एक छोटी सी कहानी है तेरे यादों की
जो निशा की तरह आती है
यूँ छुप कर छाया तेरा
घटा बन कर लहराता है
मगर यादों का साया है जिंदगी
जो फूलो की तरह तडफायेगी
दे कर एक झलक हंसी की
जिंदगी भर रुलाएगी
यूँ गुजरती जिंदगी की एक निगाह
ढलती शाम के किनारे तक पहुँची
खुशियों के लिवास से ढक लेंगे हर जख्म
हर याद पे एक जख्म देती है जिंदगी ....................... रचना-राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
1 comment:
जब तक जिंदगी है यादों के साये भी छाये रहेंगे...बहुत खूब...
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