Sunday, May 5, 2013

एक लौ तो जला के देखो


उजाला खुद बिखरेगा तुम,

ज्योति जला के देखो !

पग पग पर रुकना भी पड़ेगा,

एक कदम बढ़ाके देखो !

बहुत कुचले है सर राह में,

एक बार सर उठा के देखो !

रोकेगा खुद तुम्हें तुम्हारा ‘हौसला’

एक इरादा खुद पे जाता के देखो !

चिंगारियां कई दिखेंगी रौशनी में,

तुम एक लौ तो जला के देखो !

कई चौराह मिलिंगे राह में

तुम एक राह तो बनाके देखो !

आवाजे कई मिलेंगी साथ में

तुम एक आवाज उठा के देखो ! - रचना – राजेन्द्र सिंह कुँवर ‘फरियादी’ 



सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।

मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो।  सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...