मन्खियों कु डिमडियाट नि
पोथ्लोउन कु छिबडाट नि
यखुली यखुली तुमारी खुद मा
कन यु विचारू अंगण गुठीयार च
धार खाल्यु मा डांडीयौं का बिच
गाड गदरियों मा पन्देरी नि च
पुंगडी उदास होईं सारियों बिच
कख गै यु मन्खी खबर नि च
दूध की अकाल होईं गौं खालु बजार
दारू देख विक्नू यख बानी बानी की धार
स्कुलु मा मास्टर निन पट्टियों मा पटवारी
शहरु मा घुम्णी छन बौंणु की घस्यारी
बकरोंल्यु भी मगन होऊं च
बखरों छोड़ी ठेका जायुं च
हाथ की लाठी खोय्गी अब
देखा बिचाराकु पवा थामियुं च ...........गीतकार -.राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
पोथ्लोउन कु छिबडाट नि
यखुली यखुली तुमारी खुद मा
कन यु विचारू अंगण गुठीयार च
धार खाल्यु मा डांडीयौं का बिच
गाड गदरियों मा पन्देरी नि च
पुंगडी उदास होईं सारियों बिच
कख गै यु मन्खी खबर नि च
दूध की अकाल होईं गौं खालु बजार
दारू देख विक्नू यख बानी बानी की धार
स्कुलु मा मास्टर निन पट्टियों मा पटवारी
शहरु मा घुम्णी छन बौंणु की घस्यारी
बकरोंल्यु भी मगन होऊं च
बखरों छोड़ी ठेका जायुं च
हाथ की लाठी खोय्गी अब
देखा बिचाराकु पवा थामियुं च ...........गीतकार -.राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
2 comments:
अच्छा शब्द चित्र खींचा आपने उत्तराखंड का।... वाकई स्थिति इससे से भी बदतर है। आभार !
Very nice post.....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.
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