Friday, July 29, 2016

हर रंग का अपना जलवा है यहाँ,
तुम रंग अपना बिखेरो तो जाने।
हर कदम पर टूटते हैं यहाँ हौसले,
तुम हौसलों को संभालो तो जाने।
हर तरफ उठती है उँगलियाँ यूँ तो,
कभी उँगलियों पर उठो तो जाने।
हर निगाह टिकी है यूँ मंजिलों पर,
एक मंजिल तुम दिखा दो तो जाने। @ – राजेन्द्र सिंह कुँवर ‘फरियादी’

मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)

यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...