Thursday, July 16, 2020

उज्ज्वल भविष्य की संभवनाएं

एटोमी क्या आपके बच्चों के भविष्य को बेहतर बना सकती है। जानिए एटोमी क्यों करनी चाहिए और एटोमी का उद्देश्य क्या है ? क्या बिना इन्वेस्टमेंट के सिर्फ और सिर्फ मानवीय रिश्तों को जोड़ कर आगे बढ़ने से अन्तर्राष्टीय व्यवसाय की रहस्यमय दुनियाँ को जाना जा सकता है ? यदि अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ हम अपने मित्रों एवं रिश्तेदारों को साथलेकर आगे बढ़ते हैं ये हमारे साथ जुड़ने वाले भी यदि इसी तरह आगे बढ़ने की सोच रखते हैं तो विश्वपटल के साथ व्यवसाय एवं जीवन के मधुर अनुभवों के पलों से भावविभोर होने से कोई नही रोक सकता। बस आपको सिर्फ और सिर्फ अपना एक कदम आगे बढ़ाना है। यदि इस विचार पर हम गहनता से विमर्श करें तो मेक इन इंडिया के सपनों को हम हकीकत में बदल सकते हैं। यह विश्व की एकमात्र इंडस्ट्रीज है जहाँ पर न तो शिक्षा के प्रमाण पत्रों के आधार को आधार माना जाता है और न ही आरक्षण को बरियात दी जाती है। यहाँ पर हम एक परिवार के रूप में आगे बढ़ते हैं। समान शिक्षा एवं समान कमाने का अधिकार भी हर किसी को मिलता है। समान पद पर पहुँचने के बावजूद भी आपस मे कोई टांग खिंचाई की भावना उत्पन्न नही होती। यहाँ पर गृहणी, विद्यार्थी, जॉब या व्यवसायी के लिए पहली सीढ़ी से ही आगे बढ़ने की परंपरा है। यदि एथिकल कंपनी की बात की जाय तो आपके ऊपर किसी नये व्यक्ति को जिम्मेदारी नही दी जाती या स्पष्ट शब्दों में कहा जाय तो किसी नये व्यक्ति को आपके ऊपर थोपा नही जाता है। सभी के लिए पहली सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ना अनिवार्य है। क्या आप तैयार हैं यदि हां तो अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें 9818583935



Wednesday, July 1, 2020

हलवा एक पारंपरिक प्रसाद

उत्तरांखण्ड में कोई भी त्यौहार हो या शादी समारोह हलवा वहाँ का प्रमुख है या यूँ कह सकते हैं ये शुभ कार्यों के लिए एक प्रसाद है। आजकल उत्तरांखण्ड में लोग धान की रोपायियों में व्यस्त हैं। खेतों में काम करने वालों के लिए रोटी सब्जी के साथ हलवा जरूर बनता हैं पहले ये पारम्परिक तौर पर गेंहू के आटे का बनता था मगर समय के चक्र ने उससे भी लील लिया है।


मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।