अहंकारों की बाढ़ सी आ गयी है,
कुर्सियों से निशाने साधे जा रहे हैं।
महासंग्राम सा हो गया चुनाव अब
कहीं विभीषण तो कहीं कृष्ण तलाशे जा रहे हैं। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर फरियादी'
कुर्सियों से निशाने साधे जा रहे हैं।
महासंग्राम सा हो गया चुनाव अब
कहीं विभीषण तो कहीं कृष्ण तलाशे जा रहे हैं। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर फरियादी'
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