Tuesday, September 25, 2018

शब्दों की आवाज

शब्दों की
आवाज
छू लेती है
तन मन को!
कभी
चलती है
लेकर हमें
अजनबी सफर को!
शब्दों की
आवाज
छू लेती है
तन मन को!
शब्दों की आवाज
तोड़ कर
सन्नाटे को
घुल जाती है
मधुर स्मृतियों सी
महकती तन मन में! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'






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