Sunday, July 30, 2023

मशरूम (च्युं): एक प्राकृतिक उपज और औषधीय खजाना

मशरूम, जिसे कई पहाड़ी क्षेत्रों में "च्युं" कहा जाता है, एक प्रकार का फफूंद (fungus) होता है जो नमी और जैविक अपघटन वाली जगहों पर प्राकृतिक रूप से उगता है। यह न केवल एक स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ है, बल्कि इसके कई औषधीय और पोषण संबंधी लाभ भी हैं, विशेषकर आयुर्वेद में इसका विशेष महत्व है।
🌿 मशरूम (च्युं) के महत्वपूर्ण गुण पोषण से भरपूर:
मशरूम में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन B, D, सेलेनियम, पोटैशियम, तांबा, और आयरन प्रचुर मात्रा में होते हैं। कम कैलोरी और वसा रहित:
यह वजन कम करने वाले लोगों के लिए उत्तम आहार है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर:
इसमें ergothioneine और glutathione जैसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाना:
मशरूम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और वायरल संक्रमण से बचाता है। एंटी-कैंसर गुण:
कुछ शोध बताते हैं कि मशरूम में पाए जाने वाले बायोएक्टिव कंपाउंड्स कुछ प्रकार के कैंसर की संभावना को कम करते हैं। डायबिटीज़ में सहायक:
इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी होता है। 🌱 पहाड़ी क्षेत्रों में मशरूम (च्युं) का प्राकृतिक रूप से उगना
पहाड़ी क्षेत्रों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नेपाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में मशरूम वर्षा ऋतु (मानसून) में अधिक मात्रा में उगते हैं। ये मुख्यतः जंगलों, बगीचों, कटी लकड़ियों, नमी भरे स्थानों और गिरी हुई पत्तियों पर प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होते हैं। उगने की प्रक्रिया: नमी और तापमान:
मशरूम को उगने के लिए उच्च आर्द्रता और 20–30°C तापमान की आवश्यकता होती है। बायोडीकम्पोज़िशन:
पुराने पत्ते, लकड़ियाँ, गाय/भैंस का गोबर आदि जब सड़ते हैं, तो उनसे खाद बनती है जो मशरूम की वृद्धि को पोषण देती है। बीजाणु (Spores):
मशरूम के बीजाणु हवा में फैलते हैं और जब उपयुक्त वातावरण मिलता है, तो वे अंकुरित होकर मशरूम का निर्माण करते हैं। 🍄 मशरूम (च्युं) के प्रकार (पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाने वाले)
गुच्छी (Morchella):
दुर्लभ और अत्यधिक महंगी प्रजाति, जो हिमालयी क्षेत्रों में स्वाभाविक रूप से उगती है। दूधी च्युं (Milky Mushroom)
भूरे च्युं (Button Mushroom)
सफेद मशरूम (Oyster Mushroom)
सावधानी
सभी मशरूम खाने योग्य नहीं होते। जंगलों में उगने वाले कुछ मशरूम जहरीले होते हैं और पहचान में कठिन होते हैं। इसलिए केवल अनुभवी व्यक्ति द्वारा पहचाने गए मशरूम का ही सेवन करें।

Sunday, June 18, 2023

उत्तराखंड के फल-फूल

तिमला (Timla) तिमला (Timla) जिसे संस्कृत में काकोदुम्बर और अंग्रेजी में Wild Fig या Ficus Palmata कहा जाता है — एक प्राचीन, औषधीय और पोषण से भरपूर जंगली फल है, जो विशेषकर भारत के हिमालयी और उपहिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगता है।
तिमला (Timla) क्या है? वर्ग: यह अंजीर (Fig) परिवार का एक जंगली फल है।
प्राकृतिक रूप से उगता है: यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नेपाल, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। वृक्ष: इसका पेड़ मध्यम आकार का होता है और इसकी पत्तियाँ बड़ी और गहरी होती हैं। फल छोटे, गोल और बाहर से हरे या बैंगनी रंग के होते हैं।
तिमला के पोषक तत्व
तिमला में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं: फाइबर विटामिन A, C और K कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन एंटीऑक्सिडेंट और एंटीबैक्टीरियल तत्व
तिमला (Timla) के आयुर्वेदिक और औषधीय लाभ पाचन शक्ति बढ़ाता है तिमला में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो कब्ज को दूर करता है और आँतों की क्रियाशीलता सुधारता है। डायबिटीज़ में सहायक इसके फलों और पत्तों का काढ़ा रक्त शर्करा नियंत्रित करने में सहायक होता है। हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है और रक्त परिसंचरण सुधरता है। त्वचा रोगों में उपयोगी आयुर्वेद में तिमला को त्वचा संक्रमण, खुजली और फोड़े-फुंसी के उपचार में उपयोग किया जाता है। गले और श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी इसके पके फलों का सेवन गले की खराश, खांसी और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में लाभ देता है। दूध उत्पादन में सहायक (स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए) पारंपरिक ज्ञान में इसे दूध की मात्रा बढ़ाने में उपयोगी माना जाता है।
पहाड़ी क्षेत्रों में तिमला का महत्त्व
स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा: तिमला के पेड़ पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन और आश्रय प्रदान करते हैं, विशेषकर बंदर, चिड़ियाँ और मधुमक्खियाँ इसके फल व रस का सेवन करती हैं। स्थानीय चिकित्सा में प्रयोग: ग्रामीण और पहाड़ी समुदाय इसका उपयोग पारंपरिक घरेलू उपचारों में करते हैं। कुपोषण के विरुद्ध प्राकृतिक विकल्प: यह प्राकृतिक सुपरफूड पहाड़ी ग्रामीणों के लिए आवश्यक पोषण उपलब्ध कराता है, विशेषकर उन इलाकों में जहाँ आधुनिक चिकित्सा या पैकेज्ड फूड आसानी से नहीं पहुँचते।
तिमला का उपयोग कैसे करें?
फल के रूप में ताजा खाएं सूखा कर पाउडर या औषधि के रूप में उपयोग करें पत्तों का काढ़ा या रस बनाएं घरेलू नुस्खों में उपयोग करें (त्वचा, पेट या खांसी के लिए) सावधानी
अधिक मात्रा में सेवन करने से कभी-कभी दस्त या पेट में गैस हो सकती है। यदि आप एलर्जी प्रवृत्ति के हैं तो पहले थोड़ी मात्रा से शुरू करें।




आम (Aam)


सेब (Seb) Apple


आरु (आडू) Aadu


शहतूत (Shahtut)


मोलू (Mili)

बुराँस का पेड़ (Burans)

काफल का पेड़ (Kaafal)


काफल



घिंगारु ( Ghingaaru)

लिंगाड़े


रत्ता दाणी



ढादु





Saturday, April 15, 2023

मालू के पत्तलों एवं डोने (Maalu Done Pattal)

यदि आप गूगल, फेसबुक या सोशियल मीडिया के अन्य प्लेटफॉमों का उचित उपयोग करते हैं तो क्या नही मिल सकता है। बस मन में सदैव कुछ नया सीखने की चाह होनी चाहिए। गूगल या सोशियल मीडिया हर प्रकार से हमें सहायता मिलती है बशर्ते हम उन्हें उचित तरीकों से इस्तेमाल करना सीख जायें। आप सभी साथियों को यह जानकर हर्ष होगा कि विनोद घिल्डियाल जी कीर्तिनगर के मालूपाणी गाँव जिला टिहरी गढवल में मालू के पत्तल (प्लेट ) एवं डोने (कटोरियाँ ) एक समूह के साथ बना रहे हैं। अभी छोटी मात्रा में है उनका ये कारोबार, इसे आगे बढ़ाने हेतु जिला उधोग केंद्र से भी संपर्क साध रहे हैं।
आप सभी मालू के पत्तलों एवं डोने हेतु श्री विनोद जी से संपर्क कर सकते हैं। 
Vinod Ghildiyal ji +91 99271 46430

मुझे नही लगता है कि कभी उन्होंने गूगल की वर्ड सीखा होगा परंतु उनका की वर्ड से आज हर व्यक्ति उन तक आसानी से पहुँच सकता है। यदि डिजिटल का वास्तविक स्वरूप है। आप भी अपने उत्पाद एवं सर्विस को गूगल पर पंजीकृत (रजिस्टर्ड ) जरूर करें। 


मुझे उनका पता निम्न लिंक से प्राप्त हुआ

https://www.google.com/search?q=maalu+dona+pattal&hl=en-IN&authuser=1&ei=F6E6ZLTaPKvKseMPtISxyAs&oq=maalu+dona+pattal&gs_lcp=ChNtb2JpbGUtZ3dzLXdpei1zZXJwEAM6BAgeEAo6BQgAEKIESgQIQRgBUPQQWPEmYLItaABwAHgAgAGWAogBswmSAQUwLjQuMpgBAKABAcABAQ&sclient=mobile-gws-wiz-serp#trex=m_t:lcl_akp,rc_f:rln,rc_ludocids:13792938135258457118,ru_gwp:0%252C7,ru_lqi:ChFtYWFsdSBkb25hIHBhdHRhbEj2qKuG87mAgAhaIxAAEAEQAhgAGAEYAiIRbWFhbHUgZG9uYSBwYXR0YWwyAnRhkgEVZGlzcG9zYWJsZV9pdGVtc19zaG9wqgE6EAEqFSIRbWFhbHUgZG9uYSBwYXR0YWwoLjIfEAEiGx6oVYk2MCPLjuvaQsjiGw-891rJQlooXX6LsQ,trex_id:rkKUHe&lpg=cid:CgIgAQ%3D%3D

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सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।

मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो।  सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...