Monday, February 21, 2022

जन्मजात योग्यता

लेखन और वाचन ऐंसे अद्भुत प्लेटफॉर्म हैं जो कि लाखों लोगों की मनो दशाओं को पुनर्जीवित कर लेते हैं मगर ये सब उस पर निर्भर होता है जो सुनता है या पढ़ता है। कुछ योग्यताएँ इंसान के अन्दर जन्मजात होती हैं। जरूरी नही सबसे ज्यादा अभ्यास करने वाला ही सफल होता है। अपने उन गुणों की पहिचान करना अत्यधिक जरूरी है। खुद को जाँचिए कहीं आप विपरीत दिशा की ओर तो नही जा रहे है। ऐंसा अक्सर इसलिए होता है कि हम लोग देखा देखी की दौड़ में खुद को पहिचान ही नही पाते हैं। अपने पड़ोसी, दोस्त या रिश्तेदार की देखादेखी में खुद की मिट्टी को पहिचान ही नही पाते हैं। साथ ही घरवालों के साथ साथ समाज का दबाव इतना अधिक होता है कि हम लोग न चाहाते हुये भी अपने जन्मजात प्रतिभा को कभी पहिचानने की कोशिश ही नही करते बस देखा देखी की हवा में बह कर अपने कैरियर को उलझा के रख देते हैं। अठारह वर्ष से अठाईस तीस कब निकल जाते हैं आज के युवा को मालूम ही नही पड़ता, जब तक वह खुद को देखने लायक होता है उसके जीवन पर डिग्रियों का भार बढ़ जाता है, कोई भी डिग्री या सर्टिफिकेशन किया है तो दूसरा रास्ता उसके लिए एक दीवार बन कर खडा हो जाता है वो अठाईस से लेकर तीस बत्तीस साल तक अपनी डिग्री को रास्ते पर ले जाने कि कोशिश करता है मगर अपनी लाईफ को कभी एनालाईज (Analyse) करने की कोशिश नही कर पाता इतने में भी सांसारिक रीति रिवाजों के बंधन भी घर वालों के कारण भार बनते चले जाते हैं और फिर एक बीमारी जिससे लोग तनाव कहते हैं घेर लेती है। हां कार्य कोई बड़ा या छोटा नही होता मगर उस कार्य को करने के लिए हमारे अन्दर जन्मजात योग्यता है कि नही यह जान लेना आज के समय मे अत्यधिक महत्वपूर्ण है। खासकर युवा साथियों को अपने कैरियर चुनते हुए खुद को जान लेना बहुत जरूरी है। उदाहरण भरपूर भरे पड़े हैं हर तीसरा व्यक्ति अच्छे पैंसे कमाकर या अच्छे सूट पहन कर आप लोगों को मोटिवेट कर रहा है और युवा ह्रदय अति शीघ्र मोटिवेट हो भी जाता है मगर क्या लाखों की पढ़ाई या मोटिवेशन ट्रेनिंग तुम्हें तुम्हारा अस्तित्व दे पायेगी या नही। कृपया देखा देखी में कभी भी अपने जीवन को न उलझाएं। हर तथ्य को पलट कर जरूर देखें आज के समय में जितनी बेरोजगारी बढ़ रही है उससे कई गुना तेजी से जॉब, व्यवसाय ये स्टार्टअप बढ़ रहे हैं। अपने जन्मजात गुण खंगालना शुरू करें। यदि आपके पास कोई अच्छा सर्टिफिकेशन, डिग्री या पद है तो उसको लगातार अपग्रेड करते रहें। यदि नही है तो भी खुद को आज के एवं आने वाले समय के अनुसार अपग्रेड करो। यदि आप अपनी डिग्री या डिप्लोमा या पद प्रतिष्ठा के कारण खुद के अपग्रेडेशन को रोक रहे हैं तो यह खुद के साथ एक धोखा है। 

5 comments:

yashoda Agrawal said...

आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 22 फरवरी 2022 को साझा की गयी है....
पाँच लिंकों का आनन्द पर
आप भी आइएगा....धन्यवाद!

Jyoti khare said...

सच और सटीक बात कही है
शानदार आलेख
बधाई

Jyoti Dehliwal said...

विचारणीय आलेख, राजेन्द्र भाई।

Meena sharma said...

बड़े काम का लेख। युवाओं को स्वरोजगार की शिक्षा स्कूली जीवन से ही दी जानी चाहिए।

Aman Panwar said...

बहुत ही अच्छी रचना लिखतें हो आप आपकी यह रचना से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला हैं ऐसे ही रचना लिखते रहिये

मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।