Sunday, September 30, 2018

बढो आगे बढो

बढो आगे बढो
रूको मत चलते चलो
पहिचानो उस सामर्थ्य को
जो हृदय और मस्तिष्क पर
चहलकदमी कर रही है ।

उतार दो उसे पथ पर
चढ़ने मत दो उसे रथ पर
स्वप्न संसार मे दौड़ने से
बोलो भला क्या मिलेगा । रचना - सर्वाधिकार, सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'


मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)

यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...