कलम के सिपाई एवं मधुर स्वर से शब्दों के साधक आदरणीय श्री संदीप रावत जी से उनके आवास श्रीनगर ( डांग ) में एक अविस्मरणीय मुलाकात हुई। आदरणीय संदीप जी हमारी युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक के रूप में भी काम कर रहे हैं। उनका मधुर कंठ और पाहाडी क्षेत्रों की विलुप्त होते हुये शब्दों को मंच तक पहुंचा रहे हैं उनकी गायन शैली का मैं कायल हूँ। उन्होंने मुझे अपनी पुस्तक उदरोल भेंट स्वरूप प्रदान की। मेरा सौभाग्य है कि ऐंसे मनीषियों से मुझे मिलने का सौभाग्य मिलता है। बाकी पुस्तक पढ़ कर उनकी रचनाओं को आप सभी मित्रों तक पहुँचता रहूँगा। आदरणीय संदीप रावत जी के ब्लॉग का अवलोकन आप इस लिंक पर कर सकते हैं।
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सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।
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किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नही कितना चाहो बिखर जाओ पर रहोगे सदैव पंक्तियों में। किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नह...
1 comment:
Hardik Abhaar Fariyadi ji
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