ब्लॉग में आपको अनेक विषय वस्तुओं पर जानकारियाँ मिलेंगी जैंसे Education, Technology, Business, Blogging आदि।
Saturday, August 23, 2014
Wednesday, August 13, 2014
माँ के चार रूपों की आज स्थिति स्त्री, गौ, धरती और भाषा
माँ के हर रूप को देखो
ये कैंसे नोंच रहे हैं l
बैठे हैं हम शांत तपोवन में
नजरें झुकाए क्या सोच रहे हैं ?
कट रही गौ एक तरफ
लुट रही लौ एक तरफ
क्षीण हो रही दिव्या धरा की शाखाएँ
मिट रही पल-पल अपनी ही भाषाएँ
और हम मौन खड़े गूंगे बैठे हैं l
माँ के हर रूप को देखो
ये कैंसे नोंच रहे हैं l
बैठे हैं हम शांत तपोवन में
नजरें झुकाए क्या सोच रहे हैं ? रचना सर्वाधिकार सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
ये कैंसे नोंच रहे हैं l
बैठे हैं हम शांत तपोवन में
नजरें झुकाए क्या सोच रहे हैं ?
कट रही गौ एक तरफ
लुट रही लौ एक तरफ
क्षीण हो रही दिव्या धरा की शाखाएँ
मिट रही पल-पल अपनी ही भाषाएँ
और हम मौन खड़े गूंगे बैठे हैं l
माँ के हर रूप को देखो
ये कैंसे नोंच रहे हैं l
बैठे हैं हम शांत तपोवन में
नजरें झुकाए क्या सोच रहे हैं ? रचना सर्वाधिकार सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
Tuesday, August 12, 2014
भूल कर मातृभाषा को हम
देश भक्त बनते जा रहे हैं l
समेट रहे हैं पश्चिम को हर ओर
और तिरंगा खुद का लहरा रहे हैं l
लेटी हुई है शय्या पर भाषा और
हम हिंदी के गुण गा रहे हैं l
लेकर अग्नि हम हाथों में
हिंदी को रोज जला रहे हैं l
भूल कर मातृभाषा को हम
देश भक्त बनते जा रहे हैं l
है नहीं कोई रक्षक दल अपना
जो गौरव से अपनी भाषा बोले
देखो दाग रहे हैं सीमा से
अपनी भाषा पर ही वो गोले l
भूल कर मातृभाषा को हम
देश भक्त बनते जा रहे हैं l
समेत रहे हैं पश्चिम को हर ओर
और तिरंगा खुद का लहरा रहे हैं l - रचना सर्वाधिकार सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी;'
देश भक्त बनते जा रहे हैं l
समेट रहे हैं पश्चिम को हर ओर
और तिरंगा खुद का लहरा रहे हैं l
लेटी हुई है शय्या पर भाषा और
हम हिंदी के गुण गा रहे हैं l
लेकर अग्नि हम हाथों में
हिंदी को रोज जला रहे हैं l
भूल कर मातृभाषा को हम
देश भक्त बनते जा रहे हैं l
है नहीं कोई रक्षक दल अपना
जो गौरव से अपनी भाषा बोले
देखो दाग रहे हैं सीमा से
अपनी भाषा पर ही वो गोले l
भूल कर मातृभाषा को हम
देश भक्त बनते जा रहे हैं l
समेत रहे हैं पश्चिम को हर ओर
और तिरंगा खुद का लहरा रहे हैं l - रचना सर्वाधिकार सुरक्षित राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी;'
Subscribe to:
Posts (Atom)
सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा।
मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो। सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के र...
-
दूसरों की खुशियों पे दुःख जताने वालों, आसमां की तरह छत चाहाने वालों, क्यों तिनके तिनके पे, इस कदर जलते हो, जब जलना ही है त...
-
जन जन से मिल कर शहर से निकल कर आती है सहमी सी आवाज की तुम मुझे बचालो! मुझे बचालो ! मुझे बचालो ! हर एक पहाड़ से टकराकर ...
-
किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नही कितना चाहो बिखर जाओ पर रहोगे सदैव पंक्तियों में। किस्मत तुम्हारी भी नही किस्मत हमारी भी नह...