Sunday, February 1, 2015


यू आँसू आँखों भीटी टप टप,

टपकुदु रै यू सदानी 

दुःख आ होलू सुख आ होलू 

कैन जाणी कैन पछाणी 

यू आँसू आँखों भीटी टप टप,

टपकुदु रै यू सदानी l गीत @ सर्वाधिकार, सुरक्षित - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' 


Monday, January 12, 2015

संकुचित हो कर रह गये मेरे शब्द, 

बिखर कर कहाँ अब घर मिलेगा, 


पीड़ा हो जिसमें हर मौसम की,

 
उस आँगन मे अब फूल खिलेगा । @ - पंक्तियाँ सर्वाधिकार, सुरक्षित - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'



सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।

मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो।  सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...