Friday, January 25, 2013

आशंकित मन

लुट रही तन की गठरी,

मन पर आशंका ठहरी है,

किस ओर बढ़ाएं पग अपने,

हर आँख शिकारी बन पहरी है !

मूल भूल कर संस्कृति का,

पनप रही रंग लहरी है 

उन्माद भरे हैं मस्तिष्क अब,

दिख रही ये खाई गहरी है ! - रचना - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'




सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।

मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो।  सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...