ब्लॉग में आपको अनेक विषय वस्तुओं पर जानकारियाँ मिलेंगी जैंसे Education, Technology, Business, Blogging आदि।
Wednesday, February 27, 2013
Tuesday, February 26, 2013
मैं तो पानी हूँ
नमन करूँ मैं इस धरती माँ को,
जिसने मुझको आधार दिया,
पल पल मर कर जीने का
सपना ये साकार किया !
हिम शिखर के चरणों से मैं,
दुःख मिटाने निकला था,
किसी ने रोका मुझे भंवर में,
कोई प्यासा दूर खड़ा था !
कभी आँखों से टपका मैं,
कभी बादल बनकर बरसा हूँ,
कभी सिमट कर इस माटी में,
नदी नालों में बहता हूँ !
कब कहाँ किसके काम आऊँ,
मैं कहाँ इतना ज्ञानी हूँ,
सब के तन मिटे इस माटी में,
मैं तो फिर भी पानी हूँ ! – रचना –
राजेन्द्र सिंह कुँवर ‘फरियादी’
Wednesday, February 13, 2013
Subscribe to:
Posts (Atom)
मशरूम च्युं
मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।
-
मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।
-
तिमला (Timla) आम (Aam) सेब (Seb) Apple आरु (आडू) Aadu शहतूत (Shahtut) मोलू (Mili...
-
यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...