लिख रहा हूँ कुछ मैं,
ध्यान फिर भी हैं,
हर लेख यूँ ही,
चर्चित नहीं हुआ करता
महफिल में हजारों
मिलते हैं हम से
यूँ तो हर कोई आपना
परिचित नहीं हुआ करता .........रचना राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
ध्यान फिर भी हैं,
हर लेख यूँ ही,
चर्चित नहीं हुआ करता
महफिल में हजारों
मिलते हैं हम से
यूँ तो हर कोई आपना
परिचित नहीं हुआ करता .........रचना राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'