Sunday, December 29, 2013

हाइकु

भारतवर्ष 

फिर जागा ये देखो  

नया तूफान ! 

रंग बदले  

सब चेहरे देखो

कुछ तो लुटा !! 

ठंडी हवा सा 

फैलता कोहराम 

आज सिमटा !!!

गरमाई है 

कुछ धूप में अब 

तूफान कहाँ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'



Thursday, December 19, 2013

खोपड़ी कु बथौंऊँ

गैणों पर तेरी नजर

चाँद पर तू उतरिगे

क्या बिगाड़ी ईं धर्तिन

मन मा जरा सोच लें 

गैणों पर तेरी नजर..........

क्या भाग्दी ईथ्यं  उथ्यं 

बैठिक तू सोच ली 

खोपड़ी मा उठियुं बथौंऊँ 

हे जुकुडी तू रोक ली - गीत - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'


मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)

यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...