Tuesday, November 27, 2018

शिक्षक केवल डिग्रियाँ लेने से ही नही बना जाता हर इंसान के अंदर कुछ न कुछ प्रतिभा होती है वही उसका शिक्षक बनने की ओर रास्ता खोलता है। कृपया इस साधारण व्यक्ति से डिजिटलीय प्लेटफॉर्म का बेहतरीन उपयोग से आप भी अपनी प्रतिभा को देश विदेश के लोगों तक पहुँचा सकते हो। बस इसके लिए सीखना जरुरी है। इस अद्भुत वीडियो में वैंसे तो बाँसुरी बजाना सिखाया जा रहा मगर ध्यान देने योग्य बात कुछ ओर है। एक ऐंसा व्यक्ति यूट्यूब चैनल पर सीखा रहा है जिसके बारे में हम सोच भी नही सकते हैं। आप भी अपनी प्रतिभा को यूट्यूब के द्वारा निखार सकते हैं।

https://youtu.be/c0YhcD0jmQ0


Sunday, November 18, 2018

ऋतु रिश्ते या रूप सभालूँ
या सूरज की ये धूप सभालूँ
बचपन रूठा छूटे खेल-खिलौने
किसको अब मैं साथी बनालूँ।

अब तो हवा से डर लगता है
पानी जहर सा यहाँ बिकता है
खाने में अब क्या क्या खाएँ
आदमी, आदमी कहाँ दिखता है।

रोज सबेरे मन घबराये
छोड़ धरातल चढ़ता जाये
जितना खींचूँ पलपल अपना
उतना दलदल बढ़ता जाये। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Friday, November 9, 2018

डिजिटल मार्केटिंग क्या है

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या इंटरनेट के द्वारा की जाने वाली मार्केटिंग को डिजिटल मार्केटिंग कहा जाता हैl व्यापार का लाभ उठाने के लिए बहुत से डिजिटल चैनलों, ब्लोगों, वेबसाईटों, पोर्टलों, सर्च इंजनो, सोशियल मीडियाओं एवं ई-मेल आदि का जब मार्केटिंग के लिए उपयोग होता है तो यह डिजिटल मार्केटिंग कहलाता है संभावित ग्राहकों तक इंटरनेट से बहुत आसानी से पहुंचा जाता है आज के समय इंटरनेट की अत्यधिक सुलभता है यही सबसे बड़ा कारण है कि डिजिटल मार्केटिंग सटीक और कम खर्चीले तौर पर बड़ी तेजी से परम्परागत तरीके की मार्केटिंग को धीरे धीरे पछाड़ रही हैl आज हर कंपनी, बाजार, स्कूल, व्यापार, सभी के लिए ऑन लाईन मार्केटिंग एक लाभदायक प्लेटफ़ॉर्म बन कर उभर रही हैl अधिक जानकारी के लिए  यहाँ  क्लिक  करें।




Friday, November 2, 2018

तीसोगु न रयाँ

ईं धरती मा आइकी तीसोगु न रयाँ!
नौबत नि आँयीं चैन्दि तुम कना छयाँ,
चली अपरि खुट्टीयोंन् बाटू नापदी रयाँ,
ईं धरती मा आइकी तीसोगु न रयाँ!!

हिल्गैकी चल्याँ ठोकरु तैं ध्यान रख्याँ रे,
मिठास मा न डूब्याँ, न ई आम पक्याँ रे
तुमरा कंधोंमा नाचणा,अपरा यूँका थक्याँ छन रे,
यूँकी बाथुमा किलै लग्याँ पूछा यूँ तैं ई कखा छन रे।
तुम भी उथी जाणदा आखर जथा यूँ तै पता छन रे,
चल नि सक्दा बड़ी नि सक्दा इत इनी डाळी इनी लता छन रे।

ईं धरती मा आइकी तीसोगु न रयाँ!
नौबत नि आँयीं चैन्दि तुम कना छयाँ,
चली अपरि खुट्टीयोंन् बाटू नापदी रयाँ,
ईं धरती मा आइकी तीसोगु न रयाँ!! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'













Thursday, November 1, 2018

वेल्डिंग सर्टिफिकेशन ट्रैनिंग प्रोग्राम

अक्सर हमारे गाँवों में जो बच्चे अपने पारिवारिक प्रस्थितिययों के कारण अपनी शिक्षा को बीच में ही छोड़ कर जॉब तलाशते हैं उन युवाओं के लिए वेल्डिंग सर्टिफिकेट ट्रैनिंग प्रोग्राम बहुत उपयोगी प्रोग्राम है। इस प्रोग्राम को करने के बाद व्यक्ति टेक्निकल हो जाता है और आराम से बडे से बडे  फेब्रिकेशन प्लांटों के साथ साथ अंर्तराष्ट्रीय कंपनियों में अच्छा मौका मिल जाता है। संपूर्ण देश मे इस तरह के प्रशिक्षण प्राप्त 5 से 8 प्रतिशत लोग ही होते है। अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।






मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।