द्नकण ल्ग्ज्ञाछीन
नान्नी ख्यूटीयोंन
जुकड़ी
मा बांधिक पापी पीड़ा
भुलअला
भी त कनकै क भुलअला
आन्ख्यों
मा आंसू समाल्य्धिक !
चुबुणु
रल्लू यु याद कु कान्डू
घंतुलियों
की तीस कन कै बुझअला
मुखुडी
की रौनक त छूपाई भी जांदी
क्यूँकाल्यु सी बाडूली कन मा भुलअला !
द्नकण ल्ग्ज्ञाछीन
नान्नी ख्यूटीयोंन
जुकड़ी
मा बांधिक पापी पीड़ा
भुलअला
भी त कनकै क भुलअला
आन्ख्यों मा आंसू समाल्य्धिक !
शहरु की चकाचोंद मा
बिसरी भी जाला त
जुकुड़ी कु डाम कन कै मीटैला
जग्दु अंगार सी सुल्गुणु रंदू जू
तै आग तै कन मा !
अदाण कु ऊमाल्द सी बार बार अलू
भाड पौंअण सी तुम कन मा बचौला
जुकड़ी
मा बांधिक पापी पीड़ा
भुलअला
भी त कनकैक भुलअला ! – गीत – राजेन्द्र सिंह कुँवर ‘फरियादी’
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