Wednesday, May 22, 2019

वक्त

तेरा मेरा कब किसका,
देखो कैंसा निकलता है!
पल पल में ये जीवन,
ये तो वक्त बदलता है!

कुछ तुम्हारी रखता है
कुछ हमारी रखता है
हम तुम क्या बोलें इस पर
ये तो वक्त बदलता है!

नजरों ने जो कैद किया,
कब याद कोई रखता है!
तुम हैरान हुये क्यों इस पर,
ये तो वक्त बदलता है। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'








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