कोई प्रशंसा करे या निंदा दोनों ही स्थिति में जीवन के मूल्य का ज्ञान हो जाता है, क्योंकि प्रशंसा प्रेरणा देती है और निंदा सावधान होने का अवसर प्रदान करती है।
ब्लॉग में आपको अनेक विषय वस्तुओं पर जानकारियाँ मिलेंगी जैंसे Education, Technology, Business, Blogging आदि।
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सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।
मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो। सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...
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दूसरों की खुशियों पे दुःख जताने वालों, आसमां की तरह छत चाहाने वालों, क्यों तिनके तिनके पे, इस कदर जलते हो, जब जलना ही है त...
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किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नही कितना चाहो बिखर जाओ पर रहोगे सदैव पंक्तियों में। किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नह...
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जन जन से मिल कर शहर से निकल कर आती है सहमी सी आवाज की तुम मुझे बचालो! मुझे बचालो ! मुझे बचालो ! हर एक पहाड़ से टकराकर ...
3 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (10-01-2021) को ♦बगिया भरी बबूलों से♦ (चर्चा अंक-3942) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ-
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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सार्थक विचार।
Nice article. Thank you for sharing.
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