बिखरे हुए अक्षरों का संगठन
ब्लॉग में आपको अनेक विषय वस्तुओं पर जानकारियाँ मिलेंगी जैंसे Education, Technology, Business, Blogging आदि।
Thursday, May 16, 2024
सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।
Sunday, July 30, 2023
Sunday, June 18, 2023
Saturday, April 15, 2023
मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)
Monday, October 10, 2022
खिड़कियाँ
आखिर तुम कब खोलोगे ?
खिड़कियाँ!
अपने मन मस्तिष्क की।
कानून, न्याय और अधिकार
सब पर आधिपत्य है तुम्हारा!
अपनी उलझनों पर तुम
चटकनियाँ चढ़ा के बैठे हो,
तुम्हारे हाथ मे कुछ नही
ये किस कंठ से कहते हो!
राम बनने की कोशिश में
हवा को छू लेते हो।
नाच रहा रावण मस्तिष्क पर
ये घूट कैसे पी लेते हो!
चाल दिख रही है हर एक को
ये कदमताल भी तुम्हारी ही है,
तुम जी रहे हों किस वहम में
ये लाचारी भी तुम्हारी ही है।
आखिर कब खोलोगे ?
खिड़कियाँ!
अपने मन-मस्तिष्क की। @- राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
#राजनेता
#टूटतासमाज
#तड़फतीइंसानियत
#कुर्सियाँ
#चालाकियाँ
Sunday, April 17, 2022
आपके शौक
कब कहाँ और कैंसे यह अचानक लोगों के लिए प्रेरणा बन जायें यह कोई सोच भी नही सकता। आज दुनियाँ में लाखों उदाहरण भरे पड़े हैं। जिन लोगों ने अपने शौक को निरंतर रूप से आगे बढ़ाया है उनका शौक समाज के लिए प्रेरणा तो बन गया परन्तु उस शौक ने उनके साथ साथ हजारों लोगों की जिन्दगी ही बदल डाली। पैंसा एवं प्रतिष्ठा ये दो ही ही शब्द हैं जिनके लिए हर व्यक्ति पूरी जिन्दगी भर समय एवं सांसारिक भावनाओं का बोझ ढोता है। जो भी दुनियाँ में आता है इन दोनों शब्दों से खुद को न चाहाते हुये भी अलग नही कर सकता है। यह एक चमत्कार है। आज दुनियाँ के सामने करोड़ों रास्ते हैं इन दोनों तक कि पद यात्रा करने के लेकिन 99% लोग बीच में ही अपनी आशाएँ छोड़ देते हैं, इसमें सबसे बड़ी बाधा समाज का मार्गदर्शन। जितने भी लोग आज सफल हुये हैं उनका सफलता का एक ही राज है शौक, यदि वह अपने शौक का गला घोट देते तो सफलता नही मिलती। समाज की नजरें आपको तब तक रोकती हैं जब आप सफल नही बन जाते, आपके सफल बनते ही समाज का नजरिया स्वतः ही बदल जाता है। याद रखें जो सामाजिक जन आकांक्षाएँ आपके कदमों पर सरसरी नजरें गढ़ायें रहती हैं वही आपके सफल होते ही आपकी वाहवाही करने लगती हैं। किसी भी बड़े प्रतिष्ठित व्यक्ति की जीवनी उठा कर देखें प्रत्यक्ष प्रमाण मिल जाता है। हम सब ये जानते हैं तो भी सफलता का प्रतिशत सदैव कम ही क्यों रहता है? इसका मुख्य कारण है 95% व्यक्ति व्यक्ति निरन्तरता से थक जाते हैं। यदि आप भी थक रहे हैं तो असफलता का दरवाजा आपका इंतजार कर रहा है।
Monday, February 21, 2022
जन्मजात योग्यता
सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।
मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो। सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...
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मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो। सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...
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जन जन से मिल कर शहर से निकल कर आती है सहमी सी आवाज की तुम मुझे बचालो! मुझे बचालो ! मुझे बचालो ! हर एक पहाड़ से टकराकर ...
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मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।