Sunday, October 28, 2018

पपीते के फायदे

सस्ता और हर सीजन में मिलने वाला फल पपीता सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसे खाने से पेट संबंधी तकलीफें दूर होती हैं, वहीं बालों और स्किन को भी खूबसूरत बनाता है। इसके और भी कई लाभ हैं।

जिन लोगों को किडनी की तकलीफ होती है, उन्हें रोज पपीता खाना फायदेमंद माना जाता है।
दांत संबंधी तकलीफें भी पपीता खाने से दूर होती हैं। दांत हिलने, दांतों से खून आने और ऎसी परेशानियों में राहत मिलती है।
पपीता खाने से आंखों की रोशनी भी अच्छी बनी रहती है।
अगर पेट में कीड़े हों, तो कच्चे पपीते का जूस फायदा करता है। इसे दिन में दो बार पीने से कीड़े खत्म होने लगेंगे।
खाली पेट पपीता खाने से बवासीर की शिकायत दूर होती है।
सेंधा नमक, जीरा पाउडर और नीबू के साथ खाने पर कब्ज दूर होती है।
महिलाओं के लिए पपीते का रस बहुत लाभकारी होता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान पपीता बहुत हानिकारक होता है, क्योंकि इसकी तासीर बहुत गर्म होती है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छी नहीं होती।

पपीते की पत्तियां भी रामबाण की तरह काम करता है, यह कैंसर को दूर करने में बहुत सहायक होती हैं।
पपीता वजन कम करने में भी काम आता है।
पपीते को मैश करके फेस पर लगाने से स्किन ग्लोइंग और मुलायम हो जाती है और रिंकल्स भी खत्म हो जाते हैं। इससे त्वचा जवां लगने लगती है।


Saturday, October 27, 2018

सपनों को कैंसे साकार करें

सपनों का पीछा तब तक करते रहें, जब तक आपकी मंजिल नही मिल जाती।  जॉब हो चाहे व्यवसाय इन दोनों के लिए के हम सभी लगातार संघर्ष करते हुये आ रहे हैं, किसी को जॉब चाहिए और किसी का सपना व्यवसाय का होता है परन्तु जैंसे जैंसे हम अपने शिक्षण संस्थानों से निकल कर इस प्रत्यक्ष बिंदु पर पंहुचते हैं सब कुछ भूल से जाते हैं जॉब और व्यवसाय क्या, कैंसे से ज्यादा महत्वपूर्ण यह हो जाता है कि बस किसी भी तरीके से जॉब मिल जाये, और जॉब भी उसी फील्ड में खोजते हैं जिस फील्ड की किताबें पढ़ कर निकले या जिस तरह के सर्टिफिकेट हमनें अपने शिक्षण संस्थओं से एकत्रित किये। यह एक सत्य है, नब्बे प्रतिशत लोग यही सब करते हैं और अपने जॉब या व्यवसाय के आस पास ही जीवन भर चक्र लगाते रहते हैं। आज का माहौल कुछ बदल सा गया है। हर ओर रास्ते बड़े सुन्दर दिखते हैं लेकिन हम जैंसे ही उन रास्तों की रफ्तार के मध्य खड़े होने की कोशिशें करते हैं तो चारों ओर सफल और असफल लोगों को खोजना शुरू कर देते हैं और इन दोनों पहलुओं को अपनी सीढ़ी बना लेते हैं अब रफ्तार भी उसी गति से बढ़ती है जिस गति से हम सोचते हैं। यह भी सत्य है कि सकारात्मकता की जगह नकारात्मकता अधिक प्रभावी होती है और हमनें कदम पर आगाह करती है असफल होने के लिए जिस वजह से हम अपना शतप्रतिशत नही दे पाते हैं। यह भी याद रहे, इसका दोष अब हम खुद की किस्मत को देते हैं।  जबकि किस्मत नाम की चिड़िया कभी होती ही नही है जिसने भी इस चिड़िया की खोज की है उसका उद्देश्य भी इस चिड़िया के नाम पर अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने का रहा होगा। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं विश्व में कितने बड़े बड़े ज्ञानी, वैज्ञानिक, समाजशास्त्री, न जाने कौन कौन कितने महान हुये यदि किस्मत की बात होती तो आज इंसान चांद के साथ साथ अन्य ग्रहों की यात्राएँ नही करता। बल्कि घर मे सो कर अपनी किस्मत को ही खोज रहा होता। छोड़ दीजिए किस्मत को दोष देना और अपने कदम जॉब या व्यवसाय की ओर आगे बढाईये। यदि कुछ अलग करना है तो दुनियॉ को मत दिखिये खुद के कदमों को देखना शुरू कीजिए। अपने एक एक कदम को जैंसे जैंसे आगे आगे बढ़ाते चलोगे उसकी एक एक हलचल लिखना शुरू कीजिए। यहीं से आपकी कहानी शुरू होगी और लोग आपको जानने लगेंगे। आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लगातार सीढ़ियों पर ध्यान रखें हर सीढ़ी आपको रोकती रहेगी।  पथ पर नकारात्मकता ज्यादा प्रभावी होती है हमें यह ज्यादा प्रभावित भी करती है और अधिकांश लोग यही पर अपने सपनों को छोड़ कर लौटने लगते हैं या किस्मत का हवाला मान कर अपनी गति रोक देते हैं जबकि सच्चाई ये हैं हमें इस स्थिति में अत्यधिक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना होता है। सफलता का यही छोर हम में से अधिकांश नही पकड़ पाते हैं। आज जॉब भी हैं, व्यवसाय भी हैं, लोगो के पास दुनियॉ भर के आईडिया भी हैं, संसाधन भी हैं सफलता के आँकड़े हैं और आसफलता के परििणाम भी हैं बस जिसकी कमी है वह धैर्य हैै। 


Friday, October 26, 2018

गिलोय

गिलोय के रस के अनेक लाभ हैं, जैसे―वायु विकार (गैस) में कमी, गठिया व जोड़ के दर्द से राहत, बुखार (Anemia), मोटापा, शरीर में टूटन-जकड़न, अभूख (appetite loss), थकान, कमजोरी, सोरायसिस (psoriasis) आदि सम्बंधी तकलीफों में लाभ हुआ है। इनके लिए इसे आप भी आजमा सकते हैं।

गिलोय, वानस्पतिक नाम Tinospora cordifolia एक बहुवर्षीय लता है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे अमृता, गुरुच या गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी आदि। गिलोय इतनी गुणकारी है कि इसका नाम अमृता रखा गया है। गिलोय की पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसके तनों में स्टार्च की भी अच्छी मात्रा होती है।

आयुर्वेद के अनुसार यह बुखार की महान औषधि के रूप में मानी गई है। इसके अतिरिक्त यह निम्नलिखित बीमारियों में बहुत लाभ पहुँचाती है―

खून की कमी दूर करें
गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर में खून की कमी को दूर करता है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी या शहद में मिलाकर सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।

मोटापा कम करें
गिलोय मोटापा कम करने में भी मदद करता है। मोटापा कम करने के लिए गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ लें। या गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आँवला मिला कर काढ़ा बनाकर इसमें शिलाजीत मिलाकर पकाएं और सेवन करें। इसका नियमित सेवन से मोटापा कम हो जाता है।

बुखार में फायदेमंद
गिलोय एक रसायन है जो रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोगनाशक, शोधनाशक और लीवर टॉनिक भी है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर लेने से बार-बार होने वाला बुखार ठीक हो जाता है। या गिलोय के रस में पीपल का चूर्ण और शहद को मिलाकर लेने से तेज बुखार तथा खांसी ठीक हो जाती है।

पेट के रोग में लाभकारी
गिलोय के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट से सम्बंधित सभी रोग ठीक हो जाते हैं। इसके साथ ही आप गिलोय और शतावर को साथ पीस कर एक गिलास पानी में मिलाकर पकाएं। जब उबाल कर काढ़ा आधा रह जाये तो इस काढ़े को सुबह-शाम पीयें।

गैस दूर करे
गैस, जोड़ों का दर्द, शरीर का टूटना, असमय बुढ़ापा, वात के असंतुलित होने का लक्षण है। गिलोय का एक चम्मच चूर्ण घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है।

गठिया
गिलोय का चूर्ण शहद के साथ खाने से कफ और सोंठ के साथ आमवात से सम्बंधित बीमारियां (गठिया) रोग ठीक होता है।

हृदय-रोग के लिए लाभकारी
गिलोय एक रसायन है, यह रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोगनाशक, शोधनाशक और लीवर टॉनक भी है। यह पीलिया और जीर्ण ज्वर का नाश करती है अग्नि को तीव्र करती है, वातरक्त और आमवात के लिए तो यह महा विनाशक है।

पीलिया के मरीजों के लिए गिलोय लेना बहुत ही फायदेमंद है। कुछ लोग इसे चूर्ण के रूप में लेते हैं तो कुछ इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर पीते हैं। आप गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं। इससे पीलिया में फायदा होता है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है।

गिलोय और किडनी की समस्या―
गिलोय का रस मूत्रल है। यह वृक्कों (गुर्दो―Kidney) की प्रक्रिया तेज करके अधिक मूत्र निकालता है। गिलोय हमारे लीवर तथा किडनी में पाए जाने वाले रासायनिक विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। वात की खराबी से पैदा होने वाले मूत्र सम्बंधी रोग गिलोय के रस से दूर होते हैं।

गिलोय रस के नुकसान―वैसे तो गिलोय का रस बहुत ही फायदेमंद है लेकिन इसको ज्यादा मात्रा में लेने से आपको ये नुकसान भी हो सकते हैं―
➤जिन व्यक्तियों को गिलोय की बेल से एलर्जी है उनको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
➤गिलोय का इस्तेमाल ज्यादा करने से आपको उल्टी या दस्त की समस्या हो सकती है।
➤यदि आप मधुमेह (diabetes) की औषधि ले रहे हैं तो बिना डॉक्टर से पूछे गिलोय का सेवन नहीं चाहिये।
➤गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी गिलोय का इस्तेमाल वर्जित है।
➤गिलोय को सर्जरी से पहले या ऑपरेशन के बाद सेवन नहीं करना चाहिए क्‍योंकि यह ब्‍लड शुगर को प्रभावित करता है, और इसके कारण सर्जरी के घाव सूखने में समस्‍या हो सकती है।

ब्‍लड शुगर का स्‍तर कम होने पर―
गिलोय के सेवन से ब्‍लड शुगर कम होता है। यह कब्ज और निम्न रक्त शर्करा (low blood sugar) की समस्या भी कर सकता है। इसलिए यदि ब्‍लड शुगर पहले से ही कम है तो गिलोय का सेवन बिलकुल भी न करें। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो ब्‍लड शुगर कम करते वक्‍त सावधानी बरतें। डायबिटीज में चिकित्‍सक की सलाह के बिना इसका सेवन न करें।

क्या छोटे बच्चों को गिलोय देना ठीक होगा?
बहुत छोटे बच्चों या फिर नवजात को गिलोय देना खतरनाक भी हो सकता है। अलबत्ता पांच साल की उम्र से बड़े बच्चों को गिलोय देने में कोई बुराई नहीं है। छोटे बच्चों को एक दिन में 250 मिलीग्राम से अधिक गिलोय बिल्कुल भी न दें।

पेट की समस्‍या होने पर―
अगर आपको पेट की समस्‍या है तो गिलोय का प्रयोग बिल्कुल न करें, क्‍योंकि इसके कारण अपच की शिकायत हो सकती है। अपच की समस्‍या होने पर इसका किसी भी तरह से (कैप्‍सूल या रस आदि) प्रयोग न करें। इसके कारण पेट में दर्द और मरोड़ की शिकायत भी हो सकती है।

स्व-प्रतिरक्षण शक्ति (Autoimmune) बीमारी का खतरा―
शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता (Immunity) का सुचारु होना बहुत जरूरी है, लेकिन यदि यह शक्ति बहुत अधिक सक्रिय हो जाये तो भी खतरनाक है क्‍योंकि इस स्थिति में ऑटोइम्‍यून बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। यानी गिलोय के अधिक सेवन से ल्‍यूपस, मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस आदि जैसी बीमारियां हो सकती हैं। अगर आपको ये बीमारियां हैं तो गिलोय का सेवन बिलकुल न करें।

गर्भावस्‍था के दौरान―
गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि इसके कारण इस दौरान शरीर पर नकारात्‍मक असर पड़ता है।

विशेष―डॉक्टर से पूछे बिना गिलोय या किसी अन्य औषधि का सेवन नहीं करना चाहिये। @
संग्रहकर्ता - श्याम सिंह रावत जी



.

Thursday, October 25, 2018

स्टेनलेस स्टील डोर Stainless steel doors

घर मे प्रवेश करते ही यदि सुन्दर दरवाजे के दीदार हो जायें तो कहना ही क्या! यही से सकारात्मक ऊर्जा का एहसास मिलना शुरू हो जाता है। यह एक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तथ्य भी है। फिर भी यदि हम इन सभी बातों को दरकिनार कर दे तो भी  स्टेनलेस स्टील डोर (Stainless steel door )का अपने आप मे आजकल बहुत ज्यादा महत्व बन चुका है। घर का आकर्षण तो बना ही रहता है लेकिन सबसे बड़ी खूबी इसकी घर की सुरक्षा है। साधारण दरवाजों को कोई भी आसानी से खोल या तोड़ देते हैं मगर यदि तकनीकी द्वारा निर्मित स्टेनलेस स्टील डोर ( Stainless steel door) का आप उपयोग करते हैं तो 100%घर मे चोरी होने से बच जाती है। स्टेनलेस स्टील डोर काफी मजबूत होता है और जब इसका निर्माण इसके उपयोग में होने वाली तकनीकी से किया जाता है तब यह और अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं।

Kunwar Bros & Co.
C 341, Sector 10,
Noida 201301 (U.P.) India
फोन 0120 4115709
kbsnco@hotmail.com
www.kunwarbros.in
www.kunwarbros.co.in
www.kbsnco.blogspot.in




Sunday, October 21, 2018

CIMSME Updates


PSB LOAN IN 59 MINUTES The Finance Ministry, Government of India has launched a web portal www.psbloansin59minutes.com for in-principle approval of MSME loans upto 1 crore within 59 minutes. Under the initiative, loans are processed without human interface till sanction/disbursement stage. The process will be algorithm based to read & analyse data from different data sources and provide an output of the summary of credit and valuation etc. of the applicant. The loan will be disbursed in 7-8 working days after the in-principle approval. The in-principle approval of loans through the website will not require any physical documents. Udyamimitra initiative of SIDBI SIDBI has launched many digital initiatives in the MSME space in the recent past such as sidbi.in, smallb.in, sidbistartupmitra.in, standupmitra.in. Recently SIDBI has launched another interactive portal www.udyamimitra.in for MSMEs. The portal is envisioned as a virtual marketplace providing end to end solutions under the MSME space including but going beyond credit services. The portal also provides handholding support to the MSME entrepreneurs in all respects. The portal seeks to provide across the board services which an MSME requires at the setting-up as well as growth stage. This is applicable to MUDRA loans (upto 10 lakhs) and loans under Stand-Up India Scheme for SC/ST and Women (10 lakh to 100 lakh) as well as other MSME loans. Key Highlights of the portals are :- Market place offering wider access- One application is available for all participating banks Online application – Access enabled for applying any time & from anywhere Facility for tracking your proposal- responsiveness is assured For more information visit www.udyamimitra.in

Monday, October 1, 2018

जानिए अपनी कलम की ताकत

अपनी लेखनी से अपना स्वरोजगार (Self Employment) शुरू कीजिए। है न सभी को हैरान करने वाली बात! बस ब्लॉगिंग ( Blogging ) और एफिलेट (Affiliate) के गुर सीखिये। कौन नही चाहता है कि उसका लेखन, उसकी कविताएँ, उसकी कहानी उसका लिखा कन्टेंट (Content)  उसके लिए स्वरोजगार (Employment) का माध्यम बने। आप किसके लिए लिखते हैं और क्यों लिखते हैं क्या आपके लेखन से आपको मेहनताना मिलता है ? कब से लिख रहे हैं आप ? क्या आपकी कलम द्वारा निकली पंक्तियों को केवल फेसबुक लाईक चाहिए ? क्या सिर्फ और सिर्फ आपके लेख पर वाह वाह लिख देने भर से आपको अपने लेखन का मेहनताना मिल जाता है। कितना समय देते हैं आप अपने लेखन को ? क्या लोकल मंच या गोष्टियों तक ही आपके लेखन की वाह वाह होती रहेगी या आप अपने लेखन प्रति गम्भीर हैं। क्या कभी किसी मंच संचालक या गोष्ठी संचालक ने आपको आपके लेखन की ताकत बताई है ? क्या आप अपने शौक के लिए लिखते हो ?

मित्रों समय बदल चुका है आप भी खुद को अपडेट कीजिए, यदि आप अपनी कलम की दोस्ती को बरकरार रखना चाहते हैं तो आपको समय के साथ सीखने और समझने की जरूरत है। आप फेसबुक पर या अन्य लोगों से सुन रहे होंगे या सुना होगा ब्लॉग, ब्लॉग केवल कविताओं या लेखों का ही प्लेटफॉर्म नही है बल्कि ब्लॉग (blog) आपके लिए रोटी जुटाने का भी काम कर सकता है बशर्ते आपको इसके लिए टेक्निक अध्ययन करना पड़ेगा। अक्सर हिंदी भाषी या हिंदी जानने वाले अधिकतर इन रास्तों से अनभिज्ञ होते हैं या विषय बस्तु अंग्रेजी में होने से अधिकांश हिंदी लेखक अपना रास्ता बदल देते हैं जबकि उन्हें इस बात का ज्ञान नही होता कि आज हर अंग्रेजी ब्लॉगर (blogger) हिंदी की ओर बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। हाँ एक बात साफ है यहाँ भी अन्य प्रोफाईलों जैंसा ही है हर तीसरे व्यक्ति अपनी रोटी नही पा सकता मगर यह भी सत्य है कि हर व्यक्ति यदि प्रयत्न करें तो अन्य नौकरियों और व्यवसाहियों जैंसा धन अर्जित कर सकता है और कुछ blogger कर भी रहे हैं। यह सिर्फ और सिर्फ अपने लेखन की ताकत को पहिचाने से हो सकता है। 

Sunday, September 30, 2018

बढो आगे बढो

बढो आगे बढो
रूको मत चलते चलो
पहिचानो उस सामर्थ्य को
जो हृदय और मस्तिष्क पर
चहलकदमी कर रही है ।

उतार दो उसे पथ पर
चढ़ने मत दो उसे रथ पर
स्वप्न संसार मे दौड़ने से
बोलो भला क्या मिलेगा । रचना - सर्वाधिकार, सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'


सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।

मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो।  सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...