Friday, August 17, 2018

ह्ववे जालू रे ह्ववे जालू रे
ह्ववे जालू!
तुम ज्योत जगा विकासकी
उजालु ह्ववे जालू!

पुंगड़ा बांजा राखा
पैंसा वाला सैर भाग
नेतौं का फैथर सेणी खाणी
भूल्या न!

मन्ख्यों तै मन्ख्यों की जुकुड़ी मा
मसेटू जन छाँ तुम गमजौणा
नेतौं का खातिर दिन रात
मुछाळी सी छा जुकुड़ी सुलगौंणा!

ह्ववे जालू रे ह्ववे जालू रे
ह्ववे जालू!
तुम ज्योत जगा विकासकी
उजालु ह्ववे जालू! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

#विकास
' आदरणीय अटल विहारी वाजपेयी जी की पवित्र आत्मा को कोटि कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि!!!

"मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं।" विशुद्ध कवि ह्रदय, प्रबुद्ध राजनैतिक विचारक, काल के कपाल पर लिखने-मिटाने' वाली यह आवाज आज हमेसा हमेसा के लिए अटल हो गयी। विनम्र श्रद्धांजलि!!! कोटि-कोटि नमन #आदरणीयअटलविहारीवाजपेयी

मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।