Tuesday, May 17, 2011

अभी अभी तो राह पकड़ी है,


मैं चलने को तैयार हुआ,
मन में कुछ उलझन सी है,
आवाज न दे कोई राह में मुझको
अभी अभी तो राह पकड़ी है!
सपने आपने कब सच होंगे,
हर मंजिल एक बसेरा है,
जीवन जिसको समझा था मैं,
वो दिन रात और सबेरा है !........रचना राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' 

मन बिचलित क्यों होता हैं

मैं खड़ा हूँ एक चौराहे पर,


राह सभी मुझे बुला रही हैं,


सुन पुकार इन राहों की अब,


मन बिचलित क्यों होता हैं,


लेकर यादें जो आया था,
अब वे हाथ हिला रही हैं,


देखा अकेला राही मुझको,


गलियां सभी बुला रही हैं .......... रचना राजेन्द्र सिंह कुँवर ' फरियादी'

सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।

मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो।  सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...