उत्तरांखण्ड में कोई भी त्यौहार हो या शादी समारोह हलवा वहाँ का प्रमुख है या यूँ कह सकते हैं ये शुभ कार्यों के लिए एक प्रसाद है। आजकल उत्तरांखण्ड में लोग धान की रोपायियों में व्यस्त हैं। खेतों में काम करने वालों के लिए रोटी सब्जी के साथ हलवा जरूर बनता हैं पहले ये पारम्परिक तौर पर गेंहू के आटे का बनता था मगर समय के चक्र ने उससे भी लील लिया है।
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किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नही कितना चाहो बिखर जाओ पर रहोगे सदैव पंक्तियों में। किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नह...
2 comments:
आटे का हलवा तो गुड़ में ही स्वादिष्ट बनता है हम तो हफ्ते में दो दिन तो बनाते ही है। सूजी उतनी अच्छी नहीं
सही कहा।
पुरानी मान्यताएँ दम तोड़ती जा रही हैं।
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