Saturday, December 1, 2012

जग्गा जग्गा की ठोकरियोंन किस्मत जग्गैली,


पहाड़ मा शैहरी देखिक,
नेअथ बिगड़ जांदी,
आपणो की सुध नि च,
बीराणों तै चांदी !  बीराणों तै चांदी !

हंसदा खेलदा घरबार
छोड़ी आ जांदा,
हरीं भरीं पुंगडी पतवाडी,
शहर मा क्या पांदा !

माकन किरायाकू,
बिसैणु भी नि च,
कोठियों माँ धोणु भांडा,
बथैण भी कै मु च !

जग्गा जग्गा की ठोकरियोंन,
किस्मत जग्गैली,
चला पहाडू मेरा भाइयों, 
मिन बाटु खुज्जाली ! गीत - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'





 

मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)

यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...