कलम के सिपाई एवं मधुर स्वर से शब्दों के साधक आदरणीय श्री संदीप रावत जी से उनके आवास श्रीनगर ( डांग ) में एक अविस्मरणीय मुलाकात हुई। आदरणीय संदीप जी हमारी युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक के रूप में भी काम कर रहे हैं। उनका मधुर कंठ और पाहाडी क्षेत्रों की विलुप्त होते हुये शब्दों को मंच तक पहुंचा रहे हैं उनकी गायन शैली का मैं कायल हूँ। उन्होंने मुझे अपनी पुस्तक उदरोल भेंट स्वरूप प्रदान की। मेरा सौभाग्य है कि ऐंसे मनीषियों से मुझे मिलने का सौभाग्य मिलता है। बाकी पुस्तक पढ़ कर उनकी रचनाओं को आप सभी मित्रों तक पहुँचता रहूँगा। आदरणीय संदीप रावत जी के ब्लॉग का अवलोकन आप इस लिंक पर कर सकते हैं।
ब्लॉग में आपको अनेक विषय वस्तुओं पर जानकारियाँ मिलेंगी जैंसे Education, Technology, Business, Blogging आदि।
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मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)
यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...
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तेज कदमों की रफ्तार समय के साथ दौड़ती जिंदगी क्या खोज रही मुट्ठी भर यादें लिए। सुख भी दुःख भी पल-पल बदल रहा फिर भी मुसाफिर सी भटकती जि...
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समय का बदलाव कहें या टेक्नोलॉजी का विस्तार हर ओर डिजिटल ही डिजिटल नजर आ रहा है, चाहे कोई उत्पाद हो या कोई सर्विस। मार्केटिंग से लेकर, पढ़ा...
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सफलता एक दिन में नही मिलती, लेकिन इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है सफलता बिना सीखे, भी नही मिलती। इस कड़ी में देहरादून के राहुल भटनागर जी को सुनत...