Tuesday, April 29, 2014

जिगर में बैठ कर ढून्ढते रहे आशियाना वर्षों तक, 

और एक लौं के बुझते ही न जाने क्यों बिखर गए,  

यूँ तो सपने हर कोई देखता है हर बार चाँद के, 

छत से भी देखने को मिल जाय तो नसीब समझिए l कॉपी राईटस @  राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'  

ये ऊँगली कमाल की है

जिनको थामने के लिए कोई आगे नहीं बढ़ा कभी, 

उन्ही की तलास में आजकल बहुत घूम रहे है l 

लेकर नोट कोई कोई मदिरा में झूम रहे हैं,

हाल ये है अब बस्तियों का हर कोई ऊँगली चूम रहे हैं l @राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'


मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।