राजा चौधरी का गया जमाना,
आज तो नेता अभिनेता का है !
कल फिर किसका होगा यारों,
ये हिंद फिर करवट लेता है !
गाँधी जी को सब भूल गए,
भूल गए झाँसी की ज्वाला को !
बीर भगत को भूल गए,
भूल गए राणा के भाले को !
हो संतान तुम भी इसकी,
यही वो भारत माता है !
जब - जब संकट आये हम पर,
तब - तब की अनोखी गाथा है !
दैंत्यो का जब अत्याचार बढा,
राम रूप में अवतार मिला !
गोरों ने चाह जब लूटना,
हिंद को एक नया विस्तार मिला !
असत्य सत्य पर जब था हावी,
हर हिंद वासी था गंभीर !
कृषण रूप में तारणहार मिला,
उभरी थी एक उज्जवल तस्वीर !
लगता है अब हिंद की,
फिर वही तैयारी है !
जो अत्याचार फैला रहे हैं,
अब उन नेताओं की बरी है ! .........रचना - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
4 comments:
बहुत सुन्दर राजेन्द्र जी हार्दिक बधाई
लगता है अब हिंद की,
फिर वही तयारी है !
जो अत्याचार फैला रहे हैं,
अब उन नेताओं की बारी है !
क्रांतिकारी विचारों से ओत - प्रोत सुन्दर रचना... शुभकामनायें
बहुत सुन्दर और उत्साह से ओत प्रोत रचना, आशा च आज कु जनमानस ये से कुछ जरुर सीखलू.
हार्दिक शुभकामना!!!
राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' जी हार्दिक बधाई उत्तराखंड की आवाज की राह पर आपका अग्रसर होना ... आपका सार्थक प्रयास जरुर उत्तराखंड के लिए उपयोगी होगा
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