Tuesday, September 25, 2018

शब्दों की आवाज

शब्दों की
आवाज
छू लेती है
तन मन को!
कभी
चलती है
लेकर हमें
अजनबी सफर को!
शब्दों की
आवाज
छू लेती है
तन मन को!
शब्दों की आवाज
तोड़ कर
सन्नाटे को
घुल जाती है
मधुर स्मृतियों सी
महकती तन मन में! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'






Thursday, September 13, 2018

उत्तराखंड

जुकुडी मा बीणाणी बात
कुमर सी या चुब्णी च,
क्यामाँगी होलू यू अलग उत्तराखंड
सोची रग रग दुःखणी च।

कैन जाणी यण हौण
अपरा घरकु फिकू लौण
देखा आज ये ताता दूधन्
घंटुली डामि छन! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Sunday, September 9, 2018


  • आप लोग यदि भारतीय स्टेनलेस स्टील विजिटर चेयर मैन्युफैक्चरर्स सप्लायर्स  (Stainless Steel Visitor Chair, Stainless Steel Platform Bench, Stainless Steel Airport Waiting Visitor Chsir, Railway Waiting Room Visitor Chsir Manufacturer and Supplier) ढूंढ रहे हैं तो आपकी तलाश यहाँ पर आ कर पूर्ण हो जायेगी। कुँवर ब्रोस कंपनी ने स्टेनलेस स्टील बेंच के लगभग पाँच- छ मॉडल तकनीकी आधार पर तैयार किये। बाजार में उपलब्ध इम्पोर्टेट बेंचों से बिल्कुल अलग हैं रेगुलर यूज, लंबे समय तक उत्पाद की सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त, मेंटिनेंस फ्री, जंग फ्री, पेंटिंग से आजादी, उत्पाद की फिनिशिंग की डल होने की संभावना से आजादी आदि बहुत सी तकनीकी पर काम किया गया है। यदि आप भी टेंडरिंग करते हैं या सप्लाई करते हैं तो आप उत्तम क्वालिटी की मैन्युफैक्चरिंग के लिए संपर्क कर सकते हैं। 


Kunwar Bros & Co.
C 341, Sector 10,
Noida 201301 (U.P.) India
Tel 0120 4115709
Mob 9818583935, 9911968875
kbsnco@hotmail.Com
info@kunwarbros.com
www.kbsnco.blogspot.in
www.kunwarbros.in
www.kunwarbros.co.in

Stainless Steel Visitor Chair

Stainless Steel Platform Bench Supplier

Railway Waiting Room Visitor Chair manufacturers and supplier

Airport Visitor Waiting Chair Indian Manufacturers and suppliers
















Saturday, September 8, 2018

संदीप रावत का कविता-पाठ

कविता लेखन और कविता मंचन दोनों अलग अलग विधाएं हैं दोनों का स्वरूप अलौकिक है। सीमित अक्षरों से नव शब्द का सृजन और उस शब्द को स्वरमय मधुर परिकाष्ठा पर लाना कितनी कठिनाईयों का परिणाम हो सकता है इसका अनुमान किसी विशेष वयक्तित्व के धनी व्यक्ति को ही होता है। आज आप ऐंसे ही मधुर स्वर और अलौकिक शब्दों के जादूगर की एक अद्भुत अभिव्यक्ति से परिचित होने जा रहे हैं। माँ सरस्वती जिनकी स्वर लहरी में वास कर ले उनकी आवाज और उनके शब्दों को भला कौन अनदेखा कर सकता है। आज आप खुद सुनिये उनकी एक करुणामय मधुर वंदना।



Friday, September 7, 2018

हारमोनियम बजाना सीखिये

गीत संगीत और वाद्य यंत्र अक्सर हम सभी को कभी न कभी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हर व्यक्ति अपनी उम्र में वाद्य यंत्रों को बजाना सीखिना चाहता है, मगर साधन उपलब्ध न होने की वजह से यह सभी का सपना रहा जाता है खुश किस्मत होते हैं वो लोग जिन्हें अपनी रुचि के अनुरूप सीखने का मौका मिलता है। मगर यह भी सच है ज्यूँ ज्यूँ उम्र बढ़ती है हमारे शौक और इरादे बदलने लगते हैं। और हम अपने हृदय की उस ईच्छा को ह्रदय में ही दफन कर देते हैं जब जब हम आगे बढ़ते हैं और जैंसे जैंसे उन सभी का हमारे से सामना होता है हम मायूस हो जाते हैं। सोचते हैं काश हम भी....  इच्छानुसार हम हर वो वाद्या यंत्र उस समय बहुत जल्दी सीख सकते हैं जब यह ईच्छा हमारे मन मे हिलौरे लेने लगती है। अब हम वो सब पा सकते हैं जो हमें सीखना है डिजिटिलाइजेशन के इस युग मे अब सीखिये हर वाद्य यंत्र को जो आपका सपना था आज भी सीखना उतना ही सरल है जितना तब था जब आप की पहली ईच्छा मन मे उत्त्पन्न हुई थी। बस जरूरत है खुद को समझने की ओर अपने आप को समय के साथ दृढ़ संकल्प में बंधने की। ये आप अपने बच्चों को भी सीखा सकते हैं आईये आज इस कड़ी में यहाँ  सीखते हैं हारमोनियम बजाना।

Wednesday, September 5, 2018

यूट्यूब का (Yout You) हम लोग खिलौने की तरह उपयोग कर रहे हैं, अपननी इच्छा अनुसार हम सब इस (Youtube) पर वीडियो सर्च करते हैं और देखते हैं। कुछ लोग एजुकेशनल (Educational)  कुछ मोटिवेशनल (Motivational) कुछ मनोरंजन ( Entertainment) से सम्बंधित वीडियो या फिल्में देखेते है यो कुछ इन सब से सीखते हैं मगर बहुत कम लोगों को मालूम है कि यूट्यूब पर अकाउंट बना कर अपना चैनल क्रेट करने के बाद यूट्यूब चैनल पर काम करने से अच्छा रोजगार भी प्राप्त किया जाता है। साधारणतः यूट्यूब भी रोजगार सृजन के लिए एक अच्छा माध्यम है। यूट्यूब चैनल से कैंसे रोजगार शुरू किया जाता है जाने के लिए यहाँ  क्लिक करें।



Sunday, September 2, 2018

गणित ( Mathematics)

गणित हमारे जीवन का सबसे उपयोगी विषय है जन्म से लेकर मृत्यु तक हम गणित के फेर में ही फंसे होते हैं। जीवन की हर संतुष्टि के परिणाम पीछे भी गणित का ही योगदान होता है। आज बात करते हैं गणित के अंकों की। गिनती से लेकर गणित का रुझान मन को विचलित कर देता है मगर यह तब हमें अत्यधिक परेशान करता है जब (Table) पहाड़े हमारी जिंदगी में आने शुरू होते हैं, गणित के टेबल के इस डर से बहुत से विद्यार्थी घबरा जाते हैं कुछ बच्चे तो सदैव इस विषय से बचना भी चाहते हैं मगर शिक्षा की कोई भी सीढ़ी बिना इसे छुये बिना आगे नही बढ़ती है तो आईये आज सीखते हैं कि 9 से 99 तक की टेबल कैंसे चुटकी में हल कर सकते हैं कुछ साधारण सी बातों को हमें सदैव ध्यान में रखना है। यदि आप भी इस चमत्कार को अपनी लाईफ में अपना कर आगे बढ़ना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक कीजिए।


लेखन में हैं असीमित संभावनाएं
आज बात करते हैं लेखन की। सामान्यतः हम में से अधिकांश लोग कहीं न कहीं कुछ न कुछ लिखते आ रहे हैं चाहे वो सोशियल मीडिया प्लेटफॉर्म ही क्यों न हो, मगर इस लेखन से कितनो को रोटी कमाने का रास्ता मिलता है सायद 1 या दो प्रतिशत लोगो को। जी हां लेखन रोजगार का एक सशक्त माध्यम है लेकिन हम इसको समझ नही पाते हैं। अधिकांश लोग आजकल फेसबुक या अन्य प्लेटफॉर्मों पर कविता, गीत, गद्य आदि लिख रहे हैं और कुछ लोग तो पुस्तकों को भी प्रकाशित करवा रहे हैं फिर हम में से बहुत कम लोग लेखन की उपयोगोता समझते हैं। सायद हम इसलिए भी नही समझ पाते हैं क्योंकि जिस परिवेश में हमारी शिक्षा दीक्षा हुई है वहाँ पर कभी भी लेखन के महत्व को समझाया ही नही गया और न ही लेखन से रोजगार के स्रोतों के बारे में जानकारियाँ दी गयी हैं। लेकिन आज के समय को यदि हम लोग समझ पायें तो यह निष्कर्ष निकलता है कि बिना लेखन के हर क्षेत्र वीरान है, लेखन के बिना आज बाजार नही उभर सकता, लेखन के बिना इंसान एक कदम आगे नही बढ़ सकता, लेखन ही एक मात्र रास्ता है आज जो संपूर्ण विश्व को एकाग्र करता है। आज यदि हम लेखन के महत्व को समझने में सफल होते हैं तो हमें न तो रोजगार की चिंता रहेगी और नही स्वरोजगार शुरू करने में कोई परेशानी महसूस होगी। समझ लीजिए बिना लेखन के दुनियॉ में कुछ भी न तो खरीदा जा रहा है और न ही बेचा जा रहा है। आज के समय मे यदि आप अपना कैरियर लेखन को लेकर आगे बढ़ाना चाहते हैं या स्वरोजगार की ओर लेखन को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं तो यह राह सबसे सरल राह है लेकिन आपको स्वयं इस रास्ते की गहन जानकारियाँ सीखनी पड़ेंगी। स्वतंत्र आर्टिकल लेखक, ब्लॉग लेखक, विशेष क्षत्रों पर लेख, विज्ञापनों के लिए लेख, फिल्मों के लिए गीत, डाइलॉग, थीम आदि, प्रकाशनों के लिए पुस्तकें, कविताएँ, कहानियाँ, यह रास्ते लेखन के क्षेत्र को बहुत ऊंचाईयों तक लेकर जाते हैं। बस जरूरत है इन रास्तों पर कैंसे आगे बढ़ा जा सकता है यह सीखने की। यह एक मात्र ऐंसा क्षेत्र है जिस की ज्यादा जानकारियाँ हमें मालूम नही होती, आज किस किस को लेखक की जरूरत पड़ रही है यह समझने की जरूरत है। किसी भी बस्तु को बेचने मे आज सेल्समेन से ज्यादा एक लेखक जी जरूरत महसूस होती जा रही है। कंपनी हो चाहे प्रकाशन, फिल्म हो चाहे विज्ञापन, सोशियल मीडिया हो चाहे प्रोफेशनल मीडिया, नेता हो चाहे अभिनेता, मोटिवेटर हो चाहे कोई कार्यक्रम हो हर जगह लेख और लेखक की उपयोगिता मुख्य रूप से होती है,कोई वेबसाईट और कोई पुस्तक बिना लेखक के कभी भी परिपूर्ण नही हो सकती, हां हर कोई लेखक नही बन सकता यह सभी को मालूम है मगर ये भी सभी जानते हैं कि यदि लेखन की कुछ तकनीकी सिख ली जाय तो हर कोई लेखन कर सकता है। तो आईये अपने कदम लेखन की ओर आगे बढ़ाएं।

Friday, August 31, 2018


इंशान क्या सोचे अब उसने तो चलना है जहाँ वीन बजाये चले सपेरा वहाँ साँप निकलना है! दौलत की पोटलियों पर साँप चढ़े है रेंग रेंग कर सबने देखा मगरूर सपेरा उंगली उठाये ढेर ढेर पर आशा लगाये बैठे हम तुम सच दफन हो रहा घेर घेर पर झोली में उसकी अब तो बड़े सपोलों का भंडार है अब तरकीब ही खोज रहा नही तो बंठाधार है। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

इंशान क्या सोचे अब उसने तो चलना है जहाँ वीन बजाये चले सपेरा वहाँ साँप निकलना है! दौलत की पोटलियों पर साँप चढ़े है रेंग रेंग कर सबने देखा मगरूर सपेरा उंगली उठाये ढेर ढेर पर आशा लगाये बैठे हम तुम सच दफन हो रहा घेर घेर पर झोली में उसकी अब तो बड़े सपोलों का भंडार है अब तरकीब ही खोज रहा नही तो बंठाधार है। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Monday, August 27, 2018


कौन नही चाहता कि वह एक अध्यापक बने, एक अच्छा वक्ता बने, एक अच्छा ट्रेनर बने, एक बेहतरीन फैकल्टी बने। इस सब के लिए आपके पास अच्छी स्कूलिंग, अच्छी एजुकेशन, उत्तम शैक्षिक रिकार्ड आदि न जाने क्या क्या होना चाहिए। मगर ये भी सच है अच्छे ट्रेनर या अच्छे मोटिवेशनल होने के लिए जरूरी नही आपके पास अच्छा एजुकेशन ट्रेक रिकॉर्ड हो। आपके पास अपनी कार्यप्रणाली की अच्छी समझ, लोगों के मार्गदर्शन की क्षमता, कुछ अलग करने का विचार, जीवन के चैलेंज को स्वीकार ने की क्षमता होनी चाहिए। आपके अंदर जोखिम को मात देनी की ताकत को पैदा करने वाला विचार विद्यमान होना चाहिए। आईये आज इसी कड़ी में मिलते है एक छोटे 12 साल के थॉमस सुरेज से। आशा ही नही पूरी उम्मीद है आप भी अपने विचारों को गति देने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।

Thursday, August 23, 2018

बसग्याळ हो और अपने पहाड़ी जंगली फल घिंगारु की याद न आये संभव ही नही है।
"घिंघारू"__हिमालयी क्षेत्र में पायी जानेवाली वनस्पति कहते है कि ईश्वर की बनायी हर रचना का अपना महत्व है और ऐसा ही कुछ हिमालयी क्षेत्र में पायी जानेवाली वनस्पतियों के सन्दर्भ में भी सत्य प्रतीत होता है। इन वनस्पतियों की झाडियों में कुछ ऐसे फल पाए जाते हैं जिन्हें सुन्दरता के साथ-साथ पक्षी भी खाना पसंद करते हैं.. आप सेब के गुणों से तो परिचित ही होंगे लेकिन आज हम आपका परिचय हिमालयी क्षेत्र में पाए जानेवाले छोटे-सेब से कराते हैं ,जी हाँ बिलकुल सेब से मिलते जुलते ही इसके फल 6-8 mm के आकार के होते है। पर्वतीय क्षेत्र में "घिंघारू" के नाम से जाना जाता है! Rosaceae कुल की इस वनस्पति का लेटिन नाम Pyrancatha crenulata है जिसे "हिमालयन-फायर-थोर्न" के नाम से भी जाना जाता है। इसके छोटे-छोटे फल बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं, जिसे आप सुन्दर झाड़ियों में लगे हुए देख सकते हैं I इसे व्हाईट-थोर्न के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ओरनामेंटल झाड़ीदार लेकिन बडी उपयोगी वनस्पति है। आइये इसके कुछ गुणों से आपका परिचय कराते हैं :- -इसकी पत्तियों से पहाडी हर्बल चाय बनायी जाती है! - इसके फलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर दही के साथ खूनी दस्त का उपचार किया जाता है! -इस वनस्पति से प्राप्त मजबूत लकड़ियों का इस्तेमाल लाठी या हॉकी स्टिक बनाने में किया जाता है! -फलों में पर्याप्त मात्रा में शर्करा पायी जाती है जो शरीर को तत्काल ऊर्जा प्रदान करती है! -इस वनस्पति का प्रयोग दातून के रूप में भी किया जाता है जिससे दांत दर्द में भी लाभ मिलता है! -इसके फलों से निकाले गए जूस में रक्त-वर्धक प्रभाव पाया जाता है जिसका लाभ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में काफी आवश्यक माना गया है! -इसे प्रायः ओर्नामेंटल पौधे के रूप में साज -सजा के लिए 'बोनसाई' के रूप में प्रयोग करने का प्रचलन रहा है ! -इस कुल की अधिकाँश वनस्पतियों के बीजों एवं पत्तों में एक जहरीला द्रव्य 'हायड्रोजन-सायनायड' पाया जाता है जिस कारण इनका स्वाद कडुआ होता है एवं इससमें एक विशेष प्रकार की खुशबू पायी जाती है। अल्प मात्रा में पाए जाने के कारण यह हानिरहित होता है तथा श्वास-प्रश्वास की क्रिया को उद्दीपित करने के साथ ही पाचन क्रिया को भी ठीक करता है। -घिंघारू के बीजों एवं पत्तियों में पाए जानेवाले जहरीले रसायन "हायड्रोजन सायनायड" के कैंसररोधी प्रभाव भी देखे गए हैं लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन श्वासावरोध उत्पन्न कर सकता है।

Wednesday, August 22, 2018


तुम क्या हो बिना जाने ये
क्या समझ बैठे हो खुद को
एक दीप क्या जला आगे
खुदा समझ बैठे हो खुद को।
उंगलियों की ताकत का ये नजारा
तमाशा है समझा दीजिए खुद को
यहाँ कौन ठहरा है भला मैदान में
आसान है समझना बता दो बुत को! © - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, August 21, 2018

यदि संघर्ष ही करना है तो अपनी जिग्यांसाओं के झुरमुटों में अपने हृदय की आशाओं को टटोलते हुये आगे बढ़ो। निश्चित ही कोई नया रास्ता मिलेगा आने वाली पीढ़ी के लिए। @ राजेन्द्र सिंह कुँवर फरियादी'

Sunday, August 19, 2018

जीवन एक कैरियर अनमोल कैरियर है

हर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को आगे बढ़ाना चाहता है हम लोग जिंदगी को कॉपी पेस्ट की जिंदगी नही बनाना चाहते हैं मगर इसके लिए खुद कितना संकल्प ले के हम खड़े हैं। यदि अपनी इच्छा के अनुरूप हम कार्य कर के आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। कर्म का कोई विकल्प नही होता और कर्म जब इच्छा के अनुरूप हो तो कभी भी उलझने खड़ी नही होती हर ओर रास्ते बनते चले जाते हैं। बस हिम्मत डगमगा न पाये। हर किसी की जिंदगी से प्रेरणा जरूर लें मगर कार्य क्षेत्र अपनी इच्छा के अनुरूप ही चुने क्योंकि मजबूरी से चुना हुआ रास्ता सदैव थकान देता है। अपना कैरियर कभी भी दूसरों की सफलताओं को देख कर न चुने। मन को दृढ़ कर के अपना रास्ता तब तक तलाशते रहें जब तक धरती पर लहराते वृक्षों से हम जीवन रक्षक वायु ग्रहण कर रहे हैं। अब ये आप पर निर्भर करता है कि जिंदगी सीखते हुये जीना चाहते हो या जीते हुये सीख कर जिंदगी जीना चाहते हो। अपने कैरियर को पहिचान ने के लिए यहाँ पर  क्लिक करें। 
' एफिलेट मार्केटिंग और ब्लॉगिंग से करें कैरियर शुरू
एफिलेट मार्केटिंग और ब्लॉगिंग आज के समय का सबसे बेहतरीन रास्तों में से एक अति उत्तम रास्ता है। यदि आप भी ब्लॉगिंग और एफिलेट मार्केटिंग को अपना कैरियर बनाने जा रहे हैं तो इससे संबंधित वीडियो और ब्लॉग आप को पढ़ने चाहिए। यदि आप अच्छी जानकारी लेकर इस पर आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे तो निश्चित तौर पर आप सफल ब्लॉगर और एफिलेट मार्केटर बन सकते हैं।
अधिक जानकारी के यहाँ  क्लिक करें। 

Friday, August 17, 2018

ह्ववे जालू रे ह्ववे जालू रे
ह्ववे जालू!
तुम ज्योत जगा विकासकी
उजालु ह्ववे जालू!

पुंगड़ा बांजा राखा
पैंसा वाला सैर भाग
नेतौं का फैथर सेणी खाणी
भूल्या न!

मन्ख्यों तै मन्ख्यों की जुकुड़ी मा
मसेटू जन छाँ तुम गमजौणा
नेतौं का खातिर दिन रात
मुछाळी सी छा जुकुड़ी सुलगौंणा!

ह्ववे जालू रे ह्ववे जालू रे
ह्ववे जालू!
तुम ज्योत जगा विकासकी
उजालु ह्ववे जालू! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

#विकास
' आदरणीय अटल विहारी वाजपेयी जी की पवित्र आत्मा को कोटि कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि!!!

"मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं।" विशुद्ध कवि ह्रदय, प्रबुद्ध राजनैतिक विचारक, काल के कपाल पर लिखने-मिटाने' वाली यह आवाज आज हमेसा हमेसा के लिए अटल हो गयी। विनम्र श्रद्धांजलि!!! कोटि-कोटि नमन #आदरणीयअटलविहारीवाजपेयी

Wednesday, August 15, 2018

स्वतंत्रता दिवस की आप सभी देशवासियों को ढेरों शुभकामनाएँ एवं बधाईयाँl



Tuesday, August 14, 2018

हमने चोटें ही तो खाई है
बचपन से इस माटी में,
कभी आरक्षण कभी घोटाले
वोटों की इन जाति में।
निकले थे सबेरा देखने
उस अंधियारी घाटी में,
जल रहे हैं अरमान अब
दीप तले छाती में। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Sunday, August 12, 2018

देखल्यादौं

खोली तै आँखि आपरी
क्षणेक देखल्यादौं!

बोलण सी कैका क्या होण
सोची ल्यादौं!

देखल्यादौं
गौं घौर चौक सग्वाडी हफार
निरासेयाँ सैरा बार त्यौहार!

भट्याना छन विकास हवेगे,

खोली तै आँखि आपरी
क्षणेक,

रूसायूँ उत्तराखंड भी
देखल्यादौं @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Saturday, August 11, 2018

डिजिटल टेक्नोलॉजी का यदि उचित उपयोग यदि इस आधुनिक प्रकार की शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार के लिए किया जाय तो यह बहुत बड़ा महत्वपूर्ण कदम होगा। 

Tuesday, August 7, 2018



'Flipkart & Amazon Freedom Day Sale: स्मार्टफोन और होम अप्लायसेंस पर मिलेगी 80 फीसद तक की छूट'


अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए

https://www.amazon.in/





खौज ल्या उनका बोन बच्यांण
बानी बानी कि भौण छन
आफु दंक्या दन्की लग्यां
बिचारा बसग्याली बौह्ण् छन।

आँगुली उठा उठाकि देखा
आज बण्यां धौण छन
रौपणी सी ढान्ढ़ी बण्यां
बोना आफकु नौण छन। @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'



Monday, August 6, 2018


ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है, मित्रता दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की आप को ढेरों शुभकामनाएँ एवं बधाईयाँl


Saturday, August 4, 2018

चुनाव का मरघट ये अब,
फिर यूँ चरमराने लगा है।
फिर कत्ल होंगे हम तुम,
इन कातिलों का क्या है?
जख्म ही कुदेरे जाएँगे,
हर चेहरे के इस कदर।
नोच रहे हों फसलों को जैंसे,
जंगल से छूटे भूखे बन्दर।
कोहराम होगा महाभारत सा,
घर घर इस कदर जलाये जायेंगे।
राख-राख होगी ये इंसानियत,
फिर जुमले ही बरसाये जायेंगे। - @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

#चुनाव

Friday, August 3, 2018

बाँट दो ये जमीं
लहराती हवा
बहता हर पानी
बाँट दो, देश की बढ़ती हुई जवानी!
आँगन की चौखट
संसद की कुर्सी
कोर्ट कचहरी सब बाँट दो!
स्कूलों की शिक्षा
मंदिरों के मंत्र
अखबारों के पन्ने
गुरुद्वारे, मस्जिद चर्च शिवालय
बाँट दो, धर्मों की हर निशानी
बाँट दो देश के
हर अल्फाज को
सुख-सुविधा के
पनपते राज को
बाँट दो महकते रंग फिजा की परेशानी
पशुओं के पग चिन्ह
चिड़ियाओं के हर बिंब
धन दौलत के निशान
जलती चिताएं
सजते शमशान
बाँट दो ! बाँट दो ! बाँट दो - @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'












Sunday, July 29, 2018

ब्लोगिंग से हमें बहुत से लेखकों , साहित्यकारों , पत्रकारों , संपादकों , पत्रिकाओं शिल्पकारों कलाकारों आदि के बारे में जानने के लिए मदद मिलती है 

यदि आप भी इन महँ व्यक्तित्वों के बारे में जानना चाहते हैं तो कृप[या निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए :-





शिक्षा, जॉब, व्यवसाय की आशाएँ हमारे मन मस्तिष्क पर बरसाती नदियों की तरह अपने तटबंध तोड़ देती हैं। हम न चाहते हुये भी बहाव के उस मलवे की भांति बिखर जाते हैं। ज्यादातर ऐंसा ही होता है। जब तक हम लक्ष्य निर्धारित नही करेंगे और देखा देखी के रास्तों पर दौड़ना नही छोड़ेंगे तब तक आशाओं के बिंदुओं पर निराशाओं के घाव ही उभरते रहेंगे। आज यदि संसाधनों का उचित उपयोग किया जाय तो जॉब या व्यवसाय करना सबसे सरल है बस कमी है तो खुद को सुनियोजित ढंग से आगे न बढ़ा पाने की। जल्दी आप सभी मित्रों के लिए अपने ब्लॉग पर लेकर आ रहा हूँ जॉब और व्यवसाय की कुछ जानकारियाँ। आज कल बहुत से मित्रों के साथ साथ कई उन युवाओं के फोन आते हैं जो स्कूलिंग या प्रोफेशनल कोर्स कर के उस हकीकत वाली जमीं पर पाँव रखते हैं जहाँ से जीवन की अबोध लड़ाई शुरू होती है। सबसे पहले लोग जॉब तलाशते हैं ऐंसा क्यों ? ऐंसा होना भी स्वभाविक है क्योंकि 99%लोग अपने बच्चों को जॉब के लिए ही स्कूल, कालेज या प्रोफेशनल इंस्टीट्यूटों में भेजते हैं। सायद यह एक परंपरा है, हमें इससे कैंसे निकलना है यह भी मैं अपने ब्लॉग में बताने की कोशिश करूँगा, लेकिन इन सभी के पीछे हमारी एक मानसिकता है हम लोग कभी भी परंपरा से हट के खड़े होने से डरते हैं। डर कई तरह के होते हैं समाज का डर, परिवार का डर, खुद के असफल या पीछे रह जाने का डर, इन सभी डरों में मन की स्थिति को न पहिचान पाने का डर सबसे अधिक प्रभावशाली होता है। इस डर के कई कारण होते हैं इसका भी उल्लेख किया जायेगा। हो सकता है मेरे शब्द आपको आगे ले जाने में असमर्थ हो परन्तु मेरी शत-प्रतिशत कोशिश रहेगी शब्दों को मनन करने के बाद बार बार आपका मन और मस्तिष्क आपकी आशाओं को जागृत करता रहेगा और आपको अपनी आशा अनुरूप जॉब या व्यवसाय की ओर बढ़ने की शक्ति मिल पायेगी। हाँ इसके लिए आपको ब्लॉग पर निरंतर बना रहना होगा।

Friday, July 27, 2018

अखबारों की ये हालत है
हर पेज पर छीना झपटी
कहीं पर धरती की बेचैनी
कहीं पर साँसें हैं अटकी

कहीं मधुप से मंडराते हैं
कहीं पर आग लगाते हैं
गरजना सीखो ये मेघों इनसे
ये अखबार पानी बरसाते हैं।

शाम सुबह और दिन उलझे
सूरज चाँद सितारे झुलसे
इनसे आग निकल रही है।
बच रे मानव इनके कुल से।

इसका विस्तार हुआ जब से
मानव लाचार हुआ तब से
कलम सिसकती हैं देख नजारा
मदमस्त है ये अखबार आवारा।  @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'


Wednesday, July 25, 2018

जूड़ी दाथुडी हँसुली नाथुली
कन ऊ हमारा गैहणा छा
कथगा चुनाव देखिन हमन्
फिर भी हम सब भै-बैणा छा।

पर व्है क्याच यूँ द्वी सालू मा
आपस मा ही कटेंण् लग्याँ छा
बौक्णा छा झंडा लुकारु आफूतै
भाजपा काँग्रेस बतौण् लग्याँ छा।

गाळ-घातन् नि बौल्येंदा छा इथ्गा
जथ्गा अज्क्याल् बौल्येंदा छा
अंगोठू लगैकी इथ्गा तचिग्याँ
तैका तेल सी खौलेणा छा। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'






काँटों से कभी फूलों को दर्द नही होता,
रास्ता कभी कदमों से स्वर्ग नही होता,
हर हाल में चढ़नी पड़ती हैं सीढ़ियाँ,
अपनों का साथ हो या न हो मंजिल मे कभी फर्क नही होता। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, July 24, 2018

ट्रेनर्स एक एक सदाबहार कैरियर है, किसी भी विषय या टेक्नोलोजी को पढ़ना अपने आप ने एक अद्भुत कला है नये युवाओं के लिए सबसे बेहतरीन कैरियर सावित हो सकता हैl एम. आई. एस. (MIS) का किसी भी बड़ी कंपनी में बेहतरीन स्कोप हैl नॉएडा में एम आई एस ट्रेनिंग सेण्टर एक्सल प्रिन्स के नाम से बहुत विख्यात हैl
Prince Sethi
Excel Prince,
L 98, Sector 11, Near Metro Multi Specialty Hospital,
Noida- 201301 (U.P.) India
+91- 9953872217, 9810378217
फिर उठी वही नजर तुम्हारी
जिस नजर से तुमने छोड़ा था,
घर-गाँव, खेत-खलिहान,
अपने स्वार्थ के लिए!

आज फिर वही स्वार्थ
जागा है सायद तुम्हारा
क्योंकि तुम पक चुके हो
समय की आग में और
बन चुके हो फिर इंसान!

खोज रहे हो अपने धरातल को
स्वच्छ हवा पानी के घर को
कौन समझाए तुम्हें अब कैंसे
संभालोंगे इस भू तल के सौन्दर्य को।

तुम फिर चक्रव्यूह में उतर रहे हो
अर्जुन नही अभिमन्यु बन रहे हो
कर्त्तव्य नही कौशल जरूरी होता है
जीवन का क्या ये पल-पल में रोता है।

थक चुके हो सोच लो फिर, वक्त है
वक्त की दौड़ में वक्त ही कुचलेगा
स्वार्थ पीड़ा ने ठगा है फिर तुम्हें,
प्रकृति, पर्यावरण और पलायन को बदनाम मत कीजियेगा। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी
पतंगों को मारने की
साजिश रच रहे हैं,
रोशनी बढ़ाने की
ख्वाईश रख रहे हैं,
है माहौल बदलने का
तरीका ये कैंसा!
किसी के मातम में
आनंद रच रहे हैं। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'



Monday, July 23, 2018

अहंकारों की बाढ़ सी आ गयी है,
कुर्सियों से निशाने साधे जा रहे हैं।
महासंग्राम सा हो गया चुनाव अब
कहीं विभीषण तो कहीं कृष्ण तलाशे जा रहे हैं। @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर फरियादी'

मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।