Wednesday, May 29, 2013

कन मा भुलअला


द्नकण ल्ग्ज्ञाछीन नान्नी ख्यूटीयोंन  
जुकड़ी मा बांधिक पापी पीड़ा
भुलअला भी त कनकै क भुलअला
आन्ख्यों मा आंसू समाल्य्धिक !  
चुबुणु रल्लू यु याद कु कान्डू
घंतुलियों की तीस कन कै बुझअला
मुखुडी की रौनक त छूपाई भी जांदी
क्यूँकाल्यु सी बाडूली कन मा भुलअला !
द्नकण ल्ग्ज्ञाछीन नान्नी ख्यूटीयोंन 
जुकड़ी मा बांधिक पापी पीड़ा
भुलअला भी त कनकै क भुलअला
आन्ख्यों मा आंसू समाल्य्धिक ! 
शहरु की चकाचोंद मा
बिसरी भी जाला त
जुकुड़ी कु डाम कन कै मीटैला
जग्दु अंगार सी सुल्गुणु रंदू जू
तै आग तै कन मा !
अदाण कु ऊमाल्द सी बार बार अलू
भाड पौंअण सी तुम कन मा बचौला
जुकड़ी मा बांधिक पापी पीड़ा
भुलअला भी त कनकैक भुलअला ! – गीत – राजेन्द्र सिंह कुँवर ‘फरियादी’


  

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