Monday, October 15, 2012

देश को बचाना है


है सौगंध तुम्हें भारत माँ की,
इस माटी पर उपकार करो,
लाज बचानी है माँ की अब 
तो संसद के उस पार चलो !

लोकतंत्र की अस्मत का देखो,
कैंसे चीथड़े-चिथड़े कर डाले हैं,
जनसंख्या दिखती नहीं उतनी,
जितने हर शहर में घोटाले हैं ! ....रचना - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' 



7 comments:

मन्टू कुमार said...

"जनसंख्या दिखती नहीं उतनी,
जितने हर शहर में घोटाले हैं !...."

कुछ बचता ही नही है कहने को |

Anonymous said...

तन की उजले मन के काले है
ये सब रावण,कंश,और शकुनी के साले है ||

इन दुष्टों का कुछ नहीं कर सकते राजेन्द्र जी

mridula pradhan said...

तो संसद के उस पार चलो !
theek bole.....

अनुभूति said...

कटाक्ष पूर्ण अभिव्यक्ति ..
वास्तव में यह सोचनीय प्रश्न है लूटमार हर तरफ हाहाकार ..कैसा है जनतंत्र का ये त्यौहार....??

Anonymous said...

Awesome issues here. I'm very happy to peer your post. Thank you so much and I'm taking a
look forward to contact you. Will you please drop me a mail?
Feel free to visit my web blog - serena18.thumblogger.com

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...



ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
♥~*~दीपावली की मंगलकामनाएं !~*~♥
ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
सरस्वती आशीष दें , गणपति दें वरदान
लक्ष्मी बरसाएं कृपा, मिले स्नेह सम्मान

**♥**♥**♥**●राजेन्द्र स्वर्णकार●**♥**♥**♥**
ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ

Randhir Singh Suman said...

nice

सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।

मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो।  सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...