Wednesday, August 13, 2014

ये जमी सूरज चाँद सितारे वही हैं,
यहाँ आदमी बदला और इमान बदलता है l 
इंसान वही रास्ते वही और शाम वही है, 
कोई धर्मं बदले और कोई भगवान् बदलता है l - रचना सर्वाधिकार सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' 

माँ के चार रूपों की आज स्थिति स्त्री, गौ, धरती और भाषा

माँ के हर रूप को देखो 
ये कैंसे नोंच रहे हैं l
बैठे हैं हम शांत तपोवन में 
नजरें झुकाए क्या सोच रहे हैं ? 

कट रही गौ एक तरफ 
लुट रही लौ एक तरफ 
क्षीण हो रही दिव्या धरा की शाखाएँ 
मिट रही पल-पल अपनी ही भाषाएँ 
और हम मौन खड़े गूंगे बैठे हैं l 

माँ के हर रूप को देखो 
ये कैंसे नोंच रहे हैं l
बैठे हैं हम शांत तपोवन में 
नजरें झुकाए क्या सोच रहे हैं ? रचना सर्वाधिकार सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' 



मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)

यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह ...