Wednesday, October 1, 2014

''बढो आगे बढो''

बढो आगे बढो 

रूको मत चलते चलो 

पहिचानो उस सामर्थ्य को 

जो हृदय और मस्तिष्क पर 

चहलकदमी कर रही है ।

उतार दो उसे पथ पर 

चढ़ने मत दो उसे रथ पर 

स्वप्न संसार मे दौड़ने से 

बोलो भला क्या मिलेगा । रचना - सर्वाधिकार, सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी

Sunday, September 28, 2014

कोई भीख लेता है कोई भीख मांगता है, 
है भिखारी कौन ये कोई नहीं जनता, 
कोई महलों से फैलाता है हाथ अपना,
बटोरते हैं कोई चौराह से सपना 
फर्क बस रंग का है दोस्तों 
कोई काले कलूटे फटे बस्त्र समेटे 
कोई लहराता गेरुवा और खाकी भेष में 
देखो सूरमाओं का छुपा चेहरा मेरे देश में 
कोई भीख लेता है कोई भीख मांगता है, 
है भिखारी कौन ये कोई नहीं जनता l -रचना @ राजेंद्र सिंह कंवर 'फरियादी'

Wednesday, September 24, 2014

मेरी तश्वीर आँखों में सजा लो दीवारों पर आजकल परदे लटकते हैं l @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Monday, September 22, 2014

आओ रेत पे चलें

आओ रेत पे चलें
छाँव दे कुछ छाँ की अपनी
और धूप को हम
धूप से ही सुलगाते चले
आओ रेत पे चलें ।
दल दल मे धसने का
एक एहसास है ये
तुफान से लड़ने का
पल भी खास है ये
आओ रेत पे चलें

भूल भी नही सकते
शूल भी नही थकते
पाँव की चुभन भी यूँ
रेत पर उभरती है
आओ रेत पर चलें
आओ रेत पर चलें । गीत - सर्वाधिकार सुरक्षित - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, September 16, 2014

विज्ञापन को बस्तु की गुणवता और उपयोगिता का आधार न मना जाय क्योंकि जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण मिटटी होती है और लोग मिटटी को ही कुचल के चल देते हैं l - @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, September 2, 2014

पद्मा सचदेवा एवं बतौर मुख्य वक्ता शम्भुनाथ शुक्ल जी, कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ विमिलेश कांत वर्मा जी, साहित्यकार मनोज भावुक, अलका सिंह एवं क्षमा सिंह विशिष्ट अतिथि के हाथों विष्णु प्रभाकर साहित्य सम्मान लेते हुए मैं ये मेरा सौभाग्य है l




सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।

मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो।  सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...