Thursday, January 17, 2013

हाइकू 

मेरी आँखों में 

मंजिल की राह है 

मुझे जीने दो ! - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'



7 comments:

संजय भास्‍कर said...

मर्मस्पर्शी ... अभिव्यक्ति

संजय भास्‍कर said...

वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर...

संध्या शर्मा said...

बहुत खूब...

राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' said...

संजय जी, कैलाश जी एवं संध्या जी आप सब मित्रों का बहुत बहुत आभार

Anonymous said...


उम्र भर जी
मेरे आँगन मे आ
स्वागत तेरा ___

राजेन्द्र जी बेटी की बात करके आप हमेशा मुझे रुला देते हो - http://betibachaw.blogspot.in/

राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' said...

अभय जी बहुत बहुत धन्यवाद जी बेटी ही हम सब के जीवन का आधार है .................... इसके विन जीवन की कल्पना भी नै की जा सकती है और हम इसे अनदेखा कर रहे हैं

मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।