गीत संगीत और वाद्य यंत्र अक्सर हम सभी को कभी न कभी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हर व्यक्ति अपनी उम्र में वाद्य यंत्रों को बजाना सीखिना चाहता है, मगर साधन उपलब्ध न होने की वजह से यह सभी का सपना रहा जाता है खुश किस्मत होते हैं वो लोग जिन्हें अपनी रुचि के अनुरूप सीखने का मौका मिलता है। मगर यह भी सच है ज्यूँ ज्यूँ उम्र बढ़ती है हमारे शौक और इरादे बदलने लगते हैं। और हम अपने हृदय की उस ईच्छा को ह्रदय में ही दफन कर देते हैं जब जब हम आगे बढ़ते हैं और जैंसे जैंसे उन सभी का हमारे से सामना होता है हम मायूस हो जाते हैं। सोचते हैं काश हम भी.... इच्छानुसार हम हर वो वाद्या यंत्र उस समय बहुत जल्दी सीख सकते हैं जब यह ईच्छा हमारे मन मे हिलौरे लेने लगती है। अब हम वो सब पा सकते हैं जो हमें सीखना है डिजिटिलाइजेशन के इस युग मे अब सीखिये हर वाद्य यंत्र को जो आपका सपना था आज भी सीखना उतना ही सरल है जितना तब था जब आप की पहली ईच्छा मन मे उत्त्पन्न हुई थी। बस जरूरत है खुद को समझने की ओर अपने आप को समय के साथ दृढ़ संकल्प में बंधने की। ये आप अपने बच्चों को भी सीखा सकते हैं आईये आज इस कड़ी में यहाँ सीखते हैं हारमोनियम बजाना।
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