Monday, September 22, 2014

आओ रेत पे चलें

आओ रेत पे चलें
छाँव दे कुछ छाँ की अपनी
और धूप को हम
धूप से ही सुलगाते चले
आओ रेत पे चलें ।
दल दल मे धसने का
एक एहसास है ये
तुफान से लड़ने का
पल भी खास है ये
आओ रेत पे चलें

भूल भी नही सकते
शूल भी नही थकते
पाँव की चुभन भी यूँ
रेत पर उभरती है
आओ रेत पर चलें
आओ रेत पर चलें । गीत - सर्वाधिकार सुरक्षित - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

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मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।