसा हमेसा के लिए अटल हो गयी। विनम्र श्रद्धांजलि!!! कोटि-कोटि नमन #आदरणीयअटलविहारीवाजपेयी

Wednesday, August 15, 2018

स्वतंत्रता दिवस की आप सभी देशवासियों को ढेरों शुभकामनाएँ एवं बधाईयाँl



Tuesday, August 14, 2018

हमने चोटें ही तो खाई है
बचपन से इस माटी में,
कभी आरक्षण कभी घोटाले
वोटों की इन जाति में।
निकले थे सबेरा देखने
उस अंधियारी घाटी में,
जल रहे हैं अरमान अब
दीप तले छाती में। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Sunday, August 12, 2018

देखल्यादौं

खोली तै आँखि आपरी
क्षणेक देखल्यादौं!

बोलण सी कैका क्या होण
सोची ल्यादौं!

देखल्यादौं
गौं घौर चौक सग्वाडी हफार
निरासेयाँ सैरा बार त्यौहार!

भट्याना छन विकास हवेगे,

खोली तै आँखि आपरी
क्षणेक,

रूसायूँ उत्तराखंड भी
देखल्यादौं @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Saturday, August 11, 2018

डिजिटल टेक्नोलॉजी का यदि उचित उपयोग यदि इस आधुनिक प्रकार की शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार के लिए किया जाय तो यह बहुत बड़ा महत्वपूर्ण कदम होगा। 

Tuesday, August 7, 2018



'Flipkart & Amazon Freedom Day Sale: स्मार्टफोन और होम अप्लायसेंस पर मिलेगी 80 फीसद तक की छूट'


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खौज ल्या उनका बोन बच्यांण
बानी बानी कि भौण छन
आफु दंक्या दन्की लग्यां
बिचारा बसग्याली बौह्ण् छन।

आँगुली उठा उठाकि देखा
आज बण्यां धौण छन
रौपणी सी ढान्ढ़ी बण्यां
बोना आफकु नौण छन। @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'



Monday, August 6, 2018


ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है, मित्रता दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की आप को ढेरों शुभकामनाएँ एवं बधाईयाँl


Saturday, August 4, 2018

चुनाव का मरघट ये अब,
फिर यूँ चरमराने लगा है।
फिर कत्ल होंगे हम तुम,
इन कातिलों का क्या है?
जख्म ही कुदेरे जाएँगे,
हर चेहरे के इस कदर।
नोच रहे हों फसलों को जैंसे,
जंगल से छूटे भूखे बन्दर।
कोहराम होगा महाभारत सा,
घर घर इस कदर जलाये जायेंगे।
राख-राख होगी ये इंसानियत,
फिर जुमले ही बरसाये जायेंगे। - @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

#चुनाव

Friday, August 3, 2018

बाँट दो ये जमीं
लहराती हवा
बहता हर पानी
बाँट दो, देश की बढ़ती हुई जवानी!
आँगन की चौखट
संसद की कुर्सी
कोर्ट कचहरी सब बाँट दो!
स्कूलों की शिक्षा
मंदिरों के मंत्र
अखबारों के पन्ने
गुरुद्वारे, मस्जिद चर्च शिवालय
बाँट दो, धर्मों की हर निशानी
बाँट दो देश के
हर अल्फाज को
सुख-सुविधा के
पनपते राज को
बाँट दो महकते रंग फिजा की परेशानी
पशुओं के पग चिन्ह
चिड़ियाओं के हर बिंब
धन दौलत के निशान
जलती चिताएं
सजते शमशान
बाँट दो ! बाँट दो ! बाँट दो - @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'












Sunday, July 29, 2018

ब्लोगिंग से हमें बहुत से लेखकों , साहित्यकारों , पत्रकारों , संपादकों , पत्रिकाओं शिल्पकारों कलाकारों आदि के बारे में जानने के लिए मदद मिलती है 

यदि आप भी इन महँ व्यक्तित्वों के बारे में जानना चाहते हैं तो कृप[या निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए :-





शिक्षा, जॉब, व्यवसाय की आशाएँ हमारे मन मस्तिष्क पर बरसाती नदियों की तरह अपने तटबंध तोड़ देती हैं। हम न चाहते हुये भी बहाव के उस मलवे की भांति बिखर जाते हैं। ज्यादातर ऐंसा ही होता है। जब तक हम लक्ष्य निर्धारित नही करेंगे और देखा देखी के रास्तों पर दौड़ना नही छोड़ेंगे तब तक आशाओं के बिंदुओं पर निराशाओं के घाव ही उभरते रहेंगे। आज यदि संसाधनों का उचित उपयोग किया जाय तो जॉब या व्यवसाय करना सबसे सरल है बस कमी है तो खुद को सुनियोजित ढंग से आगे न बढ़ा पाने की। जल्दी आप सभी मित्रों के लिए अपने ब्लॉग पर लेकर आ रहा हूँ जॉब और व्यवसाय की कुछ जानकारियाँ। आज कल बहुत से मित्रों के साथ साथ कई उन युवाओं के फोन आते हैं जो स्कूलिंग या प्रोफेशनल कोर्स कर के उस हकीकत वाली जमीं पर पाँव रखते हैं जहाँ से जीवन की अबोध लड़ाई शुरू होती है। सबसे पहले लोग जॉब तलाशते हैं ऐंसा क्यों ? ऐंसा होना भी स्वभाविक है क्योंकि 99%लोग अपने बच्चों को जॉब के लिए ही स्कूल, कालेज या प्रोफेशनल इंस्टीट्यूटों में भेजते हैं। सायद यह एक परंपरा है, हमें इससे कैंसे निकलना है यह भी मैं अपने ब्लॉग में बताने की कोशिश करूँगा, लेकिन इन सभी के पीछे हमारी एक मानसिकता है हम लोग कभी भी परंपरा से हट के खड़े होने से डरते हैं। डर कई तरह के होते हैं समाज का डर, परिवार का डर, खुद के असफल या पीछे रह जाने का डर, इन सभी डरों में मन की स्थिति को न पहिचान पाने का डर सबसे अधिक प्रभावशाली होता है। इस डर के कई कारण होते हैं इसका भी उल्लेख किया जायेगा। हो सकता है मेरे शब्द आपको आगे ले जाने में असमर्थ हो परन्तु मेरी शत-प्रतिशत कोशिश रहेगी शब्दों को मनन करने के बाद बार बार आपका मन और मस्तिष्क आपकी आशाओं को जागृत करता रहेगा और आपको अपनी आशा अनुरूप जॉब या व्यवसाय की ओर बढ़ने की शक्ति मिल पायेगी। हाँ इसके लिए आपको ब्लॉग पर निरंतर बना रहना होगा।

Friday, July 27, 2018

अखबारों की ये हालत है
हर पेज पर छीना झपटी
कहीं पर धरती की बेचैनी
कहीं पर साँसें हैं अटकी

कहीं मधुप से मंडराते हैं
कहीं पर आग लगाते हैं
गरजना सीखो ये मेघों इनसे
ये अखबार पानी बरसाते हैं।

शाम सुबह और दिन उलझे
सूरज चाँद सितारे झुलसे
इनसे आग निकल रही है।
बच रे मानव इनके कुल से।

इसका विस्तार हुआ जब से
मानव लाचार हुआ तब से
कलम सिसकती हैं देख नजारा
मदमस्त है ये अखबार आवारा।  @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'


Wednesday, July 25, 2018

जूड़ी दाथुडी हँसुली नाथुली
कन ऊ हमारा गैहणा छा
कथगा चुनाव देखिन हमन्
फिर भी हम सब भै-बैणा छा।

पर व्है क्याच यूँ द्वी सालू मा
आपस मा ही कटेंण् लग्याँ छा
बौक्णा छा झंडा लुकारु आफूतै
भाजपा काँग्रेस बतौण् लग्याँ छा।

गाळ-घातन् नि बौल्येंदा छा इथ्गा
जथ्गा अज्क्याल् बौल्येंदा छा
अंगोठू लगैकी इथ्गा तचिग्याँ
तैका तेल सी खौलेणा छा। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'






काँटों से कभी फूलों को दर्द नही होता,
रास्ता कभी कदमों से स्वर्ग नही होता,
हर हाल में चढ़नी पड़ती हैं सीढ़ियाँ,
अपनों का साथ हो या न हो मंजिल मे कभी फर्क नही होता। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, July 24, 2018

ट्रेनर्स एक एक सदाबहार कैरियर है, किसी भी विषय या टेक्नोलोजी को पढ़ना अपने आप ने एक अद्भुत कला है नये युवाओं के लिए सबसे बेहतरीन कैरियर सावित हो सकता हैl एम. आई. एस. (MIS) का किसी भी बड़ी कंपनी में बेहतरीन स्कोप हैl नॉएडा में एम आई एस ट्रेनिंग सेण्टर एक्सल प्रिन्स के नाम से बहुत विख्यात हैl
Prince Sethi
Excel Prince,
L 98, Sector 11, Near Metro Multi Specialty Hospital,
Noida- 201301 (U.P.) India
+91- 9953872217, 9810378217
फिर उठी वही नजर तुम्हारी
जिस नजर से तुमने छोड़ा था,
घर-गाँव, खेत-खलिहान,
अपने स्वार्थ के लिए!

आज फिर वही स्वार्थ
जागा है सायद तुम्हारा
क्योंकि तुम पक चुके हो
समय की आग में और
बन चुके हो फिर इंसान!

खोज रहे हो अपने धरातल को
स्वच्छ हवा पानी के घर को
कौन समझाए तुम्हें अब कैंसे
संभालोंगे इस भू तल के सौन्दर्य को।

तुम फिर चक्रव्यूह में उतर रहे हो
अर्जुन नही अभिमन्यु बन रहे हो
कर्त्तव्य नही कौशल जरूरी होता है
जीवन का क्या ये पल-पल में रोता है।

थक चुके हो सोच लो फिर, वक्त है
वक्त की दौड़ में वक्त ही कुचलेगा
स्वार्थ पीड़ा ने ठगा है फिर तुम्हें,
प्रकृति, पर्यावरण और पलायन को बदनाम मत कीजियेगा। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी
पतंगों को मारने की
साजिश रच रहे हैं,
रोशनी बढ़ाने की
ख्वाईश रख रहे हैं,
है माहौल बदलने का
तरीका ये कैंसा!
किसी के मातम में
आनंद रच रहे हैं। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'



Monday, July 23, 2018

अहंकारों की बाढ़ सी आ गयी है,
कुर्सियों से निशाने साधे जा रहे हैं।
महासंग्राम सा हो गया चुनाव अब
कहीं विभीषण तो कहीं कृष्ण तलाशे जा रहे हैं। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर फरियादी'

Wednesday, July 18, 2018

नींबू को स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। विशेषकर पेट से संबंधित समस्याओं के लिए नींबू का प्रयोग अनेक तरीकों से किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नींबू के ऐसे ही कुछ घरेलू प्रयोग जिनसे आप कई  छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पा सकते हैं।


- पेट साफ नहीं हो रहा हो या पेचिश हो, तो प्याज के रस में कागजी नींबू का रस मिलाएं। इसमें थोड़ा-सा पानी डालकर पीएं, लाभ होगा।

- स्कर्वी रोग में नींबू श्रेष्ठ दवा का काम करता है। एक भाग नींबू का रस और आठ भाग पानी मिलाकर रोजाना दिन में एक बार लें।

- नींबू के रस में थोड़ी शकर मिलाएं। इसे गर्म कर सिरपनुमा बना लें। इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पिएँ। पित्त के लिए यह अचूक औषधि है।

 आधे नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर चाटने से तेज खांसी, श्वास व जुकाम में लाभ होता है।

- नींबू ज्ञान तंतुओं की उत्तेजना को शांत करता है। इससे हृदय की अधिक धड़कन सामान्य हो जाती है। उच्च रक्तचाप के रोगियों की रक्तवाहिनियों को यह शक्ति देता है।

-  एक नींबू के रस में तीन चम्मच शकर, दो चम्मच पानी मिलाकर, घोलकर बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे बाद अच्छे से सिर धोने से रूसी दूर हो जाती है व बाल गिरना बंद हो जाते हैं।

- एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम दो बार नित्य एक महीना पीने से पथरी पिघलकर निकल जाती है।

- चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए नींबू की कुछ बूंदें दूध में डालें। रूई भिगोकर चेहरा चमकाएं।

- नींबू को नमक तथा काली मिर्च के साथ चाटें। यह भोजन से पूर्व चाटना है। तब अधिक भूख लगा करेगी।

- यदि दस्त लगे हों तो दूध में नींबू का रस 8-10 बूंद डालकर मिलाकर रोगी को पिलाएं। यह बहुत लाभकारी रहता है। दिन में चार बार लेवें। अधिक फायदा होगा। एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़ें। रोगी इसे पी ले। दिन में चार बार ऐसी खुराक लें।

- सुबह-शाम एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर पीने से मोटापा दूर होता है।

-एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर पीते रहने से नेत्र ज्योति ठीक रहती है।


Friday, July 13, 2018

गौं घौर गुठ्यारों मा आज भी
डाळयोँ कु छैल पसरयूँ च!
सरकी च आफु आपरी खुट्टीयोंन्
यू मंख्यों कु दोष च मंखि हरच्युं च!

पोथ्लियों कु चुंच्याट, नुन्यारों कु घुंघ्याट
गाड-गदरियों कु सिंस्याट
आज भी जुकुडी बुथ्योंणु च!
शहरूँन् लल्चाई मंखि कु ज्यू
देखा धौं ज्यू आज खुदेंणु च! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Thursday, April 19, 2018

अपना ब्लॉग कैसे बनाएं तथा कैसे संजोएं How to make one's blog and maintain it



अपना ब्लॉग कैसे बनाएं? [How to make your own blog?] यह प्रश्न www पर पूछा जाता रहा है और हम भी यदा-कदा  इस प्रश्न से दो-चार हो जाते हैं IndianTopBlogs पर या फिर ईमेल पर. 

सच पूछिये तो दो प्रश्न  साथ  चलते हैं:  ब्लॉग कैसे बनाएं (How do I create a blog) तथा ब्लॉग को कैसे संजोएं (Ho do I maintain my blog) क्योंकि एक ब्लॉग बना देना तो बहुत मुश्किल नहीं है और हम नीचे बता रहे हैं कि कैसे बिना किसी खर्च के और बिना टेक्नोलॉजी के ज्ञान के करीब 30 मिनट में ही एक ठीक-ठाक ब्लॉग बनाया जा  सकता  है. बात रही ब्लॉग को खूबसूरत बनाने की, उसे ठीक से आगे बढ़ाने की, ब्लॉगिंग से धन कमाने की - इन सब  के लिए समय देना होता है, अनुशासन में रहकर काम करना होता है और बिना धैर्य खोए आगे बढ़ते रहना होता है. दोनों विषयों पर हम आपको अपनी सहभागी वेबसाइट IndianTopBlogs, के लिंक्स पर ले जाएंगे, लेकिन पहले देख लें ब्लॉग बनाने का सरल और कामगार नुस्खा.

नए ब्लॉगर साथियों के लिए तो यह उपयोगी होगा ही, पुराने साथी भी इसका लाभ अपने ब्लॉग को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं:


आज हमारे दिन की शुरवात ही चाय से होती है। क्या आपको स्पेशल चाय पसंद है? स्पेशल चाय के लिए चाय मसाला भी तो स्पेशल ही चाहिए न! चाय के लिए कहा जाता है कि "सुस्ती हटावें, स्फुर्ति दिलावे, सकल दर्द मिट जाय, जगत में चाय बड़ी बलवान!” तो आइए, आज हम बनाते है, चाय मसाला।

सामग्री-
• सौंठ-                     125  ग्राम
• काली मिर्च-             50  ग्राम
• लौंग-                      25  ग्राम
• इलायची-                25  ग्राम
• जायपत्री-                10  ग्राम
• कलमी (दालचीनी)- 25  ग्राम

विधि- How to make tea masala
• सभी मसालों को अच्छे से साफ़ कर लीजिए।
• दालचीनी को छोड़ कर बाकी मसाले कढ़ाई में डाल कर थोड़ी देर भून लीजिए। जब मसाले थोड़े से सीक जाए तब दालचीनी डाल कर दो मिनट और भून लीजिए।
• मसाले को ठंड़ा होने पर मिक्सर में बारिक पीस लीजिए।
 अब किसी एयर टाइट डब्बे में भर कर रख लीजिए। जब भी आपको चाय बनानी हो, स्वादानुसार स्पेशल चाय मसाला डाल कर चाय बनाइए। इस चाय मसाले से चाय एकदम स्वादिष्ट लगती है। 
• यह मसाला कई महिनों तक खराब नहीं होता।
टिप-
मसालों को सेंक कर पीसने से खुशबू अच्छी आती हैं।


Friday, March 30, 2018

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच द्वारा प्रदान की सम्मान पत्र। 


Friday, February 2, 2018

गीली मिट्टी
कभी आंखों में
नव अंकुर सी
रेखांकित कर देती 
पल-पल को
गीली मिट्टी!
सपने पलने लगते
अपने चलने लगते
एहसास दिला जाती
क्षण भर में
गीली मिट्टी!
लेना चाहता है स्वरूप
तेरे आगोश में छुप कर
टहलता हुआ जल
बदल देती है रूप
गीली मिट्टी!@ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।