Thursday, April 19, 2018

अपना ब्लॉग कैसे बनाएं तथा कैसे संजोएं How to make one's blog and maintain it



अपना ब्लॉग कैसे बनाएं? [How to make your own blog?] यह प्रश्न www पर पूछा जाता रहा है और हम भी यदा-कदा  इस प्रश्न से दो-चार हो जाते हैं IndianTopBlogs पर या फिर ईमेल पर. 

सच पूछिये तो दो प्रश्न  साथ  चलते हैं:  ब्लॉग कैसे बनाएं (How do I create a blog) तथा ब्लॉग को कैसे संजोएं (Ho do I maintain my blog) क्योंकि एक ब्लॉग बना देना तो बहुत मुश्किल नहीं है और हम नीचे बता रहे हैं कि कैसे बिना किसी खर्च के और बिना टेक्नोलॉजी के ज्ञान के करीब 30 मिनट में ही एक ठीक-ठाक ब्लॉग बनाया जा  सकता  है. बात रही ब्लॉग को खूबसूरत बनाने की, उसे ठीक से आगे बढ़ाने की, ब्लॉगिंग से धन कमाने की - इन सब  के लिए समय देना होता है, अनुशासन में रहकर काम करना होता है और बिना धैर्य खोए आगे बढ़ते रहना होता है. दोनों विषयों पर हम आपको अपनी सहभागी वेबसाइट IndianTopBlogs, के लिंक्स पर ले जाएंगे, लेकिन पहले देख लें ब्लॉग बनाने का सरल और कामगार नुस्खा.

नए ब्लॉगर साथियों के लिए तो यह उपयोगी होगा ही, पुराने साथी भी इसका लाभ अपने ब्लॉग को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं:


आज हमारे दिन की शुरवात ही चाय से होती है। क्या आपको स्पेशल चाय पसंद है? स्पेशल चाय के लिए चाय मसाला भी तो स्पेशल ही चाहिए न! चाय के लिए कहा जाता है कि "सुस्ती हटावें, स्फुर्ति दिलावे, सकल दर्द मिट जाय, जगत में चाय बड़ी बलवान!” तो आइए, आज हम बनाते है, चाय मसाला।

सामग्री-
• सौंठ-                     125  ग्राम
• काली मिर्च-             50  ग्राम
• लौंग-                      25  ग्राम
• इलायची-                25  ग्राम
• जायपत्री-                10  ग्राम
• कलमी (दालचीनी)- 25  ग्राम

विधि- How to make tea masala
• सभी मसालों को अच्छे से साफ़ कर लीजिए।
• दालचीनी को छोड़ कर बाकी मसाले कढ़ाई में डाल कर थोड़ी देर भून लीजिए। जब मसाले थोड़े से सीक जाए तब दालचीनी डाल कर दो मिनट और भून लीजिए।
• मसाले को ठंड़ा होने पर मिक्सर में बारिक पीस लीजिए।
 अब किसी एयर टाइट डब्बे में भर कर रख लीजिए। जब भी आपको चाय बनानी हो, स्वादानुसार स्पेशल चाय मसाला डाल कर चाय बनाइए। इस चाय मसाले से चाय एकदम स्वादिष्ट लगती है। 
• यह मसाला कई महिनों तक खराब नहीं होता।
टिप-
मसालों को सेंक कर पीसने से खुशबू अच्छी आती हैं।


Friday, March 30, 2018

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच द्वारा प्रदान की सम्मान पत्र। 


Friday, February 2, 2018

गीली मिट्टी
कभी आंखों में
नव अंकुर सी
रेखांकित कर देती 
पल-पल को
गीली मिट्टी!
सपने पलने लगते
अपने चलने लगते
एहसास दिला जाती
क्षण भर में
गीली मिट्टी!
लेना चाहता है स्वरूप
तेरे आगोश में छुप कर
टहलता हुआ जल
बदल देती है रूप
गीली मिट्टी!@ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Wednesday, November 15, 2017

आँखि खोल द्या
बक्त ऐगी देख्णो
आँखि खोल द्या
बक्त ऐगी बोनो 
भट्याकी बोल द्या
अदलि बदलि देख्ला कब तैं
अब त बटोल द्या!
बक्त ऐगी देख्णो
आँखि खोल द्या
बिस्त्रों मा न पाला यूँ तैं
अब त ख्खोड द्या
बक्त ऐगी बोनो
भट्याकी बोल द्या!
बक्त ऐगी देख्णो
आँखि खोल द्या
उगरा ग्ळयों अपरी खुटयों न
धोरा यूँ तै न औण द्या
बक्त ऐगी बोनो
भट्याकी बोल द्या!
बक्त ऐगी देख्णो
आँखि खोल द्या
कब तलक टक लागैकि
देख्ला ऊँ बाटियों
बक्त ऐगी बोनो
भट्याकी बोल द्या! @ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Tuesday, November 14, 2017

आँख्यों मा छळकदू आँसू 
पराण निरास्यूँ रै ग्याई
रट लगाईं रै उत्तराखंड की 
त्वी बतौ बणी उत्तराखंड तिन क्या पाई। 
कुठारी भौर्यालि उँ लोगून् 
चमकदा दरवार देख्याला
तुम रोंदाँ रयाँ सदानी इनि
कै दिन नींद मा तुम भी सेजाला।
भोळ औण नि फिर यू दिन
सुखी जाला आँसू रोंण नि तिन
गुठयारों मा बांदर रैला
धुरपालियों मा कंडाळी पैला।
हर्युं भर्युं गौं ह्वैजालू
फिर निवाति कोण्यों पर कन कै सेल्या
सुपिन्यों कु उत्तराखंड इनी पैला।
@ - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

Thursday, November 2, 2017

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मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।