Sunday, June 30, 2019

'जान न अनजान रहने दे'

तू न जान मुझे अनजान रहने दे,
शब्द न छुपा यूँ तू मुझे कहने दे।
मैं जलता रहा खुद में खुदी के लिए
ये बारिश है तो क्या इसको भी सहने दे।। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

#जान_अनजान

मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)

यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...