Wednesday, July 1, 2020

हलवा एक पारंपरिक प्रसाद

उत्तरांखण्ड में कोई भी त्यौहार हो या शादी समारोह हलवा वहाँ का प्रमुख है या यूँ कह सकते हैं ये शुभ कार्यों के लिए एक प्रसाद है। आजकल उत्तरांखण्ड में लोग धान की रोपायियों में व्यस्त हैं। खेतों में काम करने वालों के लिए रोटी सब्जी के साथ हलवा जरूर बनता हैं पहले ये पारम्परिक तौर पर गेंहू के आटे का बनता था मगर समय के चक्र ने उससे भी लील लिया है।


2 comments:

कविता रावत said...

आटे का हलवा तो गुड़ में ही स्वादिष्ट बनता है हम तो हफ्ते में दो दिन तो बनाते ही है। सूजी उतनी अच्छी नहीं

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सही कहा।
पुरानी मान्यताएँ दम तोड़ती जा रही हैं।

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