मार्केटिंग एक ऐंसा शब्द है जो अपने आप मे स्फूर्ति लिए हुये होता है। अर्थात मार्केटिंग शब्द कानों में पड़ते ही एक अगल सा उत्साह मस्तिष्क को प्रेशराइज्ड करने लगता है। हम आज बात करते हैं ऑनलाईन मार्केटिंग या डिजिटल मार्केटिंग के स्वरूप की। आज तकनिकियाँ इतनी आगे बढ़ गयी हैं कि व्यक्ति के चेहरे के भाव से सेलिंग कम्पनी अपने उपभोगताओं को पहिचान ने लगी हैं। खैर यह एक विशेष पद्धति है अभी अभी डेवेलॉप हुई है मगर सबसे ज्यादा प्रचलनमें आजकल जो तकनीकी है है वो है पिक्सल। गूगल के एडवर्ड्स को फेसबुक एड में बहुत पीछे छोड़ दिया है। कई प्रकार के एड आज फेसबुक पर देखे जा सकते हैं। कैंसे फेसबुक अन्य एड प्रणालियों से भिन्न है, एड के परिणामों में भी अभी तक सबसे अच्छे परिणाम देने वालों ने सबसे आगे है। दिन-प्रतिदिन कंपनियों में फेसबुक मैनेजर एवं एड एक्सपर्ट की विज्ञप्ति निकलती जा रही हैं इससे यूँ भी कह सकते हैं कि यह रोजगार एवं जॉब के लिए अति नवीन मार्ग है। इन पोस्टों के लिए वैंसे तो सामान्य 12वीं पास भी अपने आपको तैयार कर सकता है हाँ इस क्षेत्र में जॉब करने वाले को लगातार खुद को अपडेट करते रहना पड़ता है। अभी तक कि मार्केटिंग प्रणालियों की यदि विवेचना की जाय तो फेसबुक मार्केटिंग सबसे सरल पद्धति है। आईये जानते हैं यूट्यूब एक्सपर्ट, ब्लॉगर शुभम अग्रवाल जी से की फेसबुक मार्केटिंग कैंसे अन्य मार्केटिंग प्रणालियों से भिन्न है।
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