उत्तरांखण्ड में कोई भी त्यौहार हो या शादी समारोह हलवा वहाँ का प्रमुख है या यूँ कह सकते हैं ये शुभ कार्यों के लिए एक प्रसाद है। आजकल उत्तरांखण्ड में लोग धान की रोपायियों में व्यस्त हैं। खेतों में काम करने वालों के लिए रोटी सब्जी के साथ हलवा जरूर बनता हैं पहले ये पारम्परिक तौर पर गेंहू के आटे का बनता था मगर समय के चक्र ने उससे भी लील लिया है।
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Wednesday, July 1, 2020
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सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।
मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो। सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...
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दूसरों की खुशियों पे दुःख जताने वालों, आसमां की तरह छत चाहाने वालों, क्यों तिनके तिनके पे, इस कदर जलते हो, जब जलना ही है त...
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जन जन से मिल कर शहर से निकल कर आती है सहमी सी आवाज की तुम मुझे बचालो! मुझे बचालो ! मुझे बचालो ! हर एक पहाड़ से टकराकर ...
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किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नही कितना चाहो बिखर जाओ पर रहोगे सदैव पंक्तियों में। किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नह...