Sunday, December 12, 2021

शब्द

शब्द! रख लो कुछ मेरे, वक्त पर काम आयेंगे, कल मैं आऊँ या न आऊँ, ये सुबह शाम आयेंगे! शब्द! रख लो कुछ मेरे, वक्त पर काम आयेंगे! देखना! बदलता रहेगा हर चेहरे का रंग-रूप, धूप और पानी तो सब ये मौसम के नजारे हैं। उलझने तभी आती है जब जरूरी काम आयेंगे। शब्द! रख लो कुछ मेरे वक्त पर काम आयेंगे। @- राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

3 comments:

Unknown said...

b'ful words

हरीश कुमार said...

बहुत सुंदर

अनीता सैनी said...

उलझने तभी आती है जब जरूरी काम आयेंगे। शब्द! रख लो कुछ मेरे वक्त पर काम आयेंगे... वाह!क्या खूब कहा।
सादर

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