ब्लॉग में आपको अनेक विषय वस्तुओं पर जानकारियाँ मिलेंगी जैंसे Education, Technology, Business, Blogging आदि।
Tuesday, April 29, 2014
Friday, April 18, 2014
Wednesday, April 16, 2014
गीत
धुँआ जलते जिगर का देखते है कहाँ कब किसी ने,
अँगार सा जलता है ये और लोग देखते हैं पसीने,
जख्म इतने है बने विन खंजर के इस तन पे,
एक एक को कुरेदा है हर एक सदी ने ! गीत @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
अँगार सा जलता है ये और लोग देखते हैं पसीने,
जख्म इतने है बने विन खंजर के इस तन पे,
एक एक को कुरेदा है हर एक सदी ने ! गीत @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
लुटे हैं कई बार
डूब गया है मेरा भारत देखो चंद चेहरों में,
बिखर गया यहाँ का इंसान चुनावी घेरों में,
लुटे हैं कई बार बच बच के अपनों से,
फंसे हैं हर बार सागर सी लहरों में l रचना @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
बिखर गया यहाँ का इंसान चुनावी घेरों में,
लुटे हैं कई बार बच बच के अपनों से,
फंसे हैं हर बार सागर सी लहरों में l रचना @ राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
Subscribe to:
Posts (Atom)
सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।
मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो। सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...
-
मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।
-
तिमला (Timla) आम (Aam) सेब (Seb) Apple आरु (आडू) Aadu शहतूत (Shahtut) मोलू (Mili...
-
आखिर तुम कब खोलोगे ? खिड़कियाँ! अपने मन मस्तिष्क की। कानून, न्याय और अधिकार सब पर आधिपत्य है तुम्हारा! अपनी उलझनों पर तुम चटकनियाँ चढ़ा ...