बिखरे हुए अक्षरों का संगठन
ब्लॉग में आपको अनेक विषय वस्तुओं पर जानकारियाँ मिलेंगी जैंसे Education, Technology, Business, Blogging आदि।
Saturday, April 15, 2023
मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)
Monday, October 10, 2022
खिड़कियाँ
आखिर तुम कब खोलोगे ?
खिड़कियाँ!
अपने मन मस्तिष्क की।
कानून, न्याय और अधिकार
सब पर आधिपत्य है तुम्हारा!
अपनी उलझनों पर तुम
चटकनियाँ चढ़ा के बैठे हो,
तुम्हारे हाथ मे कुछ नही
ये किस कंठ से कहते हो!
राम बनने की कोशिश में
हवा को छू लेते हो।
नाच रहा रावण मस्तिष्क पर
ये घूट कैसे पी लेते हो!
चाल दिख रही है हर एक को
ये कदमताल भी तुम्हारी ही है,
तुम जी रहे हों किस वहम में
ये लाचारी भी तुम्हारी ही है।
आखिर कब खोलोगे ?
खिड़कियाँ!
अपने मन-मस्तिष्क की। @- राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
#राजनेता
#टूटतासमाज
#तड़फतीइंसानियत
#कुर्सियाँ
#चालाकियाँ
Sunday, April 17, 2022
आपके शौक
कब कहाँ और कैंसे यह अचानक लोगों के लिए प्रेरणा बन जायें यह कोई सोच भी नही सकता। आज दुनियाँ में लाखों उदाहरण भरे पड़े हैं। जिन लोगों ने अपने शौक को निरंतर रूप से आगे बढ़ाया है उनका शौक समाज के लिए प्रेरणा तो बन गया परन्तु उस शौक ने उनके साथ साथ हजारों लोगों की जिन्दगी ही बदल डाली। पैंसा एवं प्रतिष्ठा ये दो ही ही शब्द हैं जिनके लिए हर व्यक्ति पूरी जिन्दगी भर समय एवं सांसारिक भावनाओं का बोझ ढोता है। जो भी दुनियाँ में आता है इन दोनों शब्दों से खुद को न चाहाते हुये भी अलग नही कर सकता है। यह एक चमत्कार है। आज दुनियाँ के सामने करोड़ों रास्ते हैं इन दोनों तक कि पद यात्रा करने के लेकिन 99% लोग बीच में ही अपनी आशाएँ छोड़ देते हैं, इसमें सबसे बड़ी बाधा समाज का मार्गदर्शन। जितने भी लोग आज सफल हुये हैं उनका सफलता का एक ही राज है शौक, यदि वह अपने शौक का गला घोट देते तो सफलता नही मिलती। समाज की नजरें आपको तब तक रोकती हैं जब आप सफल नही बन जाते, आपके सफल बनते ही समाज का नजरिया स्वतः ही बदल जाता है। याद रखें जो सामाजिक जन आकांक्षाएँ आपके कदमों पर सरसरी नजरें गढ़ायें रहती हैं वही आपके सफल होते ही आपकी वाहवाही करने लगती हैं। किसी भी बड़े प्रतिष्ठित व्यक्ति की जीवनी उठा कर देखें प्रत्यक्ष प्रमाण मिल जाता है। हम सब ये जानते हैं तो भी सफलता का प्रतिशत सदैव कम ही क्यों रहता है? इसका मुख्य कारण है 95% व्यक्ति व्यक्ति निरन्तरता से थक जाते हैं। यदि आप भी थक रहे हैं तो असफलता का दरवाजा आपका इंतजार कर रहा है।
Monday, February 21, 2022
जन्मजात योग्यता
Tuesday, February 1, 2022
जिंदगी हमें घसीट तो नही रही है ?
समय कहीं हमें घसीट तो नही रहा है?
दुनियाँ का हर व्यक्ति खुद के लिए चतुर होता है, आज हर तीसरा व्यक्ति अच्छा पढ़ा लिखा है, हर छोर पर अच्छी जॉब भी है और अच्छा व्यवसाय भी साथ ही साथ रिस्क लेने की क्षमताओं में भी इजाफा हुआ है। पैंसा एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि बहुत कुछ है मगर सब कुछ नही यदि आज अपने चारों ओर नजर उठा के देखते हैं तो हर ओर एक नया स्टार्टअप नजर आ जायेगा। चाहे वो ट्रैवलिंग से सम्बंधित हो, खाने से सम्बंधित हो, फाईनेंस से सम्बंधित हो, दुकान या मॉल से सम्बंधित हो, पढ़ाई से सम्बंधित हो,लेखन से सम्बंधित हो,मंच से सम्बंधित हो, स्कूल या कालेज से संबंधित हो या तकनीकी डिग्री या सर्टिफिकेशन से सम्बंधित हो या राजनीति से सम्बंधित हो। लगभग हर क्षेत्र में नये नये लोगों ने परिचम लहराया है। मगर ये भी सच है कि अधिकांश मुँह लटकाये बैठे हैं उन्हें तनाव के साथ साथ अपनी शैक्षिक डिग्रियों ने घेर कर रख दिया है और जॉब के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इसमे न तो उनकी गलती है और न ही उनके घर वालों की बल्कि एक तरफ दौडती हुई दुनियाँ की गलती है। लोग सब कुछ जान कर भी जॉब के लिए उतावले हो जाते हैं और जब अपनी शैक्षिक योग्यता के अनुरूप पारिश्रमिक नही खोज पाते हैं तो तनाव ने जीने लगते हैं या अपनी आकांक्षाओं को वहीं पर खत्म कर लेते हैं, या अपने अनुभव को अपने मन मस्तिष्क पर बोझ बना कर खुद से कम्प्रोमाइज की जिंदगी जीने लगते हैं। यदि आप भी इस जीवन के चक्र में फंसे घुट रहे हैं तो अपने स्किल्स को डेवेलॉप कीजिए साथ ही सकारात्मक रुख से आगे कदम बढ़ाने की चेष्ठा कीजिए। रास्ता है और जरूर मिलेगा धौर्य धारण कीजिए। मैं कोई मोटिवेशन ट्रेनर नही हूँ और न ही किसी को भ्रमित करने हेतु लिखता हूँ। यह सब मेरा अनुभव है। मेरे जैसे कई लोग होंगे जो आगे बढ़ना चाहाते हैं मगर उन्हें उनकी परिस्थितियां रोक रही हैं। लेकिन ये भी सच है कि उन्हें उनके स्किल्स मालूम नही होंगे क्योंकि हमारी स्कूली शिक्षा हमें वो सब नही सीखाती हो जीवन को व्यवहारिक बना पाये,आज हमारे देश को स्वतंत्र हुये वर्षों हो चुके हैं मगर देश की अपनी मातृभाषा में कहीं भी 20 से 50 हजार या यूँ कहें लो प्रोफाईल वाली जॉब के लिए इन्टरव्यू का प्रथम गंतव्य अँग्रेजी से ही शुरू होता है। लेकिन कितने प्रतिशत लोग अँग्रेजी में परिपूर्ण हैं। देश का 70% तबका आज भी हिंदी ठीक नही बोल पता है। आप विश्लेषण खुद कीजिए सब कुछ आपके सामने है।
#skillschallenge
#educationmatters
#lifechallenge
#Niesbud Skill Development Entrepreneurship
#entrepreneurmindset
Sunday, January 30, 2022
E Store India ( ई स्टोर इंडिया ) सुपर मार्केट
Thursday, January 27, 2022
E-Store India (ई स्टोर इंडिया)
समय के साथ तकनिकियाँ बदलती हैं और रोजगार सृजन की नई संभावनाएँ पटल पर अंगड़ाईयाँ लेने लगती हैं। सदियों से लोग पैंसे कमाने के तरीकों को बड़ी तेजी से बदलते हुये देखते आ रहे हैं लेकिन समय के बदलाव ने बाजार का प्रारूप ही बदल के रख दिया है। जैसे होम स्टे, OYO Room, Digital Marketing, Social Media Marketing, Online Education, Online Shopping, Blogging, AdWords, Adsense, Logo Design, Insurance Industries, financial area, Digital Currency, Crypto Currency आदि या यूँ कह सकते है फ्रीलांसिंग के क्षेत्र में बड़ी तेजी से तकनीकी बदलाव बढ़ रहे हैं।
इन सबके बीच बड़ी तेजी से रिटेल चैन भी उभर कर आ रही हैं। इनमें से सबसे तेजी से जो अपने ग्राहक बना रही है उसका नाम आजकल हर तीसरे व्यक्ति की जुवां पर चढ़ा है वह है #ईस्टोरइंडिया । कंपनी ने अपना मार्केटिंग आईडिया बिल्कुल चेंज कर के रख दिया। अपने रेगुलर उपभोगताओं को ही अपने प्रचार प्रसार का पैंसा दे रही है और उन्हीं से कमा कर अपनी सपोर्टिंग ऑर्गनाइजेशनों को गति दे रही है। चंद सालों में करोना काल के बावजूद भी कंपनी अपने जुड़े उपभोगताओं एवं खुद के साम्राज्य को लगातार आगे बढ़ाती ही जा रही है साथ ही उन शहरों तक भी पहुँच रही है जहाँ पर मल्टी टाइप सुपर स्टोर की कल्पना भी नही की जा सकती है। अपने छोटे प्रारूप से लेकर कंपनी आज अपने खुद के मॉल का प्रारूप भी दुनियाँ के सामने रख चुकी है। कंपनी से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति व्यक्ति या परिवार आज अपनी जरूरतों का सामान उचित दर पर खरीद ही रहा है साथ ही अच्छे पैंसे भी कमा रहा है। ई स्टोर इंडिया (E-Store India) बाजार के प्रारूप को बदलने वाली पहली कंपनी नही है बल्कि इस तरह की स्कीमों को लेकर बहुत सी कंपनियां जितनी जल्दी आयी उतनी ही जल्दी चली गयी मगर ई स्टोर इंडिया ने अपने कॉन्सेप्ट को लोगों तक एक अनोखे अंदाज में पहुँचाया है जो कि आज सफलता की ओर बड़ी तेजी से कदम बढ़ा रहा है। कुछ इसे पचा नही पा रहे हैं और कुछ इसके सिद्धांतो के साथ जुड़ कर आज अपने परिवार का अच्छे से पोषण कर रहे हैं। कंपनी कई क्षेत्रों में अपने पैर फैला रही है। जैसे आयुर्वेदिक उत्पाद, कॉस्मेटिक्स उत्पाद, फास्ट मूविंग कंज्यूमर उत्पाद (FMCG) गारमेंट, ई स्कूटी, रियल स्टेट आदि। कंपनी ने इंसान के जीनव की वह बस्तु पकड़ी है जिसके बिना जीवनयापन नही किया जा सकता साथ ही बढ़ती हुई बेरोजगारी को कैंसे दूर किया जा सकता है यह कम्पनी का मुख्य केंद्र रहा है। आज कंपनी के साथ बड़े बड़े ब्रांड जुड़ने के लिए अपना वेंडर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। लोगों के टाईम एवं मनि इन्वेस्टमेंट को बड़ी सहता से रिटर्न देने का काम कर रही है यही फॉर्मूला इसकी ताकत बन कर उभर रहा है।
मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)
यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...
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तेज कदमों की रफ्तार समय के साथ दौड़ती जिंदगी क्या खोज रही मुट्ठी भर यादें लिए। सुख भी दुःख भी पल-पल बदल रहा फिर भी मुसाफिर सी भटकती जि...
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समय का बदलाव कहें या टेक्नोलॉजी का विस्तार हर ओर डिजिटल ही डिजिटल नजर आ रहा है, चाहे कोई उत्पाद हो या कोई सर्विस। मार्केटिंग से लेकर, पढ़ा...
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सफलता एक दिन में नही मिलती, लेकिन इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है सफलता बिना सीखे, भी नही मिलती। इस कड़ी में देहरादून के राहुल भटनागर जी को सुनत...