Friday, January 8, 2021

प्रेरणादायक विचार

कोई प्रशंसा करे या निंदा दोनों ही स्थिति में जीवन के मूल्य का ज्ञान हो जाता है, क्योंकि प्रशंसा प्रेरणा देती है और निंदा सावधान होने का अवसर प्रदान करती है। 



3 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (10-01-2021) को   ♦बगिया भरी बबूलों से♦   (चर्चा अंक-3942)   पर भी होगी। 
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
--हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ-    
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सादर...! 
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
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मन की वीणा said...

सार्थक विचार।

Tarun said...

Nice article. Thank you for sharing.
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