सपनों का पीछा तब तक करते रहें, जब तक आपकी मंजिल नही मिल जाती। जॉब हो चाहे व्यवसाय इन दोनों के लिए के हम सभी लगातार संघर्ष करते हुये आ रहे हैं, किसी को जॉब चाहिए और किसी का सपना व्यवसाय का होता है परन्तु जैंसे जैंसे हम अपने शिक्षण संस्थानों से निकल कर इस प्रत्यक्ष बिंदु पर पंहुचते हैं सब कुछ भूल से जाते हैं जॉब और व्यवसाय क्या, कैंसे से ज्यादा महत्वपूर्ण यह हो जाता है कि बस किसी भी तरीके से जॉब मिल जाये, और जॉब भी उसी फील्ड में खोजते हैं जिस फील्ड की किताबें पढ़ कर निकले या जिस तरह के सर्टिफिकेट हमनें अपने शिक्षण संस्थओं से एकत्रित किये। यह एक सत्य है, नब्बे प्रतिशत लोग यही सब करते हैं और अपने जॉब या व्यवसाय के आस पास ही जीवन भर चक्र लगाते रहते हैं। आज का माहौल कुछ बदल सा गया है। हर ओर रास्ते बड़े सुन्दर दिखते हैं लेकिन हम जैंसे ही उन रास्तों की रफ्तार के मध्य खड़े होने की कोशिशें करते हैं तो चारों ओर सफल और असफल लोगों को खोजना शुरू कर देते हैं और इन दोनों पहलुओं को अपनी सीढ़ी बना लेते हैं अब रफ्तार भी उसी गति से बढ़ती है जिस गति से हम सोचते हैं। यह भी सत्य है कि सकारात्मकता की जगह नकारात्मकता अधिक प्रभावी होती है और हमनें कदम पर आगाह करती है असफल होने के लिए जिस वजह से हम अपना शतप्रतिशत नही दे पाते हैं। यह भी याद रहे, इसका दोष अब हम खुद की किस्मत को देते हैं। जबकि किस्मत नाम की चिड़िया कभी होती ही नही है जिसने भी इस चिड़िया की खोज की है उसका उद्देश्य भी इस चिड़िया के नाम पर अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने का रहा होगा। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं विश्व में कितने बड़े बड़े ज्ञानी, वैज्ञानिक, समाजशास्त्री, न जाने कौन कौन कितने महान हुये यदि किस्मत की बात होती तो आज इंसान चांद के साथ साथ अन्य ग्रहों की यात्राएँ नही करता। बल्कि घर मे सो कर अपनी किस्मत को ही खोज रहा होता। छोड़ दीजिए किस्मत को दोष देना और अपने कदम जॉब या व्यवसाय की ओर आगे बढाईये। यदि कुछ अलग करना है तो दुनियॉ को मत दिखिये खुद के कदमों को देखना शुरू कीजिए। अपने एक एक कदम को जैंसे जैंसे आगे आगे बढ़ाते चलोगे उसकी एक एक हलचल लिखना शुरू कीजिए। यहीं से आपकी कहानी शुरू होगी और लोग आपको जानने लगेंगे। आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लगातार सीढ़ियों पर ध्यान रखें हर सीढ़ी आपको रोकती रहेगी। पथ पर नकारात्मकता ज्यादा प्रभावी होती है हमें यह ज्यादा प्रभावित भी करती है और अधिकांश लोग यही पर अपने सपनों को छोड़ कर लौटने लगते हैं या किस्मत का हवाला मान कर अपनी गति रोक देते हैं जबकि सच्चाई ये हैं हमें इस स्थिति में अत्यधिक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना होता है। सफलता का यही छोर हम में से अधिकांश नही पकड़ पाते हैं। आज जॉब भी हैं, व्यवसाय भी हैं, लोगो के पास दुनियॉ भर के आईडिया भी हैं, संसाधन भी हैं सफलता के आँकड़े हैं और आसफलता के परििणाम भी हैं बस जिसकी कमी है वह धैर्य हैै।
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