Tuesday, December 30, 2014

तेरा हर अंदाज हमने देख लिए ये बक्त,
मैं संवार नहीं पाया हूँ तू संवार ले मुझे,
तेरा आना जाना ही गिनता रहा मैं तो, 
हर खुशी मुझ से यूँ ही निकल जाएगी l @ पंक्तियाँ सर्वाधिकार सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'  

मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)

यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...