Tuesday, May 1, 2012

मजदूर


मजबूर हूँ मजदूरी से पेट का 
गुजरा अब हाथ से निकल रहा, 
अब हम चुप कब तक रहे, 
हृदय हमारा पिघल रहा, 
मेहनत करके नीव रखी देश की, 
अब सब बिफल रहा, 
अपने हकों के लिए चुना नेता, 
देखो हम को ही निगल रहा, 
डिग्री लेकर कोई इंजिनियर 
कुर्सी पर जो रोब जमता है
देखा जाय तो बिन मजदूर के 
वो रेस का लंगड़ा घोडा है, ..........रचना- राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'


मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।