Tuesday, August 21, 2018

यदि संघर्ष ही करना है तो अपनी जिग्यांसाओं के झुरमुटों में अपने हृदय की आशाओं को टटोलते हुये आगे बढ़ो। निश्चित ही कोई नया रास्ता मिलेगा आने वाली पीढ़ी के लिए। @ राजेन्द्र सिंह कुँवर फरियादी'

मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)

यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...